पहलगाम में फौजी पुलिस वर्दीधारी इस्लामी आतंकियों ने धर्म पूछ-पूछ के मारे 26 पर्यटक
सऊदी में मोदी, जयपुर में वेंस, अमरनाथ यात्रा… अब लोगों को डराएँगे ‘कश्मीरियत’ और ‘जम्हूरियत’ जैसे शब्द, मुर्शिदाबाद से पहलगाम तक वही खतने वाली सोच
पति की लाश के पास बैठी पत्नी (असली तस्वीर का आर्टवर्क वर्जन, बाएँ, साभार: ChatGPT), लाशों को ढँकते जवान (दाएँ)
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ है। सिर्फ़ आतंकी हमला ही नहीं, इसको इस्लामी आतंकी हमला कहिए। इतना भी नहीं, इसे हिन्दुओं को निशाना बनाकर किया गया इस्लामी आतंकी हमला कहिए। ऐसा इसीलिए, क्योंकि पुरुष पर्यटकों के पैंट खोल-खोलकर देखा गया कि उनका खतना हुआ है या नहीं। जिन-जिनका खतना नहीं हुआ था, उन्हें जान से हाथ धोना पड़ा। एक बड़े मैदान में लाशें पड़ी दिखीं, महिलाएँ चीख-चीख कर मदद माँगती दिखीं। इनमें कई ऐसे जोड़े थे जो नई-नई शादी के बाद हनीमून मनाने गए थे। ये अनुच्छेद-370 और 35A को निरस्त किए जाने के बाद का सबसे बड़ा आतंकी हमला है।
पहलगाम में नरसंहार, आप टाइमिंग देखिए
इस हमले की टाइमिंग देखिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (22 अप्रैल, 2025) को ही सऊदी अरब के जेद्दाह पहुँचे हैं। वहाँ उनका भव्य स्वागत हुआ। उनके एयरक्राफ्ट को एस्कॉर्ट करने के लिए सऊदी अरब ने अपने जेट्स भेजे। ये अपने-आप में पीएम मोदी के प्रति खाड़ी मुल्क़ों के सम्मान को दिखाता है। जेद्दाह का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें एक शेख ‘राजी’ (2018) फिल्म का गाना ‘ऐ वतन, वतन मेरे आबाद रहे तू’ गाना गाते हुए दिखा। तमाम मुस्लिम शख्स भी पीएम मोदी के सामने इसे गुनगुनाते हुए दिखे। तभी अचानक से, ऐसी खबर!
प्रधानमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत करके पूरी स्थिति की जानकारी ली, उनके निर्देश पर अमित शाह तुरंत ग्राउंड जीरो पर निकले। याद करें, जून 2024 में रियासी में माता वैष्णो देवी मंदिर जाती बस पर हमला हुआ था। 20 मिनट तक गोलियां चलती रही। मृतकों में 2 साल का एक बच्चा भी था,जिसकी तस्वीर आज तक झकझोरती रहती है। लेकिन, हम कमज़ोर स्मृति वाले लोग हैं। चीजें बड़ी जल्दी भूल जाते हैं। महिलाओं-बच्चों को निशाना बनाने वाले इन कायरों के कुछ ‘हमदर्द’ सिर्फ़ जम्मू कश्मीर ही नहीं बल्कि देश के भीतर भी बैठे हैं।
हाँ, तो मैं बात कर रहा था टाइमिंग की। इधर केंद्रीय मंत्री अमित शाह का पूरा ध्यान मार्च 2026 तक देश को नक्सल-मुक्त करने पर है, छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर में हाल ही में 33 नक्सलियों के आत्म-समर्पण की ख़बर आई, जिन पर कुल 50 लाख रुपए का इनाम था। ऐसे सरेंडर लगातार हो रहे हैं। हमने इन नक्सलियों का उत्पात देखा है, इनका बचाव करने वाले फादर स्टेन स्वामी, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव और गौतम नवलखा जैसों को समाज के भीतर से इन्हें समर्थन देते हुए देखा है। ये सब जेल गए, तभी नक्सलियों की कमर टूटी।
