बिहार एक्जिट पोल में नीतीश दिख रहे भाजपा से भी आगे
EXIT POLL का निचोड़: बिहार में बस नीतीशे कुमार, पार्टनर BJP से भी निकले पार
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल में सबसे बड़ी बात यह है कि नीतीश कुमार भाजपा से आगे निकल सकते हैं. यानी उनका कद भाजपा से बड़ा हो सकता है. अगर वाकई ऐसा हुआ तो नीतीश कुमार बड़े भाई की भूमिका में होंगे.
बिहार चुनाव में मैट्रिज के एग्जिट पोल में जेडीयू को भाजपा से अधिक सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है
मैट्रिज के एग्जिट पोल के मुताबिक, जेडीयू को 67-75 सीटें और भाजपा को 65 से 73 के बीच सीटें मिलने के आसार हैं
पिछली बार जेडीयू को 43 और भाजपा को 74 सीटें मिली थीं. इस बार नीतीश आगे रहे तो फिर से बड़े भाई बन सकते हैं
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मंगलवार को दूसरे चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद सामने आए एग्जिट पोल में सबसे बड़ी बात यह है कि नीतीश कुमार भाजपा से आगे निकल सकते हैं. यानी उनका कद भाजपा से बड़ा हो सकता है. अगर वाकई ऐसा हुआ तो नीतीश कुमार बड़े भाई की भूमिका में होंगे.
EXIT POLL NDA महागठबंधन जनसुराज पार्टी अन्य
चाणक्य स्ट्रैटजीज 130-138 100-108 0-0 3-5
दैनिक भास्कर 145-160 73-91 0-3 5-7
DV रिसर्च 137-152 83-98 2-4 1-8
JVC 135-150 88-103 0-1 3-6
Matrize 147-167 70-90 0-2 2-8
P-मार्क 142-162 80-98 1-4 0-3
पीपल इनसाइट्स 133-148 87-102 0-2 3-6
पीपल पल्स 133-159 75-101 0-5 2-8
पोल ऑफ पोल्स 147 90 1 5
मैट्रिज के एग्जिट पोल के मुताबिक, जेडीयू को अधिकतम 67-75 सीटें मिल सकती हैं. वहीं भाजपा के खाते में 65 से 73 के बीच सीटें आ सकती हैं. अगर 14 नवंबर को चुनाव नतीजों में भी यही ट्रेंड कायम रहा तो साफ हो जाएगा कि इस चुनाव में नीतीश के पक्ष में जमकर लहर चली है. महिलाओं की जो लंबी-लंबी कतारें लगी, उन्होंने सीधे तौर पर नीतीश को फायदा पहुंचाया.
पिछली बार जेडीयू को 43 सीटें मिली थीं और भाजपा 74 सीटें लेकर उसके काफी आगे निकल गई थी. इसी रिजल्ट के आधार पर भाजपा ने इस बार सीटों के बंटबारे में बराबरी का दांव चला था. इस बार भाजपा और जेडीयू दोनों बराबर 101-101 सीटों पर लड़े हैं. लेकिन मैट्रिज के एग्जिट पोल नतीजों में बदले तो जेडीयू अपने प्रदर्शन को पिछली बार से कहीं बेहतर करेगी और बिहार की राजनीति में फिर से बड़े भाई की भूमिका में आ जाएगी.
पिछली बार के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने अलग होकर चुनाव लड़ा था. उससे नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को नुकसान हुआ था, लेकिन इसने आरजेडी को फायदा पहुंचाया था. असर यह हुआ था कि आरजेडी और बीजेपी टक्कर में आ गई थीं. माना जा रहा है कि इस बार चिराग के एनडीए में आने से इसका सीधा फायदा जेडीयू को हो सकता है. मैट्रिज के एक्जिट पोल में चिराग पासवान को 6-7 सीटें मिलने का अनुमान जाहिर किया गया है.
बहरहाल ये जरूरी नहीं है कि एग्जिट पोल के अनुमान मतगणना वाले दिन नतीजों में भी बदलें. कई चुनावों में देखा गया है कि एग्जिट पोल और नतीजों में काफी अंतर होता है. ऐसे में अंतिम परिणाम के लिए 14 नवंबर का इंतजार करना होगा. तभी पता चलेगा कि नीतीश कुमार वाकई भाजपा के बड़े भाई बन पाते हैं या नहीं.
Exit Polls Results LIVE: बिहार में एक बार फिर नीतीशे कुमार, एग्जिट पोल में NDA को 121 से 141 सीटों का अनुमान
महिलाएं दिलाएंगी NDA को जीत, PK बनेंगे ‘वोटकटवा’… जानें VoteVibe Exit Poll की 5 खास बातें
वोट वाइब एग्जिट पोल के मुताबिक, बिहार चुनावों में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का रहा है. बिहार के हर 4 में से 3 युवा (73.6%) ने बेरोजगारी को महामुद्दा माना है.
