भाजपा ने जमरानी बांध परियोजना बताई मोदी का उत्तरांखड को उपहार
जमरानी परियोजना से समृद्ध होगा कुमाऊँ भूभाग, रंग लाया धामी का अभियान : भट्ट
देहरादून 25 अक्तूबर। भाजपा ने जमरानी बांध परियोजना की वित्तीय स्वीकृति से तराई क्षेत्र का पांच दशक पुरानी प्रतीक्षा समाप्त करने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। साथ ही आशा जताई कि अब वो दिन दूर नही जब यहां लोग अधिक समृद्ध होंगें और जमीन पहले से अधिक सोना उगलेगी।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने हल्द्वानी और आसपास के लाखों लोगों और उनके खेतों की प्यास बुझाने वाली जमरानी बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की लगातार कोशिशों के चलते इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 1557 करोड़ की स्वीकृति ने पुनः सिद्ध किया है कि मोदी देवभूमि के संरक्षक हैं । यह योजना 42 मिलियन क्यूबिक पानी से तराई के लाखों लोगों की प्यास बुझायेगी, नैनीताल उधम सिंह नगर ही नही उत्तर प्रदेश के बरेली और रामपुर की 57 हजार एकड़ कृषि भूमि सिंचित करेगी । साथ 63.4 मिलियन यूनिट बिजली लाखों घरों को प्रकाशमान करेगी।
श्री भट्ट ने जोर देते हुए कहा कि योजना जितनी बड़ी थी, उसे पूरा करने को उतनी ही बड़ी राजनैतिक इच्छा शक्ति और आर्थिक क्षमता की जरूरत थी। जनता की जरूरत और क्षेत्रीय विकास के दृष्टिगत लगातार भाजपा सरकारें इसकी स्वीकृति को गंभीर प्रयास करती रही हैं । वर्तमान धामी सरकार ने शुरुआत से बीड़ा उठाया था कि वह हर हालात में कुमायूं की इस सबसे बड़ी जरूरत को पूरा करके रहेगी । उनकी मेहनत सफल हुई और एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवदूत बनकर इस ऐतिहासिक परियोजना को स्वीकृति देते हुए 2028 की डेट लाइन भी तय कर दी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब वह दिन दूर नही जब कुमायूं का मैदानी भूभाग और अधिक समृद्ध बनेगा । उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं समेत समस्त सवा करोड़ देवभूमिवासियों की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त किया है ।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने जमरानी बांध परियोजना की केंद्रीय स्वीकृति को प्रधानमंत्री मोदी का दिवाली उपहार बताया है । साथ ही कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि राजनीति करने को इसे लटकाने भटकाने वालों की कोशिशों पर अब हमेशा को पूर्ण विराम लग गया है ।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट ने तराई की इस लाइफ ग्रोइंग योजना की स्वीकृति से कुमायूं समेत समूचे उत्तराखंड में खुशी की लहर दौड़ रही है क्योंकि 1975 से तराई के विकास की गति को धीमा करती इस अनिर्णीत महत्वाकांक्षी परियोजना का बनना अब निश्चित हो गया है । इस योजना के महत्व की अनुभूति पांच दशक पहले हो गई थी कि इसके बनने से हल्द्वानी और आसपास के लाखों का जीवन अधिक खुशहाल बनना तय है । उन्होंने आरोप लगाया कि विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों की इस मांग पर तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने खूब राजनीति की, लेकिन इसके निर्माण को लेकर कभी गंभीर प्रयास नही किए । जनता आंदोलन करती रही लेकिन कभी इनकी मंशा तो कभी राजनैतिक इच्छा शक्ति नहीं रही है । तराई के विकास में नई जान फूकने की क्षमता रखने वाली इस योजना के लिए कांग्रेस सरकारों के पास कभी भी पैसा नही रहा । जब भी राज्य में भाजपा की सरकारें आईं तो जमरानी की कोशिशें आगे बढ़ी लेकिन कांग्रेस सरकार ने आते ही इन कोशिशों को सिरे से उतार दिया । उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के राजनैतिक षड्यंत्र ने हमेशा स्थानीय जनता की भावनाएं छली हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के इस आशीर्वाद और मुख्यमंत्री धामी की अथक कोशिशों के प्रति आभार प्रकट करते हुए श्री जोशी ने कहा कि अब ऐसे तमाम लोगों को भी जवाब मिल गया होगा जिन्हे पिथौरागढ़ दौरे की 4200 करोड़ रुपए का उपहार कम लग रहा था । एक बार पुनः स्पष्ट हुआ है कि मोदी उत्तराखंड में हों या बाहर, उनका लगाव देवभूमि के प्रति कम नही होता है और वे यहां के विकास की हमेशा चिंता करते रहते हैं । उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र की वित्तीय स्वीकृति के बाद 2028 में परियोजना के पूरा होते ही समूचे क्षेत्र का कायाकल्प होना निश्चित है ।
