पुलिस ने बचा लिया बरेली, पैट्रोल बमों से जलाने की प्लानिंग थी तौकीर रजा की

Encounter Of Criminal Who Opened Fire On Police During Bareilly Riots
बरेली बवाल में पुलिस पर फायरिंग करने वाले बदमाश का हाफ एनकाउंटर, बोला- हिंसा भड़काने के लिए इन दो लोगों ने कहा था
बरेली बवाल के बाद योगी सरकार सख्त हो गई है। लगातार कार्रवाई की जा रही है। मौलाना तौकीर रजा के बाद उनके दामाद को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा अब तक 62 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।

बीते शुक्रवार (26 सितंबर) जुमे की नमाज बाद बरेली में बवाल हुआ था। जमकर हिंसा भड़की थी। इस मामले में पुलिस-प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। मौलाना तौकीर रजा समेत कई लोग जेल भेज दिये गये हैं। बवाल में शामिल एक बदमाश को आज एनकाउंटर बाद गिरफ्तार किया गया है।

मिल रही जानकारी के अनुसार, दोपहर को बारादरी थाना क्षेत्र के रुहेलखंड चौकी पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि श्यामगंज पुल के पास फायरिंग का आरोपित हारुन नगला पुल के पास बिना नंबर की काली अपाचे बाइक के साथ खड़ा है। पुलिस टीम एक्टिव हो गई और घेराबंदी शुरू कर दी। पुलिस देखकर आरोपित भागने लगा। पुलिस ने पीछा किया तो आरोपित राधा माधव स्कूल के पास पानी टंकी के पास अपनी मोटरसाइकिल छोड़ पुलिस पर फायरिंग करने लगा। पुलिस की जवाबी फायरिंग में बदमाश के बाएं पैर में गोली लग गई और वह वही गिर पड़ा।

पुलिस टीम पर की थी फायरिंग
घायल बदमाश पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है। पुलिस को एक 315 बोर तमंचा,खोखा कारतूस,दो जिंदा कारतूस और अपाचे बाइक मिली है। पकड़ा गया आरोपित ताजिम (28 वर्ष, पुत्र हसीन)  काजी टोला थाना बारादरी का है। आरोपित पर गोकशी और गैगस्टर एक्ट में मामले हैं। पूछताछ में आरोपित बदमाश ने बताया कि मौलाना तौकीर रजा और सभासद अनीश ने दंगा भड़काने को अवैध असलहे के साथ भीड़ में शामिल होने को कहा था। आरोपित ताजिम ने ही 26 सितंबर को श्यामगंज पुल के पास पुलिस पर फायरिंग की थी।

मौलाना तौकीर रजा का दामाद गिरफ्तार
मौलाना तौकीर रजा का दामाद मोहसिन रजा अब इस मामले में पकड़ लिया गया है। मोहसिन रजा का रिजॉर्ट भी सील कर दिया गया है। मोहसिन रजा के घर पर भी कार्रवाई को बीडीए टीम पहुंची है। मोहसिन रजा का मैरिज लॉन सील किया गया है। शुक्रवार को जुम्मे की नमाज बाद भड़की  हिंसा में अब तक 62 लोग पकडें जा चुके है।

Bareilly Violence Maulana Tauqeer Raza Associates To Face Action 8 Illegal Properties Identified
मौलाना तौकीर रजा के सहयोगियों पर गिरेगी गाज, 8 अवैध संपत्तियां की गई चिह्नित
बरेली हिंसा मामले में अब मौलाना तौकीर रजा के सहयोगियों पर गाज गिरेगी। मौलाना तौकीर रजा की 8 अवैध संपत्तियां चिह्नित हुई हैं जिन पर कार्रवाई होगी।

बरेली जिले में प्रशासन ने पिछले शुक्रवार जुमा नमाज बाद हिंसा में पकडे गए इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान के सहयोगियों से जुड़ी आठ अवैध संपत्तियां पहचान उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी  की है। अधिकारियों के अनुसार बरेली विकास प्राधिकरण (BDA) और जिला प्रशासन टीम ने फाइक एन्क्लेव, जगतपुर और पुराने शहर के इलाकों में संयुक्त अभियान चलाया। चिह्नित इमारतों के बारे में आरोप है कि वे बगैर नक्शा स्वीकृति बनी हैं। इनमें से कुछ इमारतें सरकारी और सीलिंग की जमीन पर बनी हैं।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि फाइक एन्क्लेव हाल के वर्षों में अपराधियों की पनाहगाह बना है। इससे पहले, गैंगस्टर अतीक अहमद के साले सद्दाम से जुड़ा परिसर सील किया गया था। अब तौकीर के सहयोगी फरहत और मोहम्मद आरिफ के भी ऐसी गतिविधियों से जुड़े होने का पता चला है। इस बीच बरेली पुलिस ने हिंसा आरोपित ताजीम का हाफ एनकाउंटर किया।

