पाक में तोड़े गए पौराणिक शारदा पीठ और हिंगलाज माता मंदिर
पाकिस्तान में 2 मंदिर तोड़े गए:इनमें से एक UNESCO की हैरिटेज लिस्ट में; अधिकारियों का दावा- कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई हुई
नीलम नदी के पास बना शारदा पीठ मंदिर 8वीं सदी में बना था।
पाकिस्तान में हिंदू मंदिर तोड़े जाने की खबर है। इनमें से एक लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास बना शारदा पीठ मंदिर है। इसे UNESCO ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया था। इसके अलावा सिंध प्रांत के मिथी शहर में बने हिंगलाज माता मंदिर को भी तोड़ा गया है।
CNN न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले को लेकर कुछ पाकिस्तानी अधिकारियों से बात की गई। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की गई है। हालांकि दोनों मंदिर कब तोड़े गए, इसकी जानकारी नहीं दी गई। फिलहाल पाकिस्तान और भारत सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
तस्वीर LoC के पास बने शारदा पीठ मंदिर की है। इसे तोड़े जाने की खबर है।
मंदिर बचाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था
पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि ये मंदिर कोर्ट के आदेश पर तोड़े गए हैं। हालांकि रिपोर्ट में ही दावा किया गया है कि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने ही इन मंदिरों की हिफाजत का आदेश दिया था। अब इस मंदिर के पास एक कॉफी हाऊस बनाया जा रहा है, जिसका उद्घाटन इसी साल होगा।
हिंदू मंदिर पर रॉकेट लॉन्चर से हमला हुआ था
जुलाई 2023 में सिंध के काशमोर में एक हिंदू मंदिर पर रॉकेट लॉन्चर से हमला किया गया था। हमलावरों ने मंदिर और आसपास बसे हिंदू समुदाय के घरों पर अंधाधुंध गोलीबारी भी की थी। इससे पहले कराची में 150 साल पुराना मारी माता मंदिर ढहा दिया गया था। जिस वक्त यह मंदिर ढहाया गया, उस वक्त इलाके में बिजली नहीं थी।
जुलाई 2023 में ही मारी माता मंदिर पर बुलडोजर चला था।
2022 में भी मूर्तियां तोड़ी गई थीं
यह मारी माता मंदिर मुखी चोहितराम रोड पर स्थित है। जिससे कुछ ही दूरी पर सोल्जर बाजार पुलिस स्टेशन भी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंदिर की जमीन को एक शॉपिंग प्लाजा प्रमोटर को 7 करोड़ रुपए में बेच दिया गया है। इसीलिए मंदिर को तोड़ दिया गया। जून 2022 में भी मारी माता मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा गया था।
तस्वीर साल 2021 की है। सिंध के कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी के मौके पर हिंदू आराधना कर रहे थे, तब कुछ लोगों ने मंदिर पर हमला किया था और कान्हा की प्रतिमा तोड़ दी थी।
1947 में पाकिस्तान में थे 428 बड़े मंदिर
ऑल पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट के एक सर्वे के मुताबिक बंटवारे के वक्त पड़ोसी देश में कुल 428 बड़े मंदिर थे। धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होती चली गई। मंदिरों की जमीनों पर कब्जा कर लिया गया और वहां दुकानें, रेस्टोरेंट, होटल्स, दफ्तर, सरकारी स्कूल या फिर मदरसे खोल दिए गए। आज आलम ये है कि यहां सिर्फ 20 बड़े मंदिर बचे हैं।