भू-कानून से ध्यान भटकाने को हो रहा पहाड मैदान?

भू कानून से ध्यान बांटने को कांग्रेस कर रही विभाजन की राजनीति: चौहान

धामी सरकार का एतिहासिक निर्णय नही पचा पा रहा विपक्ष

देहरादून 22 फरवरी। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि विपक्षी कांग्रेस भू कानून की उपलब्धि से ध्यान हटाने के लिए विभाजनकारी राजनीति की ओर बढ़ रही है और यह प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विकास से कोई मतलब नही है और अनावश्यक मुद्दों को तूल देखकर समाज को पहाड़ मैदान में बांटना चाहती है।

पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में कई ऐतिहासिक निर्णय हुए हैं जिन्हे कांग्रेस पचा नही पा रही है। लंबे समय से अपेक्षित सशक्त भू कानून प्रदेश की विधानसभा में पारित किया गया। इसके साथ विस्तृत संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए सरकार ने अपने इस वादे को बजट सत्र में पूरा किया है। जनभावनाओं की संतुष्टि वाले इस कानून के सदन से पारित होने पर आज राज्य भर में खुशी का माहौल है।

चौहान ने कहा कि कांग्रेस मंत्री के कथन को तोड़ मरोड़ कर दूषित वातावरण बनाने की कोशिश कर रही है। हालांकि संसदीय कार्य मंत्री इस पर खेद भी जता चुके है। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी विधायकों का आचरण सबने देखा, लेकिन कांग्रेस के इन निरंकुश विधायकों को रोकने के लिए कोई नही था। सदन मे उन्होंने आचरण की सभी सीमा लाँघ ली।

चौहान ने कहा कि प्रदेश के संसाधनों और भूमि को सुरक्षित करने वाले इस कानून को कांग्रेस पचा नही पा रही है। यही वजह है कि जनता का ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस सदन में और बाहर, अनावश्यक मुद्दे उठाकर विवाद खड़ा कर रही है। मुद्दाविहीन कांग्रेस देश समाज को बांटने के लिए राजनैतिक हथकंडे का इस्तेमाल कर रही है। उनका पहाड़ मैदान में बांटने की राजनीति करना बेहद प्रदेश का माहौल खड़ा करने की कोशिश है।

चौहान ने कहा कि अगर, कांग्रेसी इतने ही पहाड़ और उत्तराखंड के शुभचिंतक हैं तो भू कानून का इतिहास बनने पर प्रदेशवासियों की तरह जश्न क्यों नहीं मना रहे हैं? जब प्रदेश की डेमोग्राफी बदलने की मंशा रखने वालों पर कार्यवाही होती है, क्यों आपत्ति करते हैं? जब लोग बाहरी अपराधिक तत्वों से सुरक्षा के लिए सार्वजनिक बोर्ड लगाते हैं तो कांग्रेस क्यों विरोध करती है।

उन्होंने कहा कि देवभूमि की जनता, समाज को बांटने वाले इस पाप को भूलने वाली नही है और समय आने पर अवश्य करारा जवाब देगी।

भूमि प्रबंधन और सरंक्षण की मजबूत नींव है राज्य का भू कानून:उनियाल

कांग्रेस नही चाहती विकास, भू कानून पर ले रही भ्रम और दुष्प्रचार का सहारा

देहरादून 27 फरवरी। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भू कानून को राज्य में भूमि प्रबंधन और संरक्षण की मजबूत ईमारत में सशक्त नींव बताया है। उन्होंने विपक्षी बयानों को नकारात्मक एवं सत्य से परे बताते हुए स्पष्ट किया कि जनता के बीच से जो भी बेहतर सुझाव आयेंगे उन पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा।
सुबोध उनियाल ने जारी बयान में कहा कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां सदन में सर्वसम्मिति से पारित इस कानून को लेकर भ्रम और झूठ फैला रही है। जबकि हम जनता से किए संकल्प के अनुसार उत्तराखंड के संसाधनों, जमीनों, को भू माफियाओं से बचाए रखने के लिए यह कानून लेकर आए हैं। इसमें दिए कुछ प्रावधानों को लेकर जनता में गलतफहमी पैदा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जब यह कानून पूरी तरह से धरातल पर उतरेगा तो सभी देवभूमिवासियों को इसका लाभ स्पष्ट दिखाई देने लगेगा। उन्होंने कहा कि कोई सार्थक और जनकल्याणकारी सुझाव जनसामान्य से आयेगा तो उस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सदन में चर्चा के दौरान कह चुके हैं कि यह संशोधन भू सुधारों में अंत नहीं अपितु एक शुरुआत है। लिहाजा जन भावनाओं के अनुरूप रखी इस भू सुधारों की नींव पर राज्य संसाधनों के प्रबंधन एवं संरक्षण वाली बुलंद ईमारत तैयार की जाएगी।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा कि जो लोग दो कानून होने की बात कह रहे हैं, वे वहीं लोग हैं जो राज्य का विकास नहीं चाहते हैं। जब मुख्यमंत्री राज्य में 3 लाख करोड़ का निवेश लेकर आए तो यही लोग कहते थे उद्योगों के लिए भूमि नहीं है। वहीं अब जब राज्य सरकार ने निवेश के दृष्टिगत हरिद्वार और उधम सिंह नगर को भू कानून से छूट दी तो कानून के विभाजन की दलील देने लगे। पहले यही लोग राजनैतिक लाभ के लिए हल्ला मचाते थे कि पहाड़ की भूमि को बचाना है और अब वही दो मैदानी जिलों में भू कानून नहीं लागू होने का रोना रो रहे हैं । दरअसल ये नहीं चाहते हैं कि राज्य का औद्योगिक विकास हो।
श्री उनियाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कभी नहीं चाहती देवभूमि के संसाधनों और स्वरूप को बचाया जाए। अपने कार्यकाल में इनकी सरकार ने राज्य की भूमि और संसाधनों को माफियाओं के हाथों लुटवाने का काम किया। जबकि हमारी सरकार ने कानून लाने से पहले ही गलत मंशा से जमीन खरीदने वालों पर कार्यवाही की। इस जांच में पाए गए 599 भू-उपयोग उल्लंघन के प्रकरण में से 572 का निस्तारण करते हुए 9.4760 हे० भूमि राज्य सरकार में निहित की गयी। चूंकि इसमें अधिकांश मामलों में ऐसे ही लोगों के चाहेतो को नुकसान हुआ जो आज भू कानून का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को मुख्यमंत्री धामी की नीति और भाजपा के सिद्धांतों पर पूरा भरोसा है। जिसमें स्पष्ट है कि जन भावनाओं के अनुसार भविष्य में जिस तरह के सुधारों की जरूरत महसूस होगी उस पर खुले मन से विचार किया जाएगा

 

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