शिकारी बना फौजी का शिकार:प्रापर्टी डीलर मंजेश लाखों नहीं 10 करोड़ की डबल डील में मारा गया
देहरादून प्रॉपर्टी डीलर हत्याकांड: सुपारी देने वाला पार्टनर खुद बना शिकार, ‘फौजी’ ने ₹10 करोड़ में कराया मर्डर
प्रॉपर्टी डीलर ने पार्टनर की हत्या के लिए दी थी सुपारी, टारगेट बने ‘फौजी’ ने 10 करोड़ में पलटा दी डील, करवा दिया मर्डर.
पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपित.
देहरादून 03 दिसंबर 2024: राजधानी देहरादून के पटेल नगर कोतवाली क्षेत्र में बीते 30 नवंबर (शनिवार) को हुई प्रॉपर्टी डीलर मंजेश कुमार की हत्या के मामले में नया मोड़ आया है. इस मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसमें हत्या का मास्टरमाइंड ‘फौजी’ भी शामिल है. आरोपियों ने पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. इस मामले में पुलिस ने कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस पूछताछ में मास्टरमाइंड का नाम आया सामने: देहरादून पुलिस इस अपराध में शामिल दो आरोपितों को पहले ही देहरादून और हरियाणा से पकड़ चुकी है. दूसरे आरोपित सचिन से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने मुख्य आरोपित संजय उर्फ फौजी का नाम बताया. पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी को लेकर मंजेश कुमार और संजय उर्फ फौजी में विवाद था.
देहरादून प्रॉपर्टी डीलर हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा.
प्रॉपर्टी को लेकर मंजेश और फौजी के बीच हुआ था विवाद: पुलिस ने अनुसार फौजी और मंजेश दोनों प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे. दोनों पार्टनर भी थे. फौजी ने देहरादून में राजपुर रोड़, सहस्रधारा और झाझरा हाईवे पर जमीन प्लॉटिंग के लिए उठायी थी, जिसमें मंजेश उससे आधी हिस्सेदारी मांग रहा था. इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था.
पहले मंजेश ही फौजी को मारना चाहता था: इस विवाद के बीच मंजेश ने अर्जुन गुसाईं को संजय उर्फ फौजी को मारने की सुपारी दी और उसके एवज में उसे अच्छा पैसा देने की बात कही थी. लेकिन मंजेश के आपराधिक प्रवृत्ति का होने के कारण अर्जुन ने इस काम से इनकार कर दिया और ये बात संजय उर्फ फौजी को भी बता दी.
फौजी ने अर्जुन को दिया उल्टा मारने का ऑफर : संजय ने अर्जुन को बताया कि उसने राजपुर रोड, सहस्रधारा और झाझरा में हाईवे पर जो जमीन ली है यदि उसकी डील हो जाती है तो उसे 80-90 करोड़ रुपए का फायदा होगा, जिसमें से मंजेश आधा हिस्सा मांग रहा है. यदि वो (अर्जुन) मंजेश की हत्या कर दे तो वो उसे उसके बदले 10 करोड़ रुपए देगा. इस डील पर अर्जुन तैयार हो गया.
अर्जुन ने सचिन के साथ मिलकर बनाया प्लान: पुलिस के मुताबिक, अर्जुन ने मंजेश की हत्या के लिए अपने एक साथी सचिन को प्लान में शामिल किया. अर्जुन ने सचिन को बताया कि मंजेश के खाते में 38 लाख रुपए हैं और उसके मोबाइल पिन की जानकारी है. यदि उन्होंने मंजेश की हत्या कर दी तो वो पैसे को उसके खाते से निकाल सकते हैं. इसके बाद दोनों ने मंजेश को मारने का प्लान बनाया.
Manjesh Kumar murder case
देहरादून वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने किया मामले का अनावरण.
पार्टी के बहाने मंजेश को बुलाया गया : प्लान के अनुसार, मंजेश को पार्टी के बहाने सचिन के कमरे यमुनोत्री विहार फेस-2 चंद्रबनी में बुलाया गया. वारदात से एक दिन पहले सचिन और अर्जुन ने संजय उर्फ फौजी से मुलाकात भी की थी. फौजी ने दोनों को खर्च के तौर पर 10 हजार रुपए भी दिए थे. अगले दिन भी कुछ पैसे देने की बात कही थी.
