मत:ओल्ड पैंशन स्कीम बनेगी राज्यों को फांसी का फंदा

ओल्ड पैंशन स्कीम राज्यों के लिए खतरनाक क्यों?

हाल ही में हिमाचल में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कर दी गई. मेरा ध्यान तब गया जब समाचार पत्रों में बड़े बड़े विज्ञापन देखें जिसमें हिमाचल के मुख्यमंत्री के बड़े से फ़ोटो के साथ ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली का विज्ञापन था
हाल ही में हिमाचल में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कर दी गई. मेरा ध्यान तब गया जब समाचार पत्रों में बड़े बड़े विज्ञापन देखें जिसमें हिमाचल के मुख्यमंत्री के बड़े से फ़ोटो के साथ ओल्ड पैंशन स्कीम की बहाली का विज्ञापन था.

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ओल्ड पेंशन स्कीम सभी सरकारों को केवल नुकसान में ही ले जायेगा

RBI के मुताबिक साल 2022-23 के बजट ऐस्टीमेट के मुताबिक राज्यों के पेंशन भुगतान पर खर्च करीब 16% बढ़ने की संभावना है. 2022-23 में यह 463,436 करोड़ तक पहुंच सकता है. इससे पिछले वित्तीय वर्ष में पेंशन भुगतान का खर्च 399,813 करोड़ था.हालांकि अब कांग्रेस शासित सरकारों ने इसे लागू करने के पीछे कितना रिसर्च किया है, यह तो वही अच्छे से बता सकते हैं. आपको बता दें OPS का कई अर्थशास्त्री विरोध कर चुके हैं.

भाजपा सांसद शुशील मोदी ने भी इसको लेकर एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकारें आने वाली पीढ़ियों के लिए बोझ छोड़कर जाएं, यह कदापि उचित नहीं होगा.आज आपको कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन 2034 में जो सरकार आएगी, उसकी अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी.

और भारत के बहुत सारे ऐसे राज्य होंगे, जिनकी हालत श्रीलंका जैसी हो जाएगी. इसलिए मैं आग्रह करूंगा कि पुरानी पेंशन योजना के भूत को मत जगाइए. यह बहुत बड़ा खतरा है. हम पूरे देश को संकट में डाल देंगे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्रत्येक वर्ष केवल पेंशन(ops) के रूप में राज्यों और केंद्र को भुगतान करना पड़ता है. हिमाचल प्रदेश अपने कुल राजस्व का 80 प्रतिशत केवल पेंशन पर व्यय करता है.

बिहार का 60 प्रतिशत और पंजाब का 34 प्रतिशत पेंशन पर व्यय होता है. अगर आय और ब्याज को जोड़ दिया जाए तो राज्यों के पास कुछ भी नहीं बचेगा. हालांकि कर्मचारियों के लिए ऑल्ड पैंशन स्कीम अच्छी है. इसके लिए समय समय पर कर्मचारियों द्वारा मांग और ज्ञापन भी दिए जाते हैं. लेकिन आरबीआई की चेतावनी को दृष्टि विगत करना खतरनाक सिद्ध हो सकता है. आरबीआई ने साफ़ कहा है कि राज्य के पास वित्त नहीं होगा, यह राज्यों के वित्तीय स्वास्थ्य पर खतरा है. कांग्रेस से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह न्यू पैंशन स्कीम यानि NPS के समर्थक रहे हैं.

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लेखक
GOVIND PATIDAR JOURNALIST

गोविंद पाटीदार पत्रकारिता के छात्र हैं।इसके साथ ही एक लेखक, विचारक और स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। राजनीतिक और समाजिक मुद्दो पर अब तक कई लेख लिख चुके हैं। अधिक जानकारी के लिए – patidargovind601@gmail.com पर मेल करे

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