पलवल से दो साल में गायब 513 लड़कियों में से 92अभी भी लापता
पलवल में 92 लापता लड़कियों का नहीं लगा सुराग:2 साल में 513 हुई गायब; परिजन बोले-पुलिस ने जलील किया, DSP ने कहा- जानकारी छिपाने से दिक्कत
पलवल 21 जनवरी।हरियाणा के पलवल से लाडो कहां लापता हो रही हैं किसी को नहीं पता। पलवल जिले में लड़कियों के लापता होने की घटनाएं निरंतर बढ़ रही हैं। साल 2020 में 282 और 2021 में 231 लड़कियां लापता हो चुकी हैं। पुलिस के प्रयासों के बाद भी 92 लड़कियों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। इनमें आधी से ज्यादा नाबालिग हैं। नाबालिग लड़कियों का सुराग लगाने में पुलिस की लापरवाही के आगे परिजन हिम्मत हार कर बैठ जाते है।वहीं DSP यशपाल खटाना का कहना है कि परिजनों द्वारा तथ्य छिपाने पर सुराग नहीं लग पाता।
इन पर ज्यादा खतरा
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकडों के मुताबिक कोरोना काल में यौन उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत दर्ज किए गए 99 फीसदी मामलों में बच्चियां दरिंदों का शिकार बनी हैं। पॉक्सो के तहत दर्ज मामलों में से सबसे ज्यादा 14,092 मामलों में पीड़िता 16-18 वर्ष की किशोरी थीं। इसके बाद 10,949 पीड़िताएं 12 से 16 उम्र की थीं।
30 की पूरी नहीं हुई तलाश
लड़के-लड़कियां दोनों ही इस तरह के अपराधों के आसान शिकार हो सकते हैं, लेकिन NCRB के आंकड़ों से यह साफ पता चलता है कि सभी उम्र वर्ग में लड़कियां यौन अपराधों की सबसे ज्यादा शिकार बनती हैं। पलवल जिला के अंदर 2020 में 282 लड़कियों के लापता होने के मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें से पुलिस ने 252 को बरामद किया, जबकि 30 का अभी तक सुराग नहीं मिला।
2021 में लापता 62 का सुराग नहीं
पलवल में इसी प्रकार साल 2021 में 231 लड़कियां लापता हुई, जिनमें से पुलिस ने 161 को बरामद कर लिया और 62 का सुराग नहीं मिला। यह सिलसिला थम नहीं रहा है बल्कि लगातार जारी है। आए दिन लड़कियों के लापता होने की सूचनाएं पुलिस के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही है। अधिकांश लड़कियों के लापता होने के पीछे यौन अपराध पाया जा रहा है।
DSP पलवल यशपाल खटाना का कहना है कि लड़कियों के लापता होने के बाद परिजन पुलिस को पूरी और सही जानकारी देने से हिचकते हैं। इसी का फायदा अपराध करने वालों को मिलता है। वे पहुंच से दूर हो जाते हैं और ऐसे में उनको पकड़ने में दिक्कत आती है
पुलिस कहती है- यार के साथ भाग गई
एक पीडित व्यक्ति से जब बात की तो उसने बताया कि उसकी लड़की नाबालिग है और उसे लापता हुए तीन महीने से ज्यादा हो गए। पुलिस के चक्कर काट-काट कर थक गए। अब हार कर अपने घर बैठ गया। इसी प्रकार एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि उसकी लड़की कालेज में पढ़ने के लिए गई थी और चार माह हो गए आज तक नहीं लौटी। पुलिस के पास जाते हैं तो कहती है कि यार के साथ भाग गई होगी।
इसी प्रकार एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि उसकी लड़की नाबालिग थी और पडोस में रहने वाला लडका बहला-फुसलाकर भगा ले गया। दो महीने बीत जाने के बाक भी कोई सुराग नहीं लगा है।
DSP बोले- परिजन सही जानकारी दें
डीएसपी यशपाल खटाना का कहना है कि लड़कियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस पूरी तरह से सजग है। स्कूल और कॉलेजों में जाकर लड़कियों को सुरक्षा के टिप्स दिए जाते हैं। परिजनों को बताया जाता है कि लड़कियों की सुरक्षा में लापरवाही नहीं बरतें और किसी भी प्रकार की घटना होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें। पुलिस मोबाइल के आधार पर सुराग लगाती है और लापता लड़कियों का सुराग लगाकर परिजनों को सौंपती है। परिजनों को चाहिए कि वह कुछ भी छिपाए नहीं।