अतिक्रमण का है मामला
बीडीए अधिकारियों ने कहा कि आरिफ और उसके सहयोगियों ने सरकारी जमीन, सड़कों और सीलिंग क्षेत्रों पर अतिक्रमण किया था।  आरिफ से जुड़े होटल और लॉन स्काईलार्क, फहम लॉन और फ्लोरा गार्डन के अवैध निर्माण पिछले रविवार सील कर दिये गये। बीडीए उपाध्यक्ष डॉक्टर मणिकंदन ए ने कहा कि सरकारी और सीलिंग की जमीन पर अवैध निर्माण छोड़ा नहीं जाएगा। नियमानुसार कड़ी कार्रवाई होगी।

इस बीच, बरेली नगर निगम ने पहलवान साहब की दरगाह के ऊपर बनी दुकानों सहित कई दुकानें ध्वस्तीकरण को चिह्नित किया है। ये दुकानें भी बिना अनुमति बनी हैं। प्रशासन सड़क और जमीन पर अतिक्रमण के लिए आरिफ के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी कर रहा है।

करीबी नेटवर्क की निगरानी
जिला प्रशासन ने मौलाना तौकीर के सहयोगियों और वित्तपोषकों के नेटवर्क पर निगरानी बढ़ाई है। प्रशासन को उन पर सामुदायिक कार्यक्रमों की आड़ में गैरकानूनी गतिविधियां वित्तपोषित करने और रणनीति बनाने का संदेह है। यह कार्रवाई 26 सितंबर की बरेली में हिंसक झड़पों के बाद की गई। शुक्रवार की नमाज बाद कोतवाली क्षेत्र में एक मस्जिद के बाहर दो हजार से ज्यादा भीड़ जमा हो गई थी। इसके बाद पथराव हुआ और लाठी चार्ज में कई लोग तथा पुलिसकर्मी घायल हो गये थे।

पुलिस ने इस मामले में अब तक 180 नामजद और 2500 अज्ञात लोगों के खिलाफ 10 प्राथमिकी दर्ज की हैं। इनमें खान, उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है। भड़काऊ सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए जिले में इंटरनेट सेवाएं अब भी बंद हैं। इस बीच, बरेली जिले की पुलिस ने मंगलवार को बताया कि शहर में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 73 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

एसपी ने दी जानकारी
अपर पुलिस अधीक्षक (सिटी) मानुष पारीख ने बताया कि 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 73 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा के सिलसिले में 10 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। गिरफ्तार लोगों में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान की पार्टी का पदाधिकारी शमशाद भी शामिल है, जो इस साजिश में शामिल था और लोगों को भड़काने के लिए व्हाट्सएप संदेश भेज रहा था।

सिटी एसपी ने बताया कि एक अन्य आरोपी ताज़ीम को भी एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें उसके पैर में गोली लगी थी। ताज़ीम ने 26 सितंबर को श्यामगंज पुल के पास पुलिस पर गोलीबारी की थी। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी और ड्रोन फुटेज की मदद से हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है।

संदिग्धों की पहचान शुरू
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने पत्रकारों को मामले की चल रही जांच और अब तक हुई गिरफ्तारियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। एसएसपी ने बताया कि 26 सितंबर को हुई हिंसा के बाद से पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्धों की पहचान कर रही है और गिरफ़्तारी कर रही है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को पुलिस ने 28 और आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें कोतवाली थाना क्षेत्र से और 15 बारादरी थाना क्षेत्र से पकड़े गए।

एसएसपी आर्य ने कहा कि गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों ने हिंसा को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई थी। उनके पास से घटना से जुड़ी आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। उन्होंने दावा किया कि पूछताछ के दौरान गिरफ्तार लोगों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की।