कुछ ही दिनों पहले जमीन पर जमीन हड़पते जाते वक़्फ़ बोर्ड में सुधार को वक़्फ़ क़ानून बना संसद से पास होकर। इसके विरोध के नाम पर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ बनाने वाले हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन को घर में घुसकर काट डाला गया। मुस्लिम भीड़ के उत्पात से 400 हिन्दुओं को मालदा पलायन करना पड़ा। कहीं से इस्लामी कट्टरपंथ के विरुद्ध एक शब्द नहीं निकला। उधर राहुल गाँधी अमेरिका जाकर भारत के चुनाव आयोग पर हमला कर रहे हैं। इसीलिए मैंने कहा, इस हमले की टाइमिंग देखिए। निशाना बनाए गए पर्यटकों में महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और ओडिशा और तमिलनाडु जैसे ग़ैर-हिन्दीभाषी राज्यों के भी लोग हैं, पूरे देश में आतंक का एक सन्देश भेजा गया है।
टाइमिंग देखिए, क्योंकि 27 जून, 2025 से अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है। ध्यान दीजिए, ये यात्रा पहलगाम से ही शुरू होती है। वही इलाक़ा, जिसे आतंकियों ने निशाना बनाया है। टाइमिंग इसीलिए देखिए, क्योंकि अमेरिका के उप-राष्ट्रपति JD वेंस इसी दिन जयपुर में थे जहाँ वो पत्नी और बच्चों समेत आमेर किले में घूमे, वहीं 1 दिन पहले ही उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बेहद ही सौहार्दपूर्ण बैठक हुई थी। याद कीजिए, फरवरी 2020 के अंत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प दिल्ली आए थे, तब दिल्ली में दंगा किया गया था। शाहीन बाग़ सज़ा था पड़ोसी मुल्क़ों के पीड़ित हिन्दुओं को नागरिकता देने वाले क़ानून CAA के विरुद्ध।
आतंकियों की इस बौखलाहट का कारण क्या?
अब अमेरिकी उप-राष्ट्रपति के दौरे में ये सब। भीतर के दंगाइयों और कश्मीर के आतंकियों की विचारधारा अलग करके मत देखिए। अब आते हैं कारण पर। एक बड़ा कारण ये है कि जम्मू कश्मीर से लद्दाख अलग किए जाने और शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनने से आतंकी बेचैन थे। ऊपर से घाटी में पर्यटन फल-फूल रहा था। 2024 में लगभग 35 लाख, 2023 में 27 लाख और 2022 में 26 लाख पर्यटक कश्मीर घाटी पहुँचे थे (आँकड़े जम्मू को हटाकर)।इनमें हजारों की संख्या में विदेशी पर्यटक भी थे। हमें पता है, भारत ने 2023 में G20 अध्यक्षता की और इसमें देशभर में तमाम बैठकें हुईं। जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में मई 2023 में G20 की टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठकें हुईं। कश्मीर के उत्पाद विदेशी प्रतिनिधिमंडलल ने देखे, कलाकारों से उन्हें मिलवाया गया। श्रीनगर में तमाम स्थलों पर विदेशी प्रतिनिधिमंडल घूमे भी। ऐसे दृश्य आतंकियों को और उनके आकाओं को लगातार असहज कर रहे थे।
ये कोई आम आतंकी हमला नहीं है, क्योंकि एक महिला की जान बख्श आतंकियों ने कहा कि जाओ मोदी को बता देना। इसीलिए मैंने लिखा, ‘सन्देश’ है ये। ऐसा नहीं है कि मोदी सरकार, तमाम ख़ुफ़िया/सुरक्षा एजेंसियाँ, जम्मू कश्मीर सरकार और अधिकारियों को ख़तरे का अंदाज़ा नहीं है या उनकी अगली रणनीति तय नहीं होगी। फिर भी, जो स्थिति बनी है उसमें सबसे बड़ी चुनौती होगी पर्यटकों को वापस कश्मीर जाने को प्रेरित करना। मरने कोई नहीं जाना चाहता। अमरनाथ यात्रा को लेकर रेजिस्ट्रेशन्स रद्द हों तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। सबके लिए अपनी जान पहली प्राथमिकता होती है।
कश्मीरियत और जम्हूरियत की रट्टेबाजी करती है परेशान