महिलाएं दिलाएंगी NDA को जीत, PK बनेंगे ‘वोटकटवा’… जानें VoteVibe Exit Poll की 5 खास बातें
VoteVibe एग्जिट पोल में NDA को 125-145 सीटें और महागठबंधन को 95-115 सीटें मिलने का अनुमान हैबिहार चुनावों में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का रहा. हर 4 में से 3 युवा (73.6%) ने बेरोजगारी को महामुद्दा मानासीएम पद के लिए तेजस्वी युवाओं की पहली पसंद बनकर उभरे हैं, वहीं 40.3% महिला वोटरों ने नीतीश को फेवरिट बताया
बिहार में विधानसभा चुनाव की वोटों की गिनती से पहले VoteVibe का एग्जिट पोल आया है. इसमें बिहार में नीतीश कुमार सरकार की बहुमत के साथ वापसी का संकेत दिया गया है. एनडीए को 125-145 सीटें और महागठबंधन को 95-115 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. इस एग्जिट पोल में चुनाव के मुद्दे, वोट शेयर और जातीय समीकरण को लेकर कई चौंकाने वाली बातें हैं.
बिहार का सबसे बड़ा मुद्दा – बेरोजगारी
वोट वाइब के सर्वे के मुताबिक, बिहार चुनावों में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का रहा है. बिहार के हर 4 में से 3 युवा (73.6%) ने बेरोजगारी को महामुद्दा माना है. यहां तक कि अधिकतर (58.9%)महिलाएं भी इसे सबसे अहम मुद्दा मानती हैं. सभी वोटरों में से 63.2 फीसदी लोगों की सबसे चिंता बेरोजगारी ही रही है. एग्जिट पोल सर्वे की मानें तो 10.3 फीसदी वोटरों ने महंगाई को सबसे बड़ा मुद्दा माना. अन्य प्रमुख मुद्दों में जाति व सांप्रदायिक तनाव, भ्रष्टाचार व कानून व्यवस्था और विकास शामिल रहे. महिलाओं के खिलाफ अपराध को लोगों ने ज्यादा बड़ा चुनावी मुद्दा नहीं माना.
CM: युवाओं की पसंद तेजस्वी, महिलाओं के फेवरिट नीतीश
सीएम फेस को लेकर वोट वाइब के एग्जिट पोल सर्वे में तेजस्वी यादव युवाओं की पहली पसंद बनकर उभरे हैं. बिहार के 40.9 फीसदी युवा तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं, 30.3 फीसदी युवाओं ने नीतीश को सीएम चॉइस बताया है. वहीं अधिकतर महिला वोटरों (40.3%) की सीएम के रूप में पहली पसंद नीतीश कुमार हैं. पुरुषों में 39.5% तेजस्वी और 27.4% नीतीश के पक्ष में बताए गए हैं. ओवरऑल वोटरों की बात करें तो तेजस्वी के पक्ष में 35.2 फीसदी और नीतीश कुमार के फेवर में 33.4 फीसदी वोटर हैं. सीएम के रूप में तीसरे नंबर पर प्रशांत किशोर 9.3% वोटरों की पसंद बताए गए हैं.महागठबंधन से 10% ज्यादा महिला वोट NDA को मिले हैं।
वोट वाइब ने बिहार चुनाव में एनडीए को 45.3 फीसदी और महागठबंधन को 41.9 पर्सेंट वोट मिलने का अनुमान लगाया है. इसमें महिलाओं ने खुलकर एनडीए का सपोर्ट किया है. महिलाओं के 48.5 फीसदी वोट एनडीए को मिलते बताए गए हैं जबकि 37.9% महिला वोट महागठबंधन के खाते में जाने की संभावना जताई गई है. महिला वोटों के मामले में महागठबंधन से एनडीए 10.6 पॉइंट आगे है. पुरुषों में 45% ने महागठबंधन और 42.1% ने एनडीए को वोट देने की बात कही है. युवा वोटों में ज्यादा अंतर नहीं है. युवाओं के 43.9% वोट महागठबंधन को और 42.4% वोट एनडीए को मिलने की बात कही गई है.
प्रशांत किशोर बन सकते हैं ‘स्पॉइलर’
प्रशांत किशोर की जन सुराज का वोट शेयर वोट वाइब एग्जिट पोल के मुताबिक भले ही 5.2% है, लेकिन इसकी उपस्थिति सभी सामाजिक वर्गों में देखी गई है. सभी सामाजिक समूहों में इसका 4-8% तक समर्थन बताया गया है. इसका मतलब ये कि यह पार्टी उन सीटों पर स्पॉइलर की भूमिका निभा सकती है, जहां एनडीए और महागठबंधन के बीच बेहद करीबी मुकाबला है. हालांकि सीटों के मामले में पीके को ज्यादा फायदा मिलता नहीं दिख रहा है. उसके खाते में 2 से कम सीटें ही आने की संभावना जताई गई है.
MY ने खुलकर दिए महागठबंधन को वोट
ये एक तथ्य है कि बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं. वोट वाइब के मुताबिक, इस बार के चुनाव में भी जाति और धर्म के आधार पर वोटों का स्पष्ट ध्रुवीकरण देखने को मिलेगा. इसके मुताबिक एनडीए को सामान्य वर्ग (64%), एससी-एसटी (59.8%) और अन्य ओबीसी-ईबीसी (57.5%) मतदाताओं के ज्यादातर वोट मिलने का अनुमान है. वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के पक्ष में MY फैक्टर काम करता दिख रहा है. सर्वे के मुताबिक, विपक्षी महागठबंधन को अधिकतर मुस्लिमों (79.1%) और यादवों (74.5%) के वोट मिलने की संभावना जताई गई हैl