वॉट्सऐप ग्रुप था सक्रिय
एसएसपी ने खुलासा किया कि हिंसा से एक रात पहले वॉट्सऐप के जरिए सक्रिय समन्वय था। एसएसपी ने कहा कि लोगों को जानबूझकर विरोध प्रदर्शन के लिए जुटाने हेतु ये संदेश व्हाट्सऐप ग्रुपों के माध्यम से भेजे जा रहे थे। आरोपियों में एक अहम नाम नदीम खान का भी है, जिसका नाम इस मामले में प्रमुखता से सामने आया था। पुलिस के अनुसार, शुरुआत में नदीम खान और कई अन्य लोगों के हस्ताक्षरों वाली एक अपील प्रसारित की गई थी।

पुलिस ने बताया कि लोगों से विरोध प्रदर्शन में शामिल न होने का अनुरोध किया गया था। हालांकि,कुछ ही समय बाद उसी व्यक्ति के मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप ग्रुपों में संदेश भेजे गए,जिसमें दावा किया गया कि अपील फर्जी है। हस्ताक्षर जाली हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुष्टि की कि पुलिस की ओर से डिजिटल साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज की जांच से और गिरफ्तारियों की संभावना है।

जिलाधिकारी की कार्रवाई के निर्देश
बरेली के जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने स्पष्ट किया है कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति पर कोई कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन शांति भंग करने की कोशिश करने वालों से कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि बरेली का वातावरण किसी भी हाल बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। जिले के नागरिक शांत रहें,कानून का पालन करें। किसी भी अफवाह या भ्रामक जानकारी पर ध्यान न दें।

जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी नीति स्पष्ट है,अपराधी छोड़े नहीं जाएंगें और निर्दोषों को कोई नुकसान नहीं होगा। कुछ असामाजिक तत्व लगातार शांति भंग करने का षड़यंत्र रच रहे हैं। खासकर बच्चों को बहका कर उन्हें पत्थर,बंदूक और हथियारों से लैस करने की कोशिश में हैं। प्रशासन इसे बेहद गंभीरता से ले रहा है। पर्दे के पीछे से बच्चों को भड़काने वालों की पहचान हो रही है। ऐसा कोई भी व्यक्ति छोड़ा नहीं जाएगा। वातावरण बिगाड़ने वालों के खिलाफ एक्शन लगातार जारी रहेगा।

Bareilly Violence: …तो राख हो जाता बरेली,सात दिनों से ये षडयंत्र रच रहा था मौलाना,पुलिस को न था जरा भी अनुमान

बरेली में उपद्रवियों ने पेट्रोल बम से शहर को जलाने की साजिश रची जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया। मौलाना द्वारा भड़काऊ बयान देकर भीड़ को इकट्ठा किया गया था जिनके हाथों में हथियार और पेट्रोल बम थे। पुलिस ने समय रहते कार्रवाई करते हुए उपद्रवियों को काबू में किया और घटनास्थल से पेट्रोल बम बरामद किए।

पेट्रोल बम के सहारे शहर को फूंकना चाहते थे उपद्रवी

पुलिस ने खलील तिराहे से बरामद की कई टूटी बोतलें, पेट्रोल की आ रही थी बदबू
पुलिस उपद्रवियों पर नहीं करती काबू तो आधे से ज्यादा जल चुका होता शहर

बरेली। 2010 के दंगे की तरह मौलाना ने इस बार फिर से शहर को जलवाने की तैयारी कर ली थी। भड़काऊ बयान देकर प्रदर्शन के नाम पर भीड़ को एकत्र करना और उनके हाथों में पत्थर, हथियार, चाकू, लाठी डंडे और पेट्रोल बम इस बात का सबूत थे।

पुलिस ने सही समय पर मोर्चा न संभाला होता तो शहर 15 साल पहले हुए दंगे की तरह से सुलग रहा होता। पुलिस को इस बात का अंदाजा बिल्कुल भी नहीं था कि उन्हें प्रदर्शन नहीं करने का पत्र देकर सिर्फ गुमराह किया जा रहा था।

मौलाना के वीडियो ने सब बदल दिया

हकीकत में तो मौलाना की इस पत्र के पीछे भी एक बड़ी साजिश थी। एक पल को जब पुलिस को पत्र मिला तो कुछ चैन की सांस ली थी, लेकिन अगले ही दिन मौलाना के वीडियो ने सब बदल दिया। 80 प्रतिशत नमाज पूरी होने के बाद एक साथ ही आई भीड़ ने पुलिस पर जब हमला किया तो पुलिस भी दंग रह गई।