जमरानी बांध परियोजना को केंद्र की मंजूरी, करोड़ों लोगों और डेढ़ लाख हेक्टेयर भूमि को मिलेगा पानी
जमरानी बांध परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है. इसके लिए मुख्यमंत्री धामी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया है. इस बांध के लिए चार दशक अधिक समय से मांग की जा रही थी. जानें इस परियोजना से प्रदेश को क्या लाभ होगा?…
इस परियोजना का निर्माण होने के बाद करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को न सिर्फ सिंचाई का पानी मिलेगा बल्कि पूरे हल्द्वानी और आस- पास के जनपदों को पीने का पानी मिलेगा. इस परियोजना से 63 मिलियन यूनिट जल विद्युत का उत्पादन भी होगा. जमरानी बांध परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम में शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री धामी के अनुसार अगले 5 साल में बांध का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा.
उत्तराखण्ड के जनपद नैनीताल में काठगोदाम से 10KM अपस्ट्रीम में गौला नदी पर जमरानी का निर्माण होगा. परियोजना से लगभग 1,50,000 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र सिंचाई सुविधा से लाभान्वित होगा, साथ ही हल्द्वानी शहर को वार्षिक 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध कराए जाने तथा 63 मिलियन यूनिट जल विद्युत उत्पादन का प्रावधान है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत जमरानी बांध परियोजना के वित्त पोषण हेतु निवेश स्वीकृति एवं जल शक्ति मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमेटी ऊ स्वीकृति दे दी थी.
भारत सरकार से 1730.20 करोड़ रुपए की स्वीकृति PMKSY में 90% बजट केन्द्र सरकार और 10% राज्य सरकार देगी. शेष धनराशि का वहन संयुक्त रूप से उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश सरकार एम0ओ0यू0 के अनुसार करेगी. जमरानी बांध परियोजना से प्रभावित 351.55 हेक्टेयर वन भूमि सिंचाई विभाग को हस्तांतरित करने हेतु वन भूमि (स्टेज-2 ) अंतिम स्वीकृति पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने जनवरी 2023 में प्रदान कर दी है, जिससे प्रस्तावित बांध निर्माण की राह और आसान होगी तथा परियोजना प्रभावित परिवारों के विस्थापन हेतु प्राग फार्म की प्रस्तावित 300.5 एकड भूमि का प्रस्ताव 18 मई 2023 को उत्तराखण्ड सरकार की कैबिनेट में पारित किया जा चुका है. प्रस्तावित भूमि शीघ्र ही सिंचाई विभाग को हस्तांतरित किये जाने को भी कार्यवाही गतिमान है.इसी क्रम में अब इस बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी हरी झंडी दे दी है.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विगत दिनों में प्रधानमंत्री से बैठकों में जमरानी बांध की स्वीकृति का अनुरोध लगातार करते रहे हैं.अब,केंद्रीय कैबिनेट ने इस महत्वपूर्ण योजना को अपनी स्वीकृति दे दी है जिसके बाद पेयजल और सिंचाई समस्या से लोगों को भविष्य में राहत मिलना तय है.
वर्ष 1975 से वित्त पोषण के अभाव में परियोजना का निर्माण प्रारम्भ नहीं हो सका परन्तु मुख्यमंत्री धामी के सतत् प्रयासों के फलस्वरूप जमरानी बांध परियोजना स्वीकृत हो गई है.वास्तव में, मुख्यमंत्री धामी इस अति महत्वपूर्ण परियोजना की स्वीकृति को प्रधानमंत्री के साथ बैठकों में लगातार अनुरोध करते रहे हैं.