भूस्खलन से उत्तराखण्ड में सात की गई जान
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उत्तराखंड में कुदरत का कहर: रौद्र रूप दिखा रहीं नदियां, भूस्खलन ने लील ली सात जिंदगिया
देहरादून 11 जुलाई। उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के बाद पहाड़ से लेकर मैदान तक कुदरत का कहर बरप रहा है। पहाड़ी इलाकों में नदी नाले उफान पर आए हैं। गंगा, अलकनंदा, काली और बीन नदी उफान पर हैं। वहीं, भूस्खलन ने कई जिंदगियां लील लीं। उत्तरकाशी में पांच, रुद्रप्रयाग में एक और विकासनगर में दो लोगों की भूस्खलन के चलते मौत हो गई। उधर, मैदानी इलाके बारिश के बाद जलमग्न हो गए हैं।
मौसम विभाग ने आज भी प्रदेशभर में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। खासकर, कुमाऊं के जनपदों में भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। बुधवार को भी प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई ह
भारी बारिश के चलते पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और पहाड़ी से पत्थर गिरने, स्लिप और कई जगह बरसाती गदेरों के सक्रिय होने के कारण सड़कें अवरुद्ध हो रही हैं। बीते 24 घंटे में कुल गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरीनाथ-केदारनाथ हाईवे समेत 302 सड़कें बंद हुई हैं।
देर रात गंगोत्री हाईवे बंद होने के कारण यात्रियों के वाहन गंगनानी के समीप खड़े थे। तभी अचानक भूस्खलन हो गया और पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा एक टेम्पो ट्रेवल्स सहित तीन वाहनों पर गिर गया। मलबे में तीन वाहन दब गए। जिसमें एक महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई।
बदरीनाथ हाईवे पर कंचन गंगा में पहाड़ी से मलबा व बोल्डर गिरने से सड़क बह गई। जिससे हाईवे बंद हो गया है। जिसके चलते बदरीनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालु को पुलिस प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया। कई घंटे की मशक्कत के बाद हाईवे खोला गया जिससे यात्रियों को निकाला गया।
चीन सीमा क्षेत्र के जोशीमठ-मलारी हाईवे पर जुम्मा में पुल बह गया। जिस कारण सीमा क्षेत्र में स्थानीय लोगों के साथ ही सेना के जवानों की आवाजाही भी रुक गई है। साथ ही नीति घाटी का देश दुनिया से संपर्क टूट गया है।
हरिद्वार में लगातार हो रही बारिश से अब गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। गंगा चेतावनी रेखा से महज 20 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। डीएम ने गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए नदी तट के आस-पास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं।