न डरे ,न हटे, बेनीवाल व नागर समेत सांसदों ने घेर लिये घुसपैठिये संसद में
Salute To Brave Mps As They Controlled 2 Men Who Barged Into Lok Sabha
न डरे न पीछे हटे, रक्षा मंत्री और स्पीकर के बीच ढाल बन गए वो, संसद में सांसदों की इस बहादुरी पर गर्व होगा
लोकसभा में बुधवार को उस समय अफरातफरी मच गई जब दर्शक दीर्घा से लटककर दो जन सदन के भीतर आ गए। उनके जूते में स्मोक गन था और पूरे सदन में पीला धुआं फैल गया। भला हो हमारे सांसदों की बहादुरी का कि मार्शलों के आने से पहले ही दोनों को काबू कर लिया।
मुख्य बिंदु
बुधवार को शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से 2 शख्स लोकसभा के भीतर कूद गए
उनके जूते और मोजे में स्मोक गन थी जिसकी वजह से पूरे सदन में पीली गैस फैल गई
हनुमान बेनीवाल, मलूक नागर समेत कई सांसदों ने बहादुरी दिखाते हुए दोनों को पकड़ लिया
Parliament Security Breach Incident
नई दिल्ली 13 दिसंबर: बुधवार दोपहर का वक्त। लोकसभा में शून्य काल के दौरान पश्चिम बंगाल के मालदा उत्तर से बीजेपी सांसद स्वगेन मुर्मु अपनी बात रख रहे थे। तभी अचानक दर्शक दीर्घा से दो युवक नीचे सदन में कूद गए। अफरातफरी मच गई। पकड़ो-पकड़ो की आवाज गूंजने लगी। सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता कर रहे राजेंद्र अग्रवाल ने तत्काल कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित करने का ऐलान कर दिया। दर्शक दीर्घा से कूदा शख्स एक टेबल से दूसरे टेबल पर उछलकूद कर रहा था। उसका मकसद क्या है? कहीं उसके पास हथियार तो नहीं है? कहीं हमले की मंशा तो नहीं है? सांसदों के मन में इस तरह के तमाम सवाल कौंध रहे होंगे लेकिन हमारे सांसदों ने गजब की हिम्मत और सूझबूझ दिखाई। जबतक मार्शल आते तबतक सांसदों ने ही घुसपैठियों को घेर लिया। बीएसपी सांसद मलूक नागर, आरएलपी हनुमान बेनीवाल और कुछ अन्य सांसदों ने दोनों को काबू कर लिया। उसने जूते में स्मोक गन छिपा रखा था। थीड़ी ही देर में देखते ही देखते पूरे सदन में पीली गैस फैल गई।
यह सबकुछ उस दिन हुआ जब सुबह में प्रधानमंत्री समेत तमाम सांसदों ने 22 साल पहले संसद पर हुए आतंकी हमले के बलिदानी जांबाजों को सुबह-सुबह श्रद्धांजलि दी थी। पूरे सदन में दहशत और अफरातफरी का माहौल था। लेकिन सांसदों ने काफी हिम्मत और सूझबूझ का परिचय देते हुए शख्स को घेर लिया। उस पर टूट पड़े और आखिरकार उसे काबू करने में कामयाब रहे। एक घुसपैठिये का नाम सागर शर्मा तो दूसरे का नाम मनोरंजन है।
आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने सबसे पहले उस शख्स को पकड़ा जो सबसे पहले गैलरी से नीचे उतरा था। बेनीवाल ने नवभारत टाइम्स से बातचीत में बताया, ‘शून्यकाल चल रहा था। आगे मेरा बोलने का नंबर था। उसी वक्त हमने पीछे की ओर देखा कि हल्ला हो रहा था। एक व्यक्ति लटक रहा था और एक व्यक्ति पहले ही लटककर कूद गया था और बंदर की माफिक छलांग लगाकर आगे बढ़ रहा था। चेयर की तरफ आगे बढ़ रहा था। तब 150 के करीब सांसद सदन में थे। अंदर हड़कंप मच गया था। वो लड़का जैसे ही आया तो मैंने उसे दबोच लिया। दबोचने के बाद कुछ एमपी और भी आए। जब उसको घसीटकर ले जा रहे थे तब उसके जूते और मोजे के अंदर से गैस निकल रही थी। तबतक पीछे वाले को सिक्यॉरिटी गार्ड ने पकड़ लिया। उस समय दर्शक दीर्घा में एक महिला और एक अन्य शख्स उन दोनों का सपोर्ट कर रहे थे और लटककर अंदर आने की कोशिश कर रहे थे।’
मलूक नागर ने भी घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘लोकसभा में इतना ज्यादा धुआं-धुआं हो गया था कि ऐसा लग रहा था कि जैसे उसने धुएं की पिटारी खोल दी हो। सारे सांसद इस घटना के बाद दहशत में आ गए थे। इसके बाद सांसदों ने उसे दबोच लिया। कुछ सांसदों ने उसकी पिटाई करनी शुरू कर दी। उसकी पिटाई हो रही थी और धुआं निकल रहा था।’
उस वक्त सदन में मौजूद सांसदों के मन में क्या और कैसे-कैसे ख्याल चल रहे थे, इसका अंदाजा नागर के बयान से मिलता है। उन्होंने कहा, ‘पहला ख्याल आया था कि उसकी नीयत खराब है। हम जिंदा बचेंगे की नहीं बचेंगे। कहीं उसके पास हथियार न हो। इससे पहले वह कुछ करता सभी सांसद उस पर टूट पड़े। हमारे में डर तो था, लेकिन वह कुछ कर न जाए, इसके अंदेशे से हम सभी उस पर टूट पड़े। कुछ सांससदों ने उसकी पिटाई भी की।
लोकसभा की कार्यवाही जब दोपहर 2 बजे फिर से शुरू हुई तब स्पीकर ओम बिरला ने सदस्यों को बताया कि शून्य काल के दौरान हुई घटना की पूरी जांच की जा रही है। दिल्ली पुलिस को इसे लेकर जरूरी निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में यह पता चला है कि यह सिर्फ धुआं था और धुएं को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। स्पीकर ने सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर 4 बजे सभी पार्टियों के फ्लोर लीडर्स की बैठक भी बुलाई है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदन में सवाल किया कि आतंकी हमले की बरसी के दिन ऐसी घटना का होना बताता है कि उच्च स्तर की सुरक्षा नहीं थी। हालांकि, स्पीकर ने उन्हें इस घटना पर विवाद खड़ा न करने को कहा। चौधरी ने सांसदों की हिम्मत की दाद देते हुए कहा, ‘बड़े हिम्मत के साथ हमारे सारे सांसदों ने उनको दबोच लिया था। निडर होकर दबोच लिया था। पार्ल्यामेंट की जो सिक्यॉरिटी है, वह निहत्थे पुरानी संसद को बचाने में कामयाब हुई थी लेकिन आज वो निहत्थे अफसर कम ही दिखाई दे रहे थे।’
खास बात ये है कि जिस वक्त सदन के भीतर दर्शक दीर्घा से दो शख्स कूदे, तकरीबन उसी वक्त संसद के बाहर भी दो प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए स्मोक गन छोड़ी। उन दोनों को हिरासत में लिया जा चुका है। संसद के बाहर प्रदर्शन करने वालों में एक नीलम नाम की महिला है जो हरियाणा के हिसार की रहने वाली है। दूसरे शख्स का नाम अमोल शिंदे है जो महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है।