भगवा लव ट्रैप

भगवा लव ट्रैप की मुहिम चलाकर यू-ट्यूबर बनना चाहते थे फिरोज और कासिम, पुलिस ने दोनों को भेजा जेल

मेरठ पुलिस ने एक छात्रा की आपत्तिजनक फोटो सोशल मीडिया पर डालने के आरोप में दो युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में से एक फिरोज बिहार में ताला बेचता है जबकि दूसरा कासिम एलएलबी का छात्र है। दोनों भगवा लव ट्रैप के नाम पर मशहूर होना चाहते थे। पुलिस अब इस मामले से जुड़े अन्य लोगों की भी जांच कर रही है।
पांच हजार में खरीदी गई आईडी पर छात्रा की फोटो डालकर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
शहर में बने भगवा लव ट्रैप के ठेकेदारों की भी जांच कर मुकदमा दर्ज करने जा रही पुलिस
मेरठ। अलीगढ़ का फिरोज बिहार में ताला बेचता हैं, जबकि कासिम एक निजी कालेज से एलएलबी कर रहा है। दोनों ही भगवा लव ट्रैप की मुहिम चलाकर इंटरनेट पर प्रसिद्ध होना चाहते थे। कासिम ने चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय की छात्रा का सहपाठी के संग फोटो खींचा।

फिरोज ने उसे इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर आपत्तिजनक टिप्पणी की। जांच में सामने आया कि फिरोज ने यह आईडी मुज्जमिल से पांच हजार में खरीदी थी, जिसमें 50 हजार फालोअर बताए गए थे। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

साथ ही शहर में भगवा लव ट्रैप की मुहिम चलाने वाले ठेकेदारों की जांच कर उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा। फेसबुक से लेकर इंस्टाग्राम और एक्स पर 28 मई, 16, 22 और 30 जून को कुछ पोस्ट अपलोड की गई।

उक्त पोस्ट में बताया गया कि हिंदू लड़कों के साथ वैवाहिक संबंध में रह रहीं हिंदू धर्म अपना चुकी युवतियों की अपने मजहब में वापसी की जाएगी। इसे भगवा लव ट्रैप का नाम दिया गया। इससे पहले फिरोज ने 28 अप्रैल को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से सहपाठी छात्रों के साथ घर लौट रही मुस्लिम युवती की फोटो इंटरनेट मीडिया पर अपलोड की।

फिरोज अलीगढ़ के मुहल्ला जीवनगढ़ थाना क्वारसी का रहने वाला है। फिरोज ने बताया कि बुड्ढा गार्डन निवासी कासिम ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के परिसर में सहपाठी के संग छात्रा की फोटो खींची थी। उक्त फोटो अपलोड करने के लिए फिरोज को भेजी गई थी। फिरोज उक्त फाेटो को इंटरनेट मीडिया पर डालकर ज्यादा फालोअर बनाना चाहता था, ताकि एक ही पोस्ट से प्रसिद्ध हो जाए।

पुलिस ने फिरोज के बताये कासिम को भी पकड़ लिया है। दोनों को उक्त मुकदमे में जेल भेज दिया। साथ ही देखा जा रहा है कि मुस्लिम लड़कियां बचाने की मुहिम चलाकर माहौल बिगाड़ने वालों की जांच हो रही है, जो भगवा लव ट्रैप के नाम पर अपनी राजनीति चमकाना चाहते है।

पुलिस क्षेत्राधिकारी अभिषेक तिवारी ने बताया कि दो आरोपितों को जेल भेजने के बाद अन्य आरोपितों की जांच कर तलाश की जा रही है।

मेरठ में ‘लव ट्रैप’: विदेशी फंडिंग के लिए रची साजिश, मुस्लिम छात्राएं थीं निशाना, ये थी आरोपियों की मंशा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठPublished by: डिंपल सिरोही Updated Fri, 26 Sep 2025 12:34 AM IST
सार

मेरठ में मुस्लिम छात्राओं को निशाना बनाकर झूठे वीडियो-फोटो वायरल करने की साजिश का खुलासा हुआ है। विदेशी फंडिंग पाने के लिए आरोपी फिरोज और कासिम ने सोशल मीडिया पर भ्रामक कंटेंट फैलाया।

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Foreign Funding Conspiracy Exposed: Misleading Videos Targeting Muslim Girls in Meerut
मेरठ में लव ट्रैप – फोटो : अमर उजाला
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मेरठ में पिछले दिनों से चल रहे लव ट्रैप मामले में दो आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा। मुस्लिम महिलाओं और छात्राओं के भ्रामक वीडियो-फोटो पोस्ट करने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को धर दबोचा। दोनों ही आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में विदेशी फंडिंग की बात कबूल की है।

पुलिस के मुताबिक फिरोज और कासिम भीड़भाड़ वाले इलाकों में वीडियो बनाकर झूठे और भ्रामक संदेश के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट करते थे। फिरोज से मिले मोबाइल में चार और छात्राओं के वीडियो पुलिस को मिले हैं। दोनों आरोपियों के मोबाइल पुलिस फॉरेंसिक जांच के लिए भेजेगी। आइए विस्तार से जानें आखिर क्या है ये पूरा मामला है पूछताछ में और क्या खुलासे हुए हैं।

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फिरोज और कासिम ने पुलिस पूछताछ में खोले कई राज 
गिरफ्तार फिरोज और कासिम ने बताया कि उनका सोशल मीडिया पर फोलोअर्स बढ़ाने के साथ ही विदेशी फंडिंग की मंशा से ही वे यह काम कर रहे थे। वे लव ट्रैप का एंगल देकर मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं के बारे में दुष्प्रचार करते थे। मुस्लिम युवतियों को इस तरह निशाना बनाने का यह नया ट्रेंड भी सामने आया है। पुलिस इसकी गंभीरता से जांच कर रही है।

मेरठ में ‘लव ट्रैप’: विदेशी फंडिंग के लिए रची साजिश, मुस्लिम छात्राएं थीं निशाना, ये थी आरोपियों
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मुस्लिम छात्रा की शिकायत पर हुई कार्रवाईआपत्तिजनक बातें लिखकर सोशल मीडिया पर शेयर करते थे छात्राओं के फोटो

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे मुस्लिम महिलाओं और छात्राओं के फोटो-वीडियो काॅलेजों, यूनिवर्सिटी और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर बनाकर झूठे आरोप लगाकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म व इस्लामिक कंटेंट जैसे ग्रुपों में डालते थे ताकि इससे छात्र-छात्राओं पर दबाव बनाकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ा जा सके।

ऐसे फोटो और वीडियो देखकर लोगों में गुस्सा बढ़ता था। कई लोग ऐसे वीडियो शेयर करते थे। इससे उनके लाइक्स और फोलोअर्स भी बढ़ते थे। सीओ ने बताया कि पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

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