मंजेश को मारने से पहले फौजी से मिले थे दोनों आरोपित: हत्या की शाम भी दोनों आरोपित दोबारा से संजय उर्फ फौजी से मिले, जहां संजय ने 2-4 दिन में जमीन का पेमेंट आने पर उन्हें पूरा पैसा एक साथ देने की बात कही. इस पर अर्जुन राजी हो गया. अर्जुन ने रात में मंजेश को पार्टी के बहाने सचिन के कमरे में बुलाया, जहां मंजेश को शराब पिलाने के बाद सचिन और अर्जुन ने जूते के फीते से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी.
शव को नहीं लगा पाए ठिकाने: हत्या के बाद दोनों मंजेश का शव ठिकाने लगाना चाहते थे, लेकिन दोनों में से किसी को भी गाड़ी चलानी नहीं आती थी. इसलिए अर्जुन ने अपने एक अन्य साथी शुभम को मंजेश की हत्या की जानकारी दें उसे शव ठिकाने लगाने की बात कही, लेकिन शुभम ने साथ देने से इंकार कर दिया.
पुलिस देख दोनों छत से कूदकर भाग गए: हत्या के बाद अर्जुन ने मृतक मंजेश के गले में पड़ी चेन, अंगूठी और गाड़ी की चाबी अपने पास रख ली. सुबह दोनों आरोपित शव ठिकाने लगाने की योजना बना ही रहे थे कि इतने में पुलिस आ गई. इससे दोनों आरोपित घबरा गए और छत से नीचे कूदकर भाग गए. मकान मालिक ने पुलिस को बताया था कि ये कमरा उन्होंने सचिन को दो महीने पहने किराए पर दिया था. कमरे में कोई अर्जुन नाम का दोस्त भी आता रहता था.
हत्या के बाद फौजी ने ही अर्जुन को अपनी गाड़ी से छोड़ा: मंजेश की हत्या के बाद अर्जुन फिर से संजय उर्फ फौजी से मिला और उसे घटना के बारे में पूरी जानकारी दी. साथ ही मंजेश की गाड़ी की चाबी भी अर्जुन ने फौजी को ही दे दी थी. फौजी ने अर्जुन को 50 हजार रुपए दिए और उसे अपनी गाड़ी से ग्राफिक ऐरा हॉस्पिटल झाझरा के पास छोड़ा, जहां से अर्जुन अपने साथी अफजल के कमरे में गया.
हत्या के बाद एक दिन दोस्त के कमरे पर रुका अर्जुन: पुलिस के अनुसार, अर्जुन एक दिन अपने दोस्त अफजल (निवासी विकासनगर) के कमरे पर ही रुका था. अगले दिन अर्जुन ने अफजल को मंजेश की चेन और अंगूठी दी और वहां से हरियाणा चला गया. अफजल का भी आपराधिक इतिहास है, वो भी मर्डर केस में जेल जा चुका है. इस बीच पुलिस ने आरोपित सचिन को रविवार (1 दिसंबर) को देहरादून के आशारोड़ी जंगल से गिरफ्तार किया था.
अर्जुन को खबर लग गई थी कि पुलिस ने सचिन को गिरफ्तार कर लिया है. इसलिए वो पुलिस की गिरफ्तारी से बचने को सोनीपत कोर्ट में सरेंडर करने की योजना बना रहा था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसे कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार कर लिया. सचिन और अर्जुन पहले भी हत्या के एक मामले में जेल जा चुके हैं. जेल में ही दोनों की पहचान हुई थी.
2018 में सेना से रिटायर हुआ था मास्टरमाइंड : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि मंजेश की हत्या में शामिल चार आरोपितों को पुलिस ने पकड़ा है. इस पूरे अपराध का मास्टरमाइंड संजय उर्फ फौजी साल 2018 में सेना से रिटायर हो गया था. इसका कोई भी अपराधिक इतिहास नहीं है.
ये है पूरा मामला: शनिवार 30 नवंबर सुबह यमुनोत्री विहार फेस 2 चंद्रबनी में मकान मालिक को कमरे में प्रॉपर्टी डीलर 42 वर्षीय मंजेश कुमार का शव मिला था, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी थी. प्रथम दृष्टया व्यक्ति की गला घोंटकर हत्या करने का मामला सामने आया था. इसके बाद ही पुलिस मामले की जांच में जुटी थी. पुलिस ने इस मामले में कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम सचिन, अर्जुन, संजय उर्फ फौजी और अफजल है.
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