एसएसपी ने सभी प्वाइंट्स पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई थी। इसलिए उपद्रवियों को मौके पर ही कंट्रोल कर लिया गया था। मौलाना के मंसूबों का पता तब चला जब पुलिस ने घटना स्थल से पेट्रोल बम, कारतूस और तमंचा बरामद किया।

पुलिस ने जब इस कड़ी में और चीजें तलाशना शुरू की तो साजिश के कई अहम सबूत पुलिस के हाथ लगे। इस पूरे उपद्रव को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से कंट्रोल किया जा रहा था।

आइएमसी के ही कई पदाधिकारियों नदीम, अनीस समेत कई लोगों की भूमिका सामने आ गई। इसके बाद पुलिस ने सभी के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी।

नदीम के फोन से लगातार की जा रही थीं वाट्स-एप काल और संदेश

पुलिस ने जब लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की और उनके फोन आदि खंगाले तो स्पष्ट हो गया। पुलिस को नदीम के फोन से उस वक्त के कई संदिग्ध काल मिले जब शहर में उपद्रव हो रहा था। इससे यह स्पष्ट हो कि उपद्रवियों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से कंट्रोल किया जा रहा था।

सात दिनों से चल रही थी साजिश

मौलाना तौकीर रजा इस उपद्रव के लिए पिछले सात दिनों से साजिश रच रहे थे। अंदरखाने इसकी तैयारी की जा रही थी अभी तक जो भी घटनाक्रम थे, वह उस पूरी प्लानिंग का एक हिस्सा थे। जिसे समझने में पुलिस से चूक हुई।

तौकीर रजा के चलते 15 साल पहले भी सुलग चुका है बरेली, 1 महीने लगा था कर्फ्यू, पीड़ितों ने बताई पूरी कहानी
बरेली जिला हाल ही में हुए बवाल के कारण चर्चा में है. इस उपद्रव का कारण बने मौलाना तौकीर रजा का विवादों से पुराना नाता है. 15 साल पहले भी, यानी 2 मार्च 2010 को, तौकीर रजा के भड़काऊ भाषण के बाद बरेली में दंगा भड़क गया था. तब कुहाड़ापीर इलाके में बारावफात के जुलूस के दौरान हुई इस हिंसा के बाद शहर में एक महीने तक कर्फ्यू लगा रहा था. दंगाइयों ने हिंदू व्यापारियों की 30 से अधिक दुकानों को निशाना बनाया और आग लगा दी थी.

बरेली हिंसा का आरोपी मौलाना तौकीर रजा (Photo- ITG)

उत्तर प्रदेश का बरेली जिला एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है. वजह है बीते जुमे को यहां पर हुआ बवाल. जिस मौलाना तौकीर रजा के चलते भीड़ ने उपद्रव किया, उस मौलाना का इतिहास विवादों भरा है. तौकीर रजा के जहरीले भाषण ने 15 साल पहले भी बरेली शहर के अमन-चैन को आग लगाई थी. तब शहर में एक महीने तक कर्फ्यू लगा था. तत्कालीन बसपा सरकार ने रजा को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन दो दिन बाद ही उसको रिहा करना पड़ा. इसके बाद शासन ने एसएसपी को हटा दिया था.

बरेली के जिस बाजार में बारावफात के जुलूस के बाद दंगा-फसाद हुआ था वहां कई इलाकों में तोड़फोड़ आगजनी हुई थी. करीब 30 दुकानों को निशाना बनाया गया. बड़ी बात यह रही कि सभी दुकानें चिन्हित कर जलाई गई थीं. हिंदू व्यापारियों को निशाना बनाया गया था. आइए जानते हैं 15 साल पहले जिस इलाके में दंगा भड़का, वहां रहने वाले लोगों की जुबानी…

2 मार्च 2010 की तारीख, दिन मंगलवार. बरेली के प्रेम नगर थाना क्षेत्र के कुहाड़ापीर इलाके का वह चौराहा जहां पर बारावफात की जुलूस के लिए लोग जमा होते हैं. तब मौलाना तौकीर रजा ने बारावफात में इकट्ठा हुए लोगों के सामने एक भड़काऊ भाषण दिया था और उसके बाद पूरे इलाके में दंगा भड़क गया था.