अगर जम्मू कश्मीर को आतंकवाद की जकड़ से बचाना है तो सबसे पहले कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत जैसे रट्टामार शब्दों से बचना होगा, क्योंकि अब ये जनता को परेशान करते हैं। जनता ने इनकी परिभाषा तभी समझ ली थी जब 1989 में भाजपा नेता टीकालाल टपलू को श्रीनगर के घर में घुसकर मार डाला गया, जब जज नीलकंठ गंजू की हाईकोर्ट के पास ही हत्या हुई, जब रावलपुरा में स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना समेत भारतीय वायुसेना के 4 जवान मार डाले गये, जब बुजुर्ग कवि सर्वानंद कौल को उनके बेटे सहित घर में ही फाँसी पर लटकाया गया।
जिन लोगों ने यै क्रूर घटनायें की, उनमें से एक यासीन मलिक से दिल्ली में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हाथ मिलाते हैं। यही भारत की नियति बन गई थी, आज यही हिन्दुओं की नियति है। 2020 में दिल्ली का दंगा हो या फिर इस वर्ष मुर्शिदाबाद में हिन्दुओं का पलायन या पहलगाम में पर्यटकों पर हमला – इन्हें अलग करके देखने की भूल बिलकुल मत करें। ये वही विचारधारा है, पैंट खोलकर खतना चेक करने वाली। हिन्दुओं को हर जगह वही मारती है।
सर्च ऑपरेशन चल रहा है। आतंकियों का सफाया भी होगा। कार्रवाई तेज़ होगी। लेकिन, एक भी मृतक वापस नहीं जीवित किया जा सकेगा, ये एक क्रूर सच्चाई है। ‘मुस्लिम हो?’ पूछकर मारने वाली विचारधारा का कैसे काम तमाम हो इसकी रणनीति बनानी होगी। जम्मू कश्मीर के बाद अब पश्चिम बंगाल वहाँ की सत्ता की तुष्टिकरण की नीति से हाथ से निकलता दिख रहा है। हिन्दू कहाँ-कहाँ से पलायन करेंगे, सन् 711 में हिन्दुकुश से लेकर 2025 में मुर्शिदाबाद तक पलायन ही तो कर रहे। देखते हैं, हम कहाँ सिमटते हैं, कहाँ-कहाँ से भागते हैं।
-अनुपम कुमार सिंह
पहलगाम के बैसरन घाटी इलाके में यह घटना हुई।
जम्मू-कश्मीर में 2019 के पुलवामा अटैक के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ है। आतंकियों ने मंगलवार को पर्यटकों पर फायरिंग की, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक यूएई और एक नेपाल का पर्यटक और 2 स्थानीय नागरिक शामिल हैं। बाकी पर्यटक यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के हैं।
घटना मंगलवार दोपहर करीब 2.45 बजे पहलगाम की बैसारन घाटी में हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकियों ने यूपी से आए शुभम द्विवेदी से नाम पूछा, फिर उसके सिर में गोली मार दी। शुभम की दो महीने पहले ही शादी हुई थी। वो हनीमून पर यहां आया था।
आतंकियों ने दूसरे पर्यटकों पर फायरिंग करते हुए भाग निकले। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली है। प्रशासन ने आतंकी हमले में एक मौत की बात कही थी, लेकिन करीब 4 घंटे बाद न्यूज एजेंसी ने 26 मौतों की जानकारी दी। घटना में 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। घटना के बाद सुरक्षाबलों ने पहलगाम में हमले वाले इलाके को घेर लिया है। हेलिकॉप्टर से भी नजर रखी जा रही है।
घटना के बाद गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली से श्रीनगर पहुंच गए हैं। वे राजभवन में सेना और प्रशासन के अफसरों के साथ हाई लेवल मीटिंग कर रहे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी से बातचीत करके हालातों की जानकारी ली है।
पहलगाम हमले के विरोध में जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने बुधवार को जम्मू बंद बुलाया । महबूबा मुफ्ती ने समर्थन दिया है.
NIA की टीम बुधवार को हमले की जांच के लिए पहलगाम पहुंचेगी।
पहलगाम की घटना के बाद दिल्ली, मुंबई और दूसरे शहरों में अलर्ट जारी किया गया है।
मृतकों के नाम 1. मनुज नाथ (कर्नाटक) 2. शिवम मोगा (कर्नाटक) 3. लेफ्टिनेंट विंजय नरवाल (हरियाणा) 4. हिमांशी नरवाल (हरियाणा) 5. शुभम द्विवेदी (यूपी) 6. दिलीप डेसले (महाराष्ट्र) 7. अतुल मोहने (महाराष्ट्र) 8. सैयद हुसैन शाह (अनंतनाग) 9. सुदीप नेवपाने (नेपाल) 10. बिटन अधकेरी उधवानी कुमार (यूएई) 11. संजय लेले 12. हिम्मत कलाथय 13. प्रशांत कुमार 14. मनीष रंजन (हैदराबाद) 15. रामचन्द्रन 16. शलिंदर कल्पिया17. दिनेश मिरानिया (छत्तीसगढ़)
घायलों के नाम 1. विनो भट्ट (गुजरात) 2. एस बालचंद्रू (महाराष्ट्र) 3. अभिजवन राव (कर्नाटक) 4. संतरू (तमिलनाडु) 5. साहसी कुमारी (उड़ीसा) 6. डॉक्टर परमेश्वर 7. माणिक पाटिल 8. रिनो पांडे
इमरजेंसी हेल्प डेस्क नंबर
अनंतनाग पुलिस ने पर्यटकों के लिए दो हेल्पलाइन नंबर 9596777669 और 01932225870 जारी किए हैं। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर 9419051940 जारी किया है।
श्रीनगर पुलिस की हेल्प डेस्क इमरजेंसी नंबर 0194-2457543, 0194-2483651, एडीसी श्रीनगर आदिल फरीद का नंबर 7006058623 जारी किया है।
अपनों की लाशों के बीच रोते-बिलखते रहे टूरिस्ट: फायरिंग से रिसॉर्ट में बिछ गईं 26 लाशें
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा- अपराधियों को सख्त सजा मिलेगी
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पहलगाम हमले पर कहा कि अपराधियों को सख्त सजा मिलेगी। हम भारत के साथ हैं।
डोनाल्ड ट्रंप बोले- कश्मीर से बहुत परेशान करने वाली खबर आई
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने X पोस्ट में लिखा- कश्मीर से बहुत परेशान करने वाली खबर आई है। आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ अमेरिका मजबूती से खड़ा है। हम मारे गए लोगों की आत्मा की शांति और घायलों के स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भारत के अविश्वसनीय लोगों को हमारा पूरा समर्थन और गहरी सहानुभूति है। हमारी संवेदनाएं आप सभी के साथ हैं।
चिनार कॉर्प्स भारतीय सेना ने X पोस्ट में लिखा- आतंकियों की तलाश जारी
चिनार कॉर्प्स भारतीय सेना ने X पोस्ट में लिखा है कि घटना के तत्काल बाद संयुक्त बल स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस बैसारन, पहलगाम, अनंतनाग में जॉइंट सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।
पहलगाम आतंकी हमले में गई रायपुर के दिनेश की जान
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में रायपुर के कारोबारी दिनेश मिरानिया की भी गोली लगने से मौत हो गई। उन्होंने स्थानीय अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह ने इसकी पुष्टि की है। कारोबारी दिनेश मिरानिया अपनी पत्नी और 2 बच्चों के साथ मिनी स्विट्जरलैंड गर्मी की छुट्टियां मनाने गए थे।
शाह ने सभी एजेंसियों के साथ हाईलेवल मीटिंग की
जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का बुधवार को जम्मू बंद
पहलगाम हमले के विरोध में जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने बुधवार को जम्मू बंद बुलाया है।
RSS ने कहा- ये हमला देश की एकता-अखंडता पर प्रहार
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने पहलगाम हिंसा पर दुख जताया। संघ ने X पोस्ट में कहा- जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ नृशंस आतंकी हमला अत्यंत निंदनीय एवं संतापजनक है। हम घटना में मृत हुए सभी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं। यह हमला देश की एकता व अखंडता पर प्रहार करने का दु:साहस है। सभी राजनीतिक दल व संस्थाओं को सारे मतभेदों से ऊपर उठकर इसकी भर्त्सना करनी चाहिए। सरकार सभी पीड़ितों व उनके परिवारों की सहायता की आवश्यक व्यवस्था करे तथा सरकार इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करने हेतु शीघ्र ही उचित कदम उठाए।
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पहलगाम हमले की निंदा की
भारत दौरे पर आए अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पहलगाम हमले की निंदा की। उन्होंने X पोस्ट में लिखा- उषा (पत्नी) और मैं भारत के पहलगाम में हुए विनाशकारी आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। कुछ दिनों में, हम इस देश और इसके लोगों की खूबसूरती से अभिभूत हो गए हैं। इस भयानक हमले में हमारे विचार और प्रार्थनाएं उनके साथ हैं।राजभवन में मीटिंग जारी, शाह, उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री मौजूद
श्रीनगर के राजभवन में अमित शाह की मौजूदगी में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला समेत सीनियर अफसर मीटिंग कर रहे हैं।
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी ने कहा- ये प्लान्ड अटैक
सेना में रहते हुए दक्षिणी कश्मीर में सेवाएं दे चुके रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी ने कहा- ये आतंकी हमला टाइमिंग देखकर सुनियोजित रूप से किया गया है, ओजीडब्यू नेटवर्क भी शामिल है।अमेरिकी उपराष्ट्रपति भारत में आए हुए हैं, हमारे प्रधानमंत्री मध्य पूर्व में हैं। पाकिस्तान हमेशा आतंक समर्थक रहा है। पाकिस्तान अपने ओजीडबल्यू (ओवर ग्राउंड वर्कर्स) से इस तरह के हमले करवाता है। पूरी वारदात भारत को नीचा दिखाने और हिंदू-मुसलमानों के बीच दरार डालने को की गई है।
जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक आतंकियों ने नाम पूछकर लोगों को मारा है, अगर आतंकियों ने चुन-चुनकर मारा है, ये भी काफी कुछ कहता है। पहलगाम एक घाटी है, ऊंचे पहाड़ से स्नाइपर से नहीं मारा है। वहां आतंकी इस तरह हमला कर ऐसे नहीं भाग सकते। पहलगाम जिस जगह है वो पहाड़ी जंगल नहीं है, वो एक घाटी इलाका है हरे-हरे मैदान हैं।
अब हमले के बाद सुरक्षाबल कासो (कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन) शुरू करेंगे। अब कश्मीर के पूरे इलाके में फिर से सुरक्षाबलों की सख्ती शुरू होगी। इससे इलाके में टूरिज्म पर फिर असर पड़ेगा। आतंकियों का मकसद यही है कि कश्मीर के टूरिज्म पर चोट हो। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब है और इससे वो कश्मीर मुद्दे को फिर से तूल देने की कोशिश कर रहा है.
पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दुखी
उन्होंने X पोस्ट में लिखा- मैं जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग के पहलगाम क्षेत्र में हुए क्रूर आतंकी हमले से बहुत दुखी हूं। हमले में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं, तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं। हिंसा का कृत्य पूरी तरह से निंदनीय है और इसे अवश्य ही दंडित किया जाना चाहिए।
प्रियंका बोलीं- सरकार सख्त कार्रवाई करे
जम्मू-कश्मीर की स्वास्थ्य मंत्री सकीना इटू ने अस्पताल पहुंची
जम्मू-कश्मीर की स्वास्थ्य मंत्री सकीना इटू घायलों से मिलने अंनतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज पहुंचीं।
मोदी बोले- आतंक बख्शे नहीं जाएगें
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनका नापाक मंसूबा कभी कामयाब नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।
फायरिंग की बाद की तस्वीर, जमीन पर घायल टूरिस्ट और पास बैठी उसकी पत्नी।
अमरनाथ यात्रा को महत्वपूर्ण है पहलगाम रूट
3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होनी है, जो 9 अगस्त तक चलेगी। यात्रा को पहलगाम रूट महत्वपूर्ण है। इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है। ये बेस कैंप से 16 किमी दूर है। यहां से चढ़ाई शुरू होती है।
तीन किमी चढ़ाई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पर पहुंचती है। यहां से पैदल चलते हुए शाम तक यात्रा शेषनाग पहुंचती है। ये सफर 9 किमी का है। अगले दिन शेषनाग से यात्री पंचतरणी जाते हैं। ये शेषनाग से करीब 14 किमी है। पंचतरणी से गुफा सिर्फ 6 किमी रह जाती है।
पहलगाम हमले पर किसने क्या कहा…
अमित शाह, गृह मंत्री पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से दुखी हूं। हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। हम दोषियों को कड़ी सजा देंगे। प्रधानमंत्री जी को घटना के बारे में जानकारी दी है। अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक की। सभी एजेंसियों के साथ सुरक्षा समीक्षा करने के लिए जल्द ही श्रीनगर के लिए रवाना होंगे।
राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री पहलगाम में आतंकी हमले की खबर से बहुत दुखी हूं। निर्दोष नागरिकों पर यह हमला कायरतापूर्ण और निंदनीय है। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।
मनोज सिन्हा, उपराज्यपाल मैं पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि इस घृणित हमले के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। डीजीपी और सुरक्षा अधिकारियों से बात की है। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें इलाके में पहुंच गई हैं और तलाशी अभियान चला रही हैं।
उमर अब्दुल्ला, मुख्यमंत्री मैं इस हमले से हैरान और स्तब्ध हूं। पर्यटकों पर हमला करना गलत है। इस हमले के अपराधी दरिंदे हैं, अमानवीय हैं। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं वयक्त करता हूं। मैं तुरंत श्रीनगर वापस जा रहा हूं।
महबूबा मुफ्ती, पूर्व मुख्यमंत्री यह घटना बेहद चिंताजनक है। कश्मीर ने हमेशा पर्यटकों का गर्मजोशी से स्वागत किया है। सुरक्षा में चूक की जांच जरूरी है। पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे ज्यादा जरूरी है। भविष्य में हमलों को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। हमारी संवेदनाएं पीड़ित और उनके परिवारों के साथ
आर्मी और पुलिस की वर्दी में आए तीन से चार आतंकी, पहलगाम हमले में 26 पर्यटकों की मौत, जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में टूरिस्टों पर फौज और लोकल पुलिस वर्दी में आतंकियों ने किया हमला
हमले के बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी किया गया
द रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली
जम्मू-कश्मीर में मशहूर टूरिस्ट प्लेस पहलगाम में मंगलवार दोपहर को बड़ा टेरर अटैक हो गया। यहां आतंकवादियों ने टूरिस्टों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। आतंकवादियों की संख्या तीन से चार बताई जा रही है जो सेना और पुलिस जैसी वर्दी में थे। सभी के पास एके-47 और अन्य हथियार थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से खबर लिखे जाने तक 26 लोगों की मौत हो गई है। इनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हो सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी
अधिकारियों ने बताया कि हमले के तुरंत बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव, आईबी चीफ, सीआरपीएफ और बीएसएफ डीजी, आर्मी के टॉप अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की। इस हाई लेवल मीटिंग के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हो गए। उनके अलावा अन्य तमाम सिक्योरिटी फोर्सेज के चीफ और अन्य आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय, आर्मी, बीएसएफ, सीआरपीएफ और आईबी अधिकारियों के बीच हुई मीटिंग में इस आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कहा गया है।
पूरे इलाके में 15 मुख्य पाइंट से घेराबंदी की गई है। आतंकवादियों की तलाश में खोजी कुत्ते, ड्रोन और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। पूरे इलाके में सीआरपीएफ, बीएसएफ और आर्मी समेत जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बड़े स्तर पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी
जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान समर्थिक आतंकवादी ग्रुप लश्कर-ए-तैबा के मुखौटा टेरर ग्रुप ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ यानी टीआरएफ की तरफ से इस हमले की जिम्मेदारी ली है। लेकिन जांच की जा रही है कि इसके पीछे टीआरएफ ही है या फिर लश्कर या कोई और। टीआरएफ ने एक पेज के अपने संदेश में यह भी लिखा है कि जम्मू-कश्मीर में गैर स्थानीय लोगों को बसाया जा रहा है। यहां अवैध रूप से बसने की कोशिश करने वाले बाहरी लोगों के खिलाफ ऐसे ही हिंसा की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जिस जगह यह हमला हुआ। वहां सड़क मार्ग नहीं है। वहां पैदल और खच्चरों से ही आया-जा सकता है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमला साउथ कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में बैसरन घाटी के पास उंचाई पर हुआ है।
बैसरन इलाके में हुआ हमला
टूरिस्टों पर यह आतंकी हमला मिनी स्विटजरलैंड कहे जाने वाले बैसरन इलाके में मंगलवार दोपहर तीन बजे हुआ। बताया जा रहा है कि आतंकी बैसरन घाटी के पहाड़ से नीचे उतरे और वहां घुड़सवारी करते टूरिस्टों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। वह आर्मी वर्दी में थे। हमले में कुछ स्थानीय लोग और घोड़ों को भी गोली लगी है। सूत्रों का कहना है कि हमले में अपना पति खो चुकी महिला का दावा है कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर गोली मारी। यह हमला पवित्र अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने से पहले सोचविचाकर किया गया है। एजेंसियों का मानना है कि हमला करने से पहले इलाके की रेकी की गई। आतंकवादियों ने सुनिश्चित किया कि यहां कितनी फोर्स लगी है। फिर मौका देखकर उन्होंने लोगों को टारगेट किया.
