पेपर लीक में साबिया के बाद मास्टरमाइंड खालिद मलिक भी गिरफ्तार

UKSSSC पेपर लीक: पकड़ा गया मास्टरमाइंड खालिद मलिक, पुलिस ने हरिद्वार से दबोचा
उत्तराखंड पेपर लीक केस में हरिद्वार से खालिद मलिक गिरफ्तार, बहन साबिया की पहले ही हो चुकी गिरफ्तारी
देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के स्नातक स्तरीय पदों की लिखित प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने मामले में मास्टरमाइंड खालिद मलिक गिरफ्तार को गिरफ्तार कर लिया है. जिसकी पुष्टि एसएसपी अजय सिंह ने की है. पुलिस ने उसे हरिद्वार से दबोचा है. वहीं, एग्जाम सेंटर को लेकर भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जिसमें पता चला है कि जिस परीक्षा केंद्र के कमरे में बैठकर खालिद परीक्षा दे रहा था, वहां जैमर ही नहीं था. अब एसआईटी परीक्षा केंद्र के सभी कर्मचारियों और जैमर टीम से पूछताछ कर रही है.

वहीं, देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने मामले की जांच पुलिस अधीक्षक देहात जया बलूनी को सौंपी है. जया बलूनी के नेतृत्व में टीम ने मंगलवार को हरिद्वार पहुंचकर आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज बहादरपुर जट का निरीक्षण किया. इसी केंद्र से प्रश्न पत्र बाहर आया था. टीम ने परीक्षा केंद्र के प्रिंसिपल, कक्ष निरीक्षकों और अन्य गवाहों से लंबी और विस्तार से पूछताछ की. जांच के दौरान बयानों और सबूतों के आधार पर पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.

एसपी देहात जया बलूनी ने दी अहम जानकारी
खालिद मलिक के परीक्षा कक्ष में नहीं लगा था जैमर: हालांकि, पुलिस ने कुछ गुत्थी सुलझाने में कामयाबी हासिल की है. जांच में सामने आया कि जिस केंद्र में खालिद परीक्षा दे रहा था, उस केंद्र में कुल 18 कमरे थे. केंद्र में परीक्षा के लिए कुल 15 जैमर लगे थे, लेकिन कमरा नंबर 9, 17 और 18 में जैमर नहीं लगे हुए थे. वहीं, कमरा नंबर 9 में खालिद परीक्षा दे रहा था. इसी कमरे से बैठकर खालिद ने किसी डिवाइस से परीक्षा के तीन पेज अपनी बहन साबिया को भेजे थे और साबिया ने प्रोफेसर सुमन चौहान को भेजे थे.

इस पूरे मामले में जैमर टीम संदिग्ध नजर आ रही है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है. वहीं परीक्षा केंद्र में खालिद कैसे एक डिवाइस लेकर चला गया. इसकी भी जांच की जा रही है. हालांकि, पुलिस लगातार आरोपी खालिद की तलाश कर रही है और आरोपी की गिरफ्तारी होने के बाद ही पेपर लीक की सभी गुत्थी सुलझ पाएगी. साथ ही इस पूरे मामले में कितने लोग शामिल हैं? वह भी जानकारी मिल पाएगी. वहीं खालिद की एक दूसरी बहन हीना और लीक प्रश्नों के जवाब तैयार करने वाली सहायक प्रोफेसर सुमन चौहान अभी भी पुलिस हिरासत में है.

Sabiya Malik Arrest
पुलिस की गिरफ्त में साबिया मलिक (फोटो सोर्स- Police)
एसपी देहात जया बलूनी ने बताया कि आरोपी खालिद मलिक की बहन साबिया को आरोपी के बहादुरपुर जट स्थित परीक्षा केंद्र से प्रतियोगी परीक्षा में प्रतिभाग करने की जानकारी थी. उसके बावजूद भी उसके द्वारा प्रश्न पत्रों के प्राप्त फोटो को सॉल्व करने के लिए प्रोफेसर सुमन को भेजते हुए उनसे बातचीत की और प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किए.

महिला आरोपी ने पूरी जानकारी होने के बाद भी नकल कराने के उद्देश्य से प्रश्नों को भेजने और उनके उत्तर प्राप्त करने के संबंध में प्राप्त सबूतों के आधार पर आरोपी साबिया को गिरफ्तार किया गया. प्रकरण में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमों की प्रयास किए जा रहे हैं.

हरिद्वार से मास्टरमाइंड खालिद मलिक गिरफ्तार: वहीं, पेपर लीक केस के मास्टरमाइंड खालिद मलिक को पुलिस ने हरिद्वार से दबोच लिया है. मोबाइल से अहम जानकारी मिली. अब पुलिस उसे देहरादून लाने की तैयारी कर रही है. हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल और देहरादून एसएसपी अजय सिंह की ओर से गोपनीय स्थान पर परीक्षा के नकलबाज से पूछताछ जारी है.

