परिवार पहचान पत्र डाटा से चला पता,हरियाणा में 22779 पुरुष बहुपत्नीक, नूंह सबसे आगे
haryana Chandigarh Family Identity Card Reveals 22779 Men In Haryana Have Two Or More Wives
परिवार पहचान पत्र के डाटा से खुला खेल , हरियाणा में 22779 पुरुषों की दो या उससे अधिक पत्नियां, नूंह सबसे आगे
हरियाणा के परिवार पहचान पत्र प्रोजेक्ट में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। प्रदेश में 2779 पुरुषों ने फैमिली आईडी में दो या उससे अधिक पत्नियों और उनके बच्चों की जानकारी दर्ज कराई है। सबसे ज्यादा ऐसे मामले नूंह जिले से सामने आए हैं, जहां 353 पुरुषों ने दो पत्नियों की जानकारी दी है।
चंडीगढ़ 29 जुलाई2025। : हरियाणा सरकार के महत्वाकांक्षी परिवार पहचान पत्र (PPP) प्रोजेक्ट से एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। फैमिली आईडी डाटा से खुलासा हुआ है कि प्रदेश में ऐसे 2779 पुरुष हैं, जिन्होंने अपनी फैमिली आईडी में दो या अधिक पत्नियों और उनके बच्चों की जानकारी दर्ज करवाई है। परिवार पहचान प्राधिकरण के मुताबिक, 2761 व्यक्तियों ने दो पत्नियों की जानकारी दी है। 15 व्यक्तियों ने बताया है कि उनकी तीन पत्नियां हैं। 3 लोगों ने तीन से ज्यादा पत्नियों का विवरण दिया है। यह सभी आंकड़े स्वघोषित हैं यानी संबंधित लोगों ने खुद ये जानकारियां फैमिली आईडी में दी हैं। जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा मामले नूंह जिले से सामने आए हैं, जहां 353 पुरुषों ने एकल परिवार में दो पत्नियों की जानकारी दी है। तीन पत्नियों वाले मामलों में भी फरीदाबाद, भिवानी, करनाल और झज्जर जैसे जिलों के नाम शामिल है।
अन्य जिलों का आंकड़ा
जिला दो अधिक पत्नियों वालों की संख्या
फरीदाबाद 267
करनाल 171
पलवल 178
गुरुग्राम 157
हिसार 152
सोनीपत 134
सिरसा 130
पानीपत 129
यमुनानगर 111
(बाकी जिलों में आंकड़ा 100 से नीचे है)
कैसे चला पता?
परिवार पहचान प्राधिकरण के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉक्टर सतीश खोला के अनुसार, फैमिली आईडी एक धर्मनिरपेक्ष पहचान प्रणाली है। इसमें धर्म से जुड़ा कोई कॉलम नहीं होता। लेकिन लाभ देने के लिए जाति और आय का सत्यापन अनिवार्य है। पत्नी और बच्चों का कोई स्वतंत्र सत्यापन नहीं किया जाता। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लोगों ने जो जानकारिया दी हैं, उन्हें सही माना जाता है क्योंकि वे खुद व्यक्ति द्वारा स्वेच्छा से भरी गई हैं। बता दें कि हरियाणा सरकार ने अपनी सभी सरकारी योजनाओं को फैमिली आईडी से लिंक कर दिया है। बिना फैमिली आईडी के कोई भी व्यक्ति अब किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं ले सकता। यही कारण है कि लोग इसमें अपने पूरे परिवार, पत्नी और बच्चों की जानकारी देने को मजबूर हैं।