2010 दंगे के पीड़ित लोगों की जुबानी

सबसे पहले दंगाइयों ने मार्केट की सुरक्षा के लिए बनाई गई उस पुलिस चौकी को ही तहस-नहस कर दिया, जहां बारावफात के ड्यूटी में अन्य जिलों से पुलिसकर्मी बुलाकर तैनात किए गए थे. हालात ऐसे बेकाबू हुए कि प्रेम नगर थाना क्षेत्र की पुलिस चौकी कुहाड़ापीर तक में तोड़फोड़ व आगजनी की गई. चौकी में खड़ी पुलिसकर्मियों की गाड़ियों को फूंक दिया गया.

बीते शुक्रवार को बरेली में हुए बवाल के बाद पुलिस ने किया लाठीचार्ज
इस दंगे में प्रेम नगर के पूरे इलाके को ही निशाना बनाया गया. तौकीर रजा के भड़काऊ भाषण के बाद गलियों से बलवाई हाथ में लाठी डंडे, पत्थर, पेट्रोल बम तलवार लेकर निकले और आगजनी तोड़फोड़ मारपीट करने लगे. इलाके के व्यापारी पवन अरोड़ा बताते हैं बारावफात के जुलूस के दौरान उनके ही एक मुस्लिम दोस्त ने उन्हें बुलाया था. वह घर पहुंचे तो अचानक उसे दोस्त ने कह दिया आप घर जाओ, मार्केट में लौटे तो दंगा फैल चुका था. पहली बार इलाके में धार्मिक हरे झंडे लगाए गए थे लेकिन हरे झंडे सिर्फ़ दूसरे सम्प्रदाय की दुकानों पर ही लगे थे. हिंदू दुकानों पर झंडे नहीं लगे थे. यही पहचान थी दंगाइयों को हिंदू दुकानों को निशाना बनाने का.

इस पूरी मार्केट के सबसे बड़े गारमेंट व्यापारी प्रीत क्लॉथ हाउस और प्रीत साड़ी सेंटर के मालिक विजेंद्र पाल सिंह बताते हैं कि कैसे उनकी दुकानों को निशाना बनाया गया. दंगाइयों ने ऐसे ही एक अन्य बड़े रेस्टोरेंट को निशाना बनाया. व्यंजन रेस्टोरेंट के मालिक महेंद्र गुप्ता बताते हैं कि उन्होंने FIR तक दर्ज कराई, दो दिन के लिए तौकीर रजा को गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन सरकार ने भीड़ के दबाव में आकर उसे छोड़ दिया. मार्च 2010 में बारावफात के जुलूस के बाद भड़काऊ भाषण से हुए फसाद में बरेली में 1 महीने तक कर्फ्यू लगा रहा.

बरेली में में सुरक्षा कड़ी
बरेली अशांत, प्रदेश में थी बसपा सरकार

जिस समय बरेली में दंगा हुआ, उस समय प्रदेश में बसपा सरकार थी. तब जिले के एसपी एमके विशाल थे, जो मौजूदा समय में डीजी होमगार्ड हैं. वहीं, मौजूदा समय के प्रमुख आशीष गोयल उस वक्त बरेली के डीएम थे. मार्च 2010 को मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी के बाद ही शहर के इस्लामिया मैदान में लोग इकट्ठा होने लगे. दबाव में आकर एसएसपी बरेली एमके विशाल को हटाया गया और राजीव सभरवाल को बरेली का नया एसपी बनाया गया. सरकार के इशारे पर पुलिस ने तौकीर रजा के खिलाफ 169 की कार्रवाई करते हुए उसे जेल से रिहा तक करवा दिया.

बरेली में हुए इस दंगे में करीब 50 से ज्यादा FIR दर्ज हुई. पुलिस ने मौलाना को मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर आरोपी बनाया. लेकिन बाद में उसे आरोप से भी बरी कर दिया. 10 मार्च 2024 को बरेली में एडीजे रहे रवि दिवाकर ने पुलिस की 169 की कार्रवाई को खारिज कर दिया और तौकीर रजा के खिलाफ NBW जारी किया. तौकीर रजा ने कोर्ट के द्वारा जारी किए गए NBW को हाई कोर्ट में चैलेंज किया. हाई कोर्ट ने तौकीर रजा की अपील पर सुनवाई करते हुए उसे फौरी राहत दी, अरेस्टिंग पर रोक लगाते हुए मौलाना तौकीर रजा को जिला अदालत से जमानत लेने का आदेश दिया. वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में ये मामला लंबित है. उत्तर प्रदेश सरकार तौकीर रजा पर 2010 के दंगों में साजिशकर्ता के तौर पर दर्ज हुए केस में सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रही है.

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