न्यूज़ क्लिक पर आतंकी धाराओं में मुकदमा क्यों? क्या होती है सजा?
NewsClick केस में क्यों लगाई गई हैं एंटी-टेररिस्ट एक्ट UAPA की धाराएं? क्या है सजा
Raid on NewsClick: न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक पर मंगलवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बड़ी कार्रवाई की. न्यूजक्लिक के 80 ठिकानों पर छापे मारे. 46 लोगों से पूछताछ के बाद फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती गिरफ्तार किये. इस केस में अब तक क्या-क्या हुआ? जानिए..
न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ
नई दिल्ली,04 अक्टूबर 2023 दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने मंगलवार को न्यूज वेबसाइट न्यूक्लिक के 85 ठिकानों पर छापे मारे. संस्था के कई पत्रकारों से पूछताछ भी की.इसके बाद न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती गिरफ्तार कर लिये.
छापे में दिल्ली पुलिस ने मोबाइल,लैपटॉप समेत 80 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किये.इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच होगी.बैंक खातों की डिटेल भी खंगाली जाएगी.
स्पेशल सेल ने नया मुकदमा लिख जांच शुरू की है.स्पेशल सेल ने सेंट्रल एजेंसी से मिले इनपुट पर कंपनी पर छापा मारा.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी फंडिंग सोर्सेस जांचने न्यूजक्लिक के परिसरों पर छापे मारे थे.
विवेचना – न्यूजक्लिक मीडिया पर UAPA क्यों ?:क्या चीनी प्रोपेगैंडा फैलाने को मिले 38 करोड़ रुपए; आरोपों की पूरी कहानी
2 अक्टूबर 2023 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सीनियर अफसरों ने मीटिंग कर 3 अक्टूबर को सुबह 6 बजे दिल्ली,नोएडा,गाजियाबाद,गुरुग्राम और मुंबई में न्यूजक्लिक से जुड़े पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स के ठिकानों पर एक साथ छापे मारे।
पत्रकार अभिसार शर्मा,उर्मिलेश सिंह,परंजॉय गुहा ठाकुरता और भाषा सिंह पर भी छापे पड़े। छापेमारी में पुलिस ने इनके मोबाइल,लैपटॉप और हार्ड डिस्क वगैरह जब्त किए।
यहां जानेंगे कि क्या न्यूजक्लिक को चीनी प्रोपेगैंडा फैलाने को करोड़ों की विदेशी फंडिंग मिली,पत्रकारों पर छापे की पूरी कहानी…
ऑनलाइन न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक में देश-दुनिया की खबरें प्रकाशित होती हैं। इसे PPK न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चलाती है। प्रबीर पुरकायस्थ ने 2009 में कंपनी की शुरुआत की थी। वही इसके एडिटर-इन-चीफ भी हैं।
न्यूजक्लिक फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ऑफिस ले जाया गया। 3 अक्टूबर देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
3 साल पहले FIR और फिर ED छापे से शुरू हुई कहानी
दिल्ली पुलिस ने अगस्त 2020 में न्यूजक्लिक के खिलाफ FIR लिखी थी। इसमें आरोप लगाया था कि वेबसाइट को अमेरिकी कंपनी वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स LLC से 9.59 करोड़ रुपए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला।10-10 रुपए के शेयर 11,510 रुपए प्रति शेयर की प्रीमियम कीमत पर खरीदे गये जबकि तब न्यूजक्लिक कोई मुनाफा नहीं कमाती थी। ऐसा इसलिए किया गया,ताकि भारतीय मीडिया संस्थानों में 26% FDI की ऊपरी सीमा से बचा जा सके।
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने न्यूजक्लिक के दफ्तर,इससे जुड़े निदेशकों और शेयरधारकों के ठिकानों की तलाशी ली। ये कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी PMLA में हुई थी। सर्च में विदेशी करेंसी,कुछ डॉक्यूमेंट्स और डिजिटल साक्ष्य सीज हुए।
ED के अन्वेषण में न्यूजक्लिक को 3 साल में 38.05 करोड़ रुपए विदेशी पैसा मिलने की बात सामने आई। न्यूजक्लिक को 9.59 करोड़ रुपए FDI से और 28.46 करोड़ रुपए सर्विसेज के एक्सपोर्ट के मिले थे। साक्ष्यों की पड़ताल में इस फंडिंग पर सवाल खड़े हुए।
नीचे फ्लो चार्ट में देखिए, ED के अनुसार न्यूजक्लिक को 38.05 करोड़ की विदेशी फंडिंग कैसे हुई…
आरोपः चीनी प्रोपेगैंडा को न्यूजक्लिक को मिली करोड़ों की फंडिंग
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने 5 अगस्त 2023 को एक खोजी रपट प्रकाशित की जिसमें कहा गया कि अमेरिकी अरबपति नेविल रॉय सिंघम ने चीनी प्रोपेगैंडा बढ़ाने को दुनिया की कई संस्थाओं को पैसा दिया है। इनमें भारत की न्यूजक्लिक वेबसाइट भी शामिल है।
NYT के मुताबिक नेविल रॉय सिंघम सीधे तौर पर चीनी सरकार के निर्देशों पर काम नहीं करता। हालांकि,वो उन संस्थाओं से जुड़ा है,जो दुनिया में चीनी उपलब्धियां का बखान करती हैं। 69 साल का सिंघम चीन के शंघाई में बैठता है। वहां उनका नेटवर्क यूट्यब पर शो चलाता है। इसके लिए शंघाई का प्रोपेगैंडा विभाग भी पैसा देता है।
सिंघम से मैसाचुसेट्स में एक थिंक टैंक,मैनहटन की संस्था,दक्षिण अफ्रीका में एक राजनीतिक दल,भारत और ब्राजील में न्यूज ऑर्गेनाइजेशन सहित कई ग्रुप जुड़े हैं। इनके पास अरबों डॉलर के साधन हैं।
मुकदमा : 17 अगस्त को न्यूजक्लिक के खिलाफ लिखा गया UAPA का मुकदमा
7 अगस्त 2023 को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में NYT की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कई पत्रकारों पर चीनी प्रोगेगैंडा फैलाने के आरोप लगाए। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा कि नेविल रॉय सिंघम का सीधा संपर्क कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के प्रोपेगैंडा विंग से है। सरकार लंबे वक्त से बता रही है कि न्यूजक्लिक प्रोपेगैंडा की खतरनाक वैश्विव चाल है।
इसके बाद 17 अगस्त 2023 को न्यूजक्लिक के खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट यानी UAPA और IPC की धारा 153ए (दो समुदायों में शत्रुता बढ़ाना) और 120बी (क्रिमिनल कॉन्सिपिरेसी) में मुकदमा लिखा गया।
मंगलवार 3 अक्टूबर को इसी आधार पर कार्रवाई हुई है। दिल्ली पुलिस ने मामले से जुड़े 46 लोगों से पूछताछ की। इनमें 37 पुरुष और 9 महिलाएं शामिल थीं। न्यूजक्लिक और इससे जुड़े पत्रकारों के 31 ठिकानों पर स्पेशल सेल ने तलाशी ली।
रेड में पुलिस ने लैपटॉप,मोबाइल,हार्ड डिस्क और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सीज किए। न्यूजक्लिक के ऑफिस से जब्त सामान ले जाते कर्मचारी (Photo: PTI)
इसके अलावा दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इसमें न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और न्यूजक्लिक के HR अमित चक्रवर्ती शामिल हैं। उन्हें बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
आरोपों पर न्यूजक्लिक का पक्ष और पूछताछ में सम्मिलित पत्रकारों के बयान
