नूंह: महिलाओं-बच्चों को बचाने निहत्था भिड़ा अभिषेक हुआ बलिदान
महिलाओं-बच्चों को बचाने निहत्थे लड़ा अभिषेक चौहान’: भावुक महिलाओं ने माँगी बलिदानी का दर्जा,मामा बोले- अब बहन को क्या कहूँगा
नूहं हिंसा में महिलाओं को बचाते हुए बलिदान हुए अभिषेक राजपूत (फाइल फोटो)
हरियाणा के नूहं में 31 जुलाई 2023 (सोमवार) को जलाभिषेक यात्रा के दौरान मुस्लिम भीड़ ने हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया। इस हमले में पानीपत से आए बजरंग दल के प्रखंड संयोजक अभिषेक राजपूत उर्फ अभिषेक चौहान की मौत हो गई थी। दंगाइयों ने अभिषेक को पहले गोली मारी। उसके बाद गला काटकर उनके सिर को पत्थरों से कुचल दिया। इस घटना के गवाह अभिषेक के चचेरे भाई हैं।
22 साल के मृतक अभिषेक के चचेरे भाई महेश ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जैसे ही वो अपने भाई के साथ शिव मंदिर से बाहर निकले, वैसे ही हमलावर भीड़ को अपनी तरफ बढ़ते देखा। भीड़ के पास तलवारें, बंदूकें और पत्थर थे। भीड़ ने लोगों को पीटना शुरू कर दिया और वाहनों में आग लगा दी।
तभी हमलावरों ने गोली चला दी,जो अभिषेक को जा लगी। गोली लगते ही अभिषेक जमीन पर गिर पड़े। महेश ने अपने भाई की मदद को लोगों को पुकारा,लेकिन आसपास कोई नहीं था। इसलिए कोई नहीं आया। 25 वर्षीय महेश ने आगे बताया कि वो अपने घायल भाई अभिषेक को कहीं सुरक्षित स्थान पर ले जाने की कोशिश कर रहे थे।
इस बीच भीड़ में से एक हमलावर बाहर आया और उसने अभिषेक की तलवार चलाकर गर्दन काट दी और भाग गया। इसके बाद मुझे भी वहाँ से भागना पड़ा। लगभग 1 घंटे बाद पुलिस वाला आया और अभिषेक को अस्पताल पहुँचाया। तब तक अभिषेक की मौत हो चुकी थी।
महिलाओं को बचाते बलिदान हुआ अभिषेक
पानीपत की एक महिला ने मीडिया से बात करते हुए खुद को हिंसा की भुक्तभोगी बताया। महिला ने कहा, “उन्होंने (मुस्लिम भीड़ ने) हमारे बस पर पथराव किया। हमारे बच्चे हमें बचाने के लिए नीचे उतरे। निहत्थे होने के बावजूद भी उन्होंने हमें बचाने की पूरी कोशिश की। वो डरे नहीं कि उनके हाथ में हथियार नहीं है।”
महिला ने कहा, “बस में सारी औरतें और बच्चे थे। उन्होंने (अभिषेक राजपूत) ने बहादुरी से मुकाबला किया। हमारा बच्चा बलिदान हो गया। हमें गर्व है कि ये बच्चा हमारे पानीपत का था।” लोगों ने अभिषेक के लिए बलिदानी का दर्जा देने की माँग की।
अभिषेक का शव लेने से परिजनों का इंकार
अभिषेक के मामा राजेंद्र चौहान का कहना है कि अभिषेक अपने परिवार में अकेला कमाने वाला था। उसी की कमाई से घर का घर चलता था। उन्होंने कहा कि पता नहीं अब उनकी बहन का परिवार कैसे चलेगा। राजेंद्र चौहान ने कहा कि 12वीं पढ़ने के दौरान ही कमाने के लिए अभिषेक ने कार मैकेनिक का काम शुरू कर दिया था।
आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई के साथ अभिषेक राजपूत के परिवार वालों को 1 करोड़ रुपए मुआवजा और घर के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी की माँग की जा रही है। हालाँकि, प्रशासन ने अपने स्तर पर कोई भी आश्वासन मुआवजा या नौकरी का देने से मना कर दिया है।
पानीपत के बजरंग दल जिला संयोजक बॉबी ने बताया कि अभिषेक राजपूत का अंतिम संस्कार हो गया है। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की। अभिषेक की हत्या के मामले में 13 लोग नामांकित हैं।
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