ब्यावर लव जिहाद: मुस्लिम गैंगरेपर्स पर बुलडोजर कार्रवाई रोकी हाईकोर्ट ने

ब्यावर के ‘मुस्लिम गैंग’ पर बुलडोजर एक्शन नहीं, राजस्थान हाई कोर्ट ने घर तोड़ने पर लगाई रोक: ब्लैकमेल कर हिंदू बच्चियों का करते थे रेप, रोजा-कलमा का बना रहे थे दबाव

बुलडोजर एक्शन पर राजस्थान हाई कोर्ट का निर्णय
बुलडोजर एक्शन पर राजस्थान हाई कोर्ट का निर्णय (साभार: जी न्यूज/छत्तीसगढ़ न्यूज)
राजस्थान हाई कोर्ट ने ब्यावर में हिंदू लड़कियों के यौन शोषण के आरोपित मुस्लिमों के घरों पर बुलडोजर चलाने पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने आरोपितों के घरों के ध्वस्तीकरण के लिए नोटिस जारी किया था। यह नोटिस 20 फरवरी को दिया गया था। इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की एकल बेेंच ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।

जस्टिस महेंद्र कुमार गोयल ने अपने आदेश में कहा है, “याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने प्रस्तुत किया है कि राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 194 और धारा 245 के तहत उनके निर्माण को ध्वस्त करने के लिए दिनांक 20.02.2025 को कारण बताओ नोटिस प्राप्त होने पर उन्होंने समय पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है, लेकिन प्रतिवादी जवाब पर निर्णय लिए बिना ही उनके निर्माण को ध्वस्त करने पर आमादा हैं।”

अदालत ने आरोपित मुस्लिम याचिकाकर्ताओं के वकील से कहा कि वे अपनी रिट याचिकाओं की एक कॉपी अतिरिक्त महाधिवक्ता के कार्यालय को दें। प्रतिवादियों के वकील ने अपने निर्देश पूरे करने के लिए समय माँगा। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें समय दे दिया। इस मामले की सुनवाई 11 मार्च को 2 बजे के लिए सूचीबद्ध किया गय है। तब तक दोनों पक्षों से यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा गया है।

याचिका में दावा किया गया है कि पिछले महीने पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि मोबाइल फोन के जरिए प्रेम संबंधों में फँसाकर नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण करने वाले 5 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, 2 किशोर अपराधियों को हिरासत में लिया गया है। इसके बाद संबंधित नगरपालिका के अधिकारियों ने इन आरोपितों के घरों के लिए नोटिस जारी किया।

याचिका में दावा किया गया है कि नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी द्वारा आरोपित व्यक्तियों के घरों को हाथ से लिखित 8 नोटिस जारी किए। इनमें एक मस्जिद और एक कब्रिस्तान तथा बाकी 6 आरोपितों के घर शामिल हैं। इनमें से एक घर याचिकाकर्ता का भी है, जिसमें वह अपने पूरे परिवार के साथ रहता है।

याचिका में आगे कहा गया है कि नोटिस प्राप्त करने वाले व्यक्ति से कहा गया है कि वह नोटिस प्राप्त होने के तुरंत बाद संबंधित नगरपालिका में स्थित अपने घर/भवन के पक्ष में स्वामित्व के दस्तावेज, रिकॉर्ड और स्वीकृत नक्शा प्रस्तुत करे। नोटिस प्राप्त करने वाला व्यक्ति अपने पक्ष में स्वामित्व के दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ राजस्थान नगरपालिका अधिनियम की धारा 194(1) और 245 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि पिछले महीने 11 मुस्लिमों ने 5 हिंदू लड़कियों का रेप और ब्लैकमेल किया था। इस मामले में 16 फरवरी को 3 एफआईआर दर्ज की गई। इस घटना के कारण इलाके में सांप्रदायिक तनाव भी पैदा हो गया। इसके बाद बिजयनगर नगरपालिका ने आरोपितों के घरों को ध्वस्त करने का नोटिस भेजा। इसके बाद मुस्लिम आरोपितों के परिजनों ने नगरपालिका के इस निर्णय को राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. TopicsHigh CourtHindu girl raped Rajasthan Rape मुस्लिमों के क्राइम राजस्थान हाई कोर्ट हिंदू लड़की से रेप

 

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