2021 में न्यूजक्लिक पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा, तो संस्थान ने कहा था कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। न्यूज़क्लिक के मुताबिक, उसका भारतीय कोर्ट में भरोसा है और भारतीय कानून के हिसाब से काम करेगा। संस्थान ने तब ये भी कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मुकदमे में न्यूजक्लिक के पक्ष में एक फैसला सुनाया और कंपनी अधिकारियों को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी।
फरवरी 2021 में ED की छापेमारी के बाद न्यूजक्लिक ने कहा था कि उसके पास छिपाने को कुछ भी नहीं है और कंपनी ने सभी कानूनी प्रक्रिया पालन किया है। अगस्त 2023 में NYT की रिपोर्ट आने पर न्यूजक्लिक ने आरोपों पर कहा कि उनके खिलाफ कई तरह के झूठे और आधारहीन आरोप लगे हैं।
पत्रकार अभिसार शर्मा ने एक वीडियो में कहा कि वो न्यूजक्लिक में न तो किसी पद पर थे और न ही कोई कर्मचारी थे। न्यूजक्लिक में वो कॉन्ट्रिब्यूट करते थे। इसके लिए उन्हें हर महीने 2.35 लाख रुपए मिलते थे। न्यूजक्लिक के लिए वो ‘इंडिया की बात’ प्रोग्राम करते थे।
25 सवालों की सूची
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने न्यूजक्लिक से जुड़े पत्रकारों के लिए 25 सवालों की सूची तैयार की थी.इसमें 2020 के दिल्ली दंगे,किसान आंदोलन और विदेश यात्रा जैसे सवाल हैं.
पत्रकार परंजय गुहा ठाकुरता ने बताया, सुबह साढ़े छह बजे नौ पुलिसवाले गुरुग्राम स्थित उनके घर पर आए और कई सारे सवाल किए.
उन्होंने बताया, ‘मैं स्पेशल सेल के दफ्तर अपनी मर्जी से आया हूं.उन्होंने मुझसे कई सवाल किए.मुझसे पूछा कि क्या मैं न्यूजक्लिक का कर्मचारी हूं तो मैंने कहां कि मैं सिर्फ कंसल्टेंट हूं.उन्होंने मुझसे मेरी सैलरी पूछी.’
उन्होंने आगे बताया, ‘उन्होंने मुझसे पूछा क्या मैंने दिल्ली दंगा कवर किया था.मैंने कहा नहीं.फिर मुझसे पूछा कि क्या किसान आंदोलन कवर किया था.मैंने कहा हां.उन्होंने मुझसे ये भी पूछा कि मैं कबसे कंसल्टेंट हूं.तो मैंने बताया कि मई 2018 से.मैं जब यहां आया तब पता चला कि यूएपीए पुलिस प्राथमिकी है.मैं सुबह साढ़े आठ बजे आया था और शाम छह बजे निकल रहा हूं.’
ठाकुरता ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने उनसे ये भी पूछा कि क्या उन्होंने अमेरिका में किसी एस भटनागर को कॉल किया था तो मैंने कहा हां,वो मेरे जीजा हैं.पुलिस ने उनसे ये भी पूछा कि क्या वो सिग्नल ऐप इस्तेमाल करते हैं,जिसके जवाब में उन्होंने हां कहा.
न्यूजक्लिक के दफ्तर को सील कर दिया है. (फोटो-PTI)
किस-किससे हुई पूछताछ?
पुलिस ने बताया कि इस मामले में 46 लोगों से पूछताछ हुई है. इनमें 37 पुरुषों से स्पेशल सेल के दफ्तर में और 9 महिलाओं से उनके घर पर पूछताछ की गई.
पूछताछ पत्रकार उर्मिलेश सिंह, औनिंद्यो चक्रवर्ती,अभिसार शर्मा,परंजय गुहा ठाकुरता के अलावा इतिहासकार सोहेल हाशमी और सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट से जुड़े डी. रघुनंदन से हुई.
अभिसार शर्मा ने पूछताछ बाद X पर लिखा, ‘दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से पूछताछ के बाद मैं घर आ गया हूं.हर सवाल का जवाब दिया जाएगा. डरने की जरूरत नहीं है. मैं सत्ता में बैठे लोगों से सवाल करता रहूंगा, खासकर उनसे जिन्हें सवालों से डर लगता है. पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है.’
