भाजपा और अजेंन्द्र ने सराही जोशीमठ स्थायी विस्थापन नीति

 

जोशीमठ आपदा प्रभावितों की मुआवजा और विस्थापन नीति सरहानीय: भट्ट

देहरादून 15 फरवरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने कैबिनेट मीटिंग में जोशीमठ आपदा पीड़ितों के मुआवजे व स्थायी विस्थापन नीति निर्धारण समेत लिए गए अन्य सभी महत्वपूर्ण निर्णयों का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र के भू, भवन स्वामियों व व्यवसायियों के साथ किराए की दुकान व पट्टे स्वामियों को भी व्यवहारिक मदद देने का निर्णय पीड़ितों के लिए बड़ी राहत देने वाला कदम है ।

प्रदेश अध्यक्ष श्री भट्ट ने कहा कि क्षतिग्रस्त भवनों के लिए पीडब्ल्यूडी के मानकों के अनुशार ज्यादा से ज्यादा मुआवजा देने, व्यवसायिक भवनों के लिए 5 स्लैब अनुसार मदद राशि, आवासीय भवनों को 3 विकल्प व व्यावसायिक भवनों व दुकानों के संबंध में भूमि और दुकान दोनों का मुआवजा देने का निर्णय जनभावनाओं के अनुरूप है । उन्होंने कहा, किराए पर दुकान चलाने वाले पीड़ित, जो अब तक छूट रहे थे उन्हें भी सहायता राशि के रूप में सरकार का 2 लाख रुपये देना सराहनीय कदम है । उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा, भूमि के संबंध में सर्किल रेट के निर्धारण का निर्णय भी तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट आने के बाद अगली कैबिनेट में ले लिया जाएगा ।
इसी तरह उन्होंने स्टार्टअप के लिए नई औधोगिक नीति, एम्स की शाखा के लिये मास्टर प्लान, दिव्यांग बच्चों की घर पर शिक्षा के लिए 285 शिक्षकों समेत अन्य पदों की अनुमति, कृषि योजना के तहत 35 रुपये किलो पर मंडवा खरीद, मिलट मिशन को मंजूरी, गैरसैण में बजट समेत कैबिनेट के सभी पास 52 प्रस्तावों को राज्यवासियों के लिए जरुरी बताया है

मानवीर चौहान
प्रदेश मीडिया प्रभारी
भाजपा, उत्तराखंड
[2/15, 6:54 PM] Manvir @dr. Nis: प्रेस विज्ञप्ति

श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष और जोशीमठ आपदा को लेकर मुख्यमंत्री के विशेष प्रतिनिधि अजेंद्र अजय ने प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा आज जोशीमठ के आपदा प्रभावितों के लिए घोषित राहत व पुनर्वास पैकेज को अब तक का सबसे बेहतर पैकेज करार दिया है। उन्होंने कहा कि पैकेज पर मंत्रिमंडल की मुहर लगने से यह साबित हो गया है कि प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावितों के प्रति पूरी संवेदनशीलता प्रदर्शित की है।

अजेंद्र ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में यह पहला मामला है जब आपदा के बाद सरकारी तंत्र ने प्रभावितों के राहत व बचाव के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया। प्रभावितों को बिना किसी देरी के सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया। प्रभावितों को आवास, भोजन, मेडिकल सुविधा के साथ ठंड से बचाव के लिए हिटर, ब्लोअर, इलेक्ट्रिक केटल, अलाव आदि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं। प्रभावितों को तात्कालिक राहत के रूप में अब तक लगभग छः करोड़ रुपए की नकद राशि वितरित की जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक जितनी भी आपदाएं आई हैं, उनमें किसी में भी इतने युद्धस्तर पर ना ही प्रभावितों को तात्कालिक राहत पहुंचाई गई और ना ही उनके विस्थापन व पुनर्वास के लिए ऐसा विस्तृत पैकेज घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ जैसे भयावह जल प्रलय के समय भी आपदा पीड़ितों को इतनी त्वरित राहत नहीं मिली थी और ना ही उनके विस्थापन व पुनर्वास के लिए ऐसा पेकेज दिया गया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार आपदा प्रभावितों व स्थानीय जन प्रतिनिधियों के सुझाव के आधार पर विस्थापन व पुनर्वास का पैकेज तैयार किया गया है।

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