फर्जी काल सेंटर का वायरस नहीं दिख रहा नंगी आंखों से?
न्यूज़ पोर्टल संचालक की मिलीभगत से चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर, मास्टरमाइंड अब भी पकड़ से दूर!
Posted on July 22, 2022 by bhadas4media.com
देहरादून में एसटीएफ ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. यहां बैठे यह साइबर ठग अमेरिका और दुबई जैसे देशों के लोगों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर रहे थे. एसटीएफ ने छापा मारकर एक युवती समेत 14 लोगों को एक करोड़ 26 लाख की नगदी के साथ गिरफ्तार किया है. गैंग से जुड़े तीन आरोपी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है.
एसटीएफ के मुताबिक फर्जी कॉल सेंटर में आरोपी नितिन गुप्ता, उदित गर्ग और गर्वित अपनी पहुंच का हवाला देकर यह ठगी करवा रहे थे लेकिन इनके पीछे इस अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का मास्टरमाइंड कोई और बताया जा रहा है। आरोपी नितिन अपने आकाओं के साथ गुप्ता बड़े-बड़े नेताओं के यहाँ अक्सर देखा जाता रहा है. पिछले दिनों मुंबई में राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ एक सम्मान समारोह में भी यह लोग मौजूद रहे जहां इनको गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के द्वारा सम्मान किया गया था.
अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर के मास्टर वायरस कौन है?
राजधानी देहरादून में एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर को नेस्तनाबूद कर दिया है. लेकिन अभी भी इस फर्जी कॉल सेंटर का मास्टरमाइंड उनकी पकड़ से बाहर चल रहा है. यह मास्टरमाइंड बड़े-बड़े नेताओं के साथ अक्सर देखा जाता रहा है. पुलिस के अधिकारियों को अपना खास बताने वाला यह मास्टरमाइंड पहले भी क्रिकेट सट्टा लगाते हुए जेल की हवा खा चुका है.
आख़िर ये कौन है जो YouTube चैनल में इंटरव्यू दिखाकर बड़े बड़े अधिकारियों को छपासमारी करवा रहा था. ऐसे सट्टा किंग को किसने पनाह दी. जब खुद को फँसता देखा तो मुखिया के गुरु से पुलिस की क्लास लगवा दी.
आख़िर इसका उत्तराखंड क्रिकेट में क्या रोल है? इसी के चैनल पर उत्तराखंड क्रिकेट के बॉस देखे जाते थे और कई कार्यक्रमों में चीफ़ गेस्ट भी बनते थे. फ़रार आरोपित अभी STF की पकड़ से दूर है लेकिन इनके गुरु जी देहरादून में ही अपने को पाक साफ़ करने में जुट गए हैं.
बड़े-बड़े राष्ट्रीय चैनलों के संपादकों से अपने घरेलू संबंध बताते हुए यह मास्टरमाइंड लंबे समय से राजधानी देहरादून में अपना गिरोह चला रहा है. बताया जाता है एक राष्ट्रीय चैनल में इसके द्वारा डिस्ट्रीब्यूशन के नाम पर बड़ा ग़बन कर दिया गया था जिसके बाद चैनल के द्वारा इसे धक्के मार कर निकाल दिया गया था.
21 जुलाई 2022 को राजधानी देहरादून के एसटीएफ के द्वारा पॉश इलाके में चल रहे एक बड़े फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने के बाद इस मास्टरमाइंड की पोल खुल गई है. यह व्यक्ति फर्जी कॉल सेंटर संचालकों से पुलिस से बचाने के लिए मोटी रकम एवज में लिया करता था. अब फिलहाल एसटीएफ के द्वारा पकड़े गए संचालकों से पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में अपना नाम आता देख यह मास्टरमाइंड बड़े बड़े अधिकारियों और नेताओं के चक्कर काट रहा है और एसटीएफ को अपनी ऊंची पहुंच की धौंस दिखा रहा है.
नाम ना छापने की शर्त पर एक सूत्र ने बताया एसटीएफ द्वारा पूछताछ में इस मास्टरमाइंड का नाम उजागर हो चुका है. यह मास्टरमाइंड ही पूरे देहरादून के बड़े बड़े अधिकारियों और नेताओ के बीच आरोपियों को लेकर घूमता था और खबर ये भी है कि STF की कार्यवाही के बाद कई अधिकारियों की हवा गोल हो गयी है.
(भड़ास4मीडिया से साभार)
फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर से हुआ 225 करोड़ का लेनदेन,एक मीडिया हाउस की मिलीभगत भी आई सामने
इस मामले में एक मीडिया हाउस का नाम भी सामने आ रहा है। इसकी भी एसटीएफ जांच में जुटी हुई है।
देहरादून में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर मामले में अब तक 225 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता चला है। इस लेनदेन की जानकारी एसटीएफ ने ईडी, आईबी और अमेरिका में एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) समेत दस एजेंसियों को भेजी है।
इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट ने भी एसटीएफ को बहुत सी जानकारी मुहैया कराई हैं। इस मामले में एक मीडिया हाउस का नाम भी सामने आ रहा है। इसकी भी एसटीएफ जांच में जुटी हुई है। एसटीएफ ने गत 21 जुलाई को न्यू रोड स्थित कॉल सेंटर में छापा मार 14 लोगों को गिरफ्तार किया था, जबकि 300 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई थी। मौके से 1.26 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। इस कॉल सेंटर से अमेरिका और कनाडा के लोगों से बात की जाती थी। उनके कंप्यूटर में एक वायरस भेजकर उसे हैंग कर दिया जाता था।
इसके बाद इस समस्या को दूर करने के लिए उनसे डॉलर लेकर उसे ठीक कर दिया जाता था। एसटीएफ ने 250 लैपटॉप और 85 कंप्यूटर बरामद किए थे। इसमें एसटीएफ को मनी लॉड्रिंग होने की बात भी पता चली थी। इसके लिए सरकार को भी जानकारी दी गई थी। अब एसटीएफ को फरार लोगों की तलाश है। साथ ही जिन लोगों की शह पर कॉल सेंटर चल रहा था, उनकी भी तलाश की जा रही है। अब तक की जांच में एसटीएफ को 225 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता चला है। इसकी जानकारी अब कई एजेंसियों से साझा की जा रही है।
इन विभागों को भेजी जानकारी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आसूचना ब्यूरो (आईबी), फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) अमेरिका, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी), डिपार्टमेंट ऑफ टेक्नोलॉजी (डीओटी), सीजीएसटी, एसजीएसटी, राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट।
(साभार अमर उजाला)