After a day long interrogation by Delhi special cell, I am back home. Each and every question posed will be answered. Nothing to fear . And I will keep questioning people in power and particularly those who are afraid of simple questions . Not backing down at any cost .
स्पेशल सेल ने जिन जगहों पर छापेमारी की,उनमें सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी का आधिकारिक आवास भी था.पुलिस ने येचुरी के दफ्तर में काम करने वाले श्री नारायण के बेटे सुमित से पूछताछ को छापा मारा था.सुमित न्यूजक्लिक में काम करते हैं.
येचुरी ने बताया,’वो बिना किसी नोटिस आए. शुरु में बैंक लोन का मामला बताया। अंदर आ गए तो बताया कि मामला न्यूजक्लिक से जुड़ा है.’
उन्होंने न्यूज एजेंसी को बताया कि ‘वे दो घंटे यहां बैठे रहे.कई सारे सवाल किए.जब उन्हें कुछ नहीं मिला तो सुमित का लैपटॉप और फोन लेकर चले गए और कहा कि दो दिन बाद ले जाना.’
एक और पत्रकार भाषा सिंह ने X पर लिखा, ‘आखिरकार इस फोन से आखिरी ट्वीट हुआ.दिल्ली पुलिस ने मेरा फोन जब्त कर लिया है.’
फाउंडर-एचआर हेड गिरफ्तार,दफ्तर सील
न्यूजक्लिक कुछ महीने पहले चीनी प्रोपेगैंडा फैलाने को मोटी रकम लेने के आरोप से चर्चा में आया था पुलिस ने न्यूजक्लिक का दफ्तर सील भी कर दिया है.
पुलिस ने न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया.दोनों को आज कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 7 दिन रिमांड पर भेज दिया है.
अब इन सात दिनों में इनसे पूछताछ में पता लगाने की कोशिश होगी कि जो रकम आई,उसे कहां खर्च किया गया.
पुलिस ने कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस जब्त की हैं. (फोटो-PTI)
किन-किन धाराओं में लिखा गया है मुकदमा?
दिल्ली पुलिस ने इस साल 17 अगस्त को आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और आईपीसी की कई धाराओं में केस दर्ज किया था. इसी मामले में मंगलवार को छापेमारी की गई.
पुलिस ने यूएपीए की धारा-16, 17, 18 और 22C में मुकदमा लिखा है. साथ ही एफआईआर में आईपीसी की धारा-153A (दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 120B (आपराधिक षड्यंत्र) भी लगाई गई है.
दोष साबित हुआ तो लंबी सजा होगी?
पुलिस ने यूएपीए की जिन धाराओं में मुकदमा लिखा है, उनमें अगर दोष साबित हो जाता है तो लंबी सजा का प्रावधान है.
धारा-16 आतंकवादी कृत्य से जुड़ी है. इसमें, अगर आतंकवादी कृत्य में किसी की मौत होती है तो दोषी को फांसी या आजीवन कारावास के साथ-साथ अर्थदंड की सजा होती है. बाकी दूसरे मामलों में कम से कम पांच साल की सजा का प्रावधान है.
धारा-17 में आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग जुटाने से जुड़ी है. इसमें दोषी पाए जाने पर पांच साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है. अर्थदंड भी लगाया जाता है.
धारा-18 षड्यंत्र रचने की सजा तय करती है. इस धारा में भी अगर दोष साबित होता है तो पांच साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. इसके अलावा अर्थदंड भी लगाया जाता है.
इसके अलावा धारा-22C में कंपनी, सोसायटी या ट्रस्ट की ओर से किए गए कृत्य के लिए सजा का प्रावधान किया गया है. इसमें दोषी पाए जाने पर सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है.साथ ही कम से कम पांच करोड़ रुपये का अर्थदंड लगाया जाता है,जिसे बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये भी किया जा सकता है.