UKSSSC exam Jammers installed at 445 centres but failed major could not control 5G network Uttarakhand news
Uttarakhand: यूकेएसएसएससी परीक्षा; 445 केंद्रों पर जैमर तो थे लेकिन नाकाम, 5-जी नेटवर्क पर नहीं लगा सकते लगाम

यूकेएसएसएससी परीक्षा के दौरान सभी केंद्रों पर जैमर लगे होने के बावजूद पेपर बाहर कैसे चला गया, ये बड़ा सवाल उठ रहा है। विशेषज्ञों ने इसे तकनीकी खामी बताया। विशेषज्ञों के मुताबिक, 5-जी नेटवर्क पर ये जैमर लगाम नहीं लगा सकते हैं।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) स्नातक स्तरीय परीक्षा में सभी 445 केंद्रों पर जैमर तो लगे थे लेकिन रोकने में नाकाम थे। इसे एक बड़ी तकनीकी खामी माना जा रहा है। जैमर 4-जी नेटवर्क रोकने वाले थे। विशेषज्ञों का कहना है कि ये 5-जी नेटवर्क को नहीं रोक सकते।

आयोग ने स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक होने से रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे। केंद्र सरकार के अधीन एक कंपनी ने जैमर लगाए थे। पहले आयोग केवल संवेदनशील केंद्रों पर इन्हें लगवाता था लेकिन इस बार सभी 445 केंद्रों पर जैमर लगे थे। जब अमर उजाला ने इनकी पड़ताल की तो पता चला कि ये सभी जैमर 4-जी नेटवर्क तक को रोकने वाले थे। विशेषज्ञों से बात की गई तो उनका कहना है कि ऐसे जैमर 5-जी नेटवर्क को रोकने में नाकाम हैं। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में 5-जी नेटवर्क चल रहा है। ये जैमर इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) की ओर से लगाए गए हैं।

5-जी नेटवर्क को जाम नहीं कर सकता 4-जी जैमर

4-जी नेटवर्क सामान्य रुप से 700 मेगाहर्ट्स, 1800 मेगाहर्ट्स, 2300 मेगाहर्ट्स बैंड पर काम करता है। 5-जी नेटवर्क इससे कहीं ज्यादा ऊंची फ्रीक्वेंसी बैंड (जैसे 3300 मेगाहर्ट्स, 3500 मेगाहर्ट्स, एमएम वेव : 24 गीगाहर्ट्स तक) पर काम करता है। जैमर एक तय फ्रीक्वेंसी रेंज को ही जाम करता है। लिहाजा, यह 5-जी नेटवर्क को जाम नहीं कर सकता।

जहां से पेपर बाहर आया, वहां काम नहीं कर रहा था जैमर

आयोग के सचिव डॉक्टर शिव कुमार बरनवाल का कहना है कि उनके पर्यवेक्षक ने मौखिक तौर पर परीक्षा केंद्र के कक्ष-22 में जैमर न चलने की शिकायत की थी। सोमवार को जब रिपोर्ट आई तो उसमें कक्ष-9 में जैमर के काम न करने की बात सामने आई। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। यह तो तय है कि जिस कक्ष से पेपर बाहर आया, वहां जैमर काम नहीं कर रहा था। आयोग ने इस संबंध में ईसीआईएल को पत्र भेजा है।
हमने पूर्व में केंद्र को पत्र भेजा था,जिस पर कैबिनेट सेक्रेटरी ने ईसीआईएल को 4-जी, 5-जी अपडेटेड जैमर लगाने के निर्देश दिए थे। हमारे अधिकतर परीक्षा केंद्रों पर 4-जी जैमर लगे थे। कुछेक पर 5-जी जैमर थे। जहां परीक्षा का पेपर बाहर आया, वहां जैमर काम नहीं कर रहा था। इसकी जांच की जा रही है।डॉ. शिव कुमार बरनवाल, सचिव, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग

 

आयोग ने जब UKSSSC पेपर लीक मामले की जांच की तो चौंकाने वाले अनावरण हुये. यूकेएसएसएससी सचिव डॉक्टर शिव कुमार बर्नवाल ने बताया कि  पेपरलीक बाद आयोग ने खालिद की जांच की. पता चला कि खालिद ने आयोग की परीक्षा को चार अलग-अलग पहचान से आनलाइन आवेदन किए थे. इन चारों आवेदन पत्रों में पिता का नाम, मोबाइल नंबर और यहां तक कि फोटो भी अलग-अलग लगाए गए थे. तब खालिद संदेह के घेरे में आया.

आयोग के इस अनावरण के बाद उत्तराखंड एसटीएफ ने हरिद्वार लक्सर थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर से खालिद की बहन साबिया पकड़ी . साथ ही मामले में खालिद की बहन हिना से भी पूछताछ हुई. उसने पुलिस को बताया कि खालिद ने पहले ही घर में कहा था कि उसने कई फॉर्म इसलिए भरे हैं ताकि जिस परीक्षा केंद्र पर नकल की सेटिंग होगी, वहीं वह परीक्षा दे सके.

UKSSSC पेपर लीक मामले की जांच की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक ग्रामीण जया बलूनी को सौंपी गई है. जया बलूनी के नेतृत्व में टीम ने घटना से जुड़ी कड़ियों को जोड़ना शुरू कर दिया है.

 

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