Pahalgam Attack Karnataka Bizman Manjunath Rao Wife Pallavi Narrated Horrific Incident Couples Last Video Gone Viral
तुम्हें नहीं मारेंगे, जाओ मोदी को बता दो…पहलगाम हमले में मारे गए कर्नाटक कारोबारी मंजूनाथ की पत्नी से बोले आतंकी
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में बड़े आतंकी हमले में 26 टूरिस्ट की घटना के बाद देशभर में इस घटना के खिलाफ आक्रोश है। आतंकियों का निशाना बने कर्नाटक के कारोबारी मंजूनाथ राव की पत्नी ने आतंकियों से खुद को मारने के लिए कहा, लेकिन आतंकियों ने मना कर दिया।
पहलगाम आतंकी हमले में कर्नाटक के कारोबारी की मौत
कारोबारी की पत्नी ने आतंकियों से हुए संवाद का किया जिक्र
कारोबारी का पत्नी के साथ अंतिम वीडियो हुआ वायरल
पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए मंजूनाथ राव अपनी पत्नी के साथ।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कर्नाटक के कारोबारी मंजूनाथ की पत्नी ने क्रूरता को बयां किया है। मंजूनाथ की पल्लवी के सामने ही आतंकियों ने उनके पति को गोली मार दी। एक टीवी चैनल से बातचीत में पल्लवी ने बताया कि मैंने आतंकियों से कहा, मेरे पति को मार दिया, मुझे भी मार दो। इस पर आतंकी बोले तुम्हें नहीं मारेंगे, जाओ मोदी को बता दो। मंजूनाथ कर्नाटक के शिवमोगा के रहने वाले थे। कर्नाटक के दंपती का आखिरी वीडियो भी सामने आया है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्रीफ करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह खुद श्रीनगर पहुंचे हैं।
आखिरी वीडियो आया सामने
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद कर्नाटक के इस कारोबारी का अपनी पत्नी के साथ का अंतिम वीडियो भी सामने आया है। यह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो श्रीनगर की डल झील का है। इसमें अपनी पत्नी के साथ मौजूद कर्नाटक के कारोबारी मंजूनाथ कश्मीर के दौरे के बारे में बता रहे हैं। मंजूनाथ ने यह वीडियो ट्रेवल एक्पीरियंस के तौर पर बनाया है। इसमें मंजूनाथ किसी काजल मैम का अच्छी ट्रिप और इंतजाम के लिए शुक्रिया भी अदा कर रहे हैं।
https://x.com/SachinGuptaUP/status/1914689474530844705?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1914689474530844705%7Ctwgr%5E21b2517cb258ce7eabd1ec6ab7a3478bf87dcb6c%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fnavbharattimes.indiatimes.com%2Fstate%2Fjammu-and-kashmir%2Fsrinagar%2Fpahalgam-attack-karnataka-bizman-manjunath-rao-wife-pallavi-narrated-horrific-incident-couples-last-video-gone-viral%2Farticleshow%2F120524008.cms
कर्नाटक मुख्यमंत्री ने जताया दुख
पहलगाम आतंकवादी हमले में कर्नाटक के शिवमोगा जिले के एक कारोबारी मंजूनाथ राव की मौत पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शोक व्यक्त किया और घटना पर अधिकारियों के साथ बैठक की। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कर्नाटक से अधिकारियों की एक टीम कश्मीर रवाना हो गई है। मंजूनाथ राव पर जब आतंकियों ने हमला किया था तब वह पहलगाम के खूबसूरत बैसरन घाटी में मौजूद थे।