मत: वैल एजूकेटेड, वैल सेटेल्ड सुंदर लड़कियों की शादी में दिक्कत क्या है?
पिछले दो साल से एक सजातीय टेलीग्राम विवाह ग्रुप में हूँ। वहाँ लड़कियों के प्रोफाइल देख कर दंग रह जाता हूँ। इतनी सुंदर,वेल एजुकेटेड और वेल सेटल्ड लड़की सब का विवाह न हो रहा ?? आश्चर्य! … उम्र भी एकदम लिमिटिंग वाला … सब 30 के अराउंड।
मतलब समझ में न आ रहा कि इतना पढ़ लिख के अच्छी नौकरी ले के कुटुंब न मिल रहा ?? क्यों भला ??
दूसरी और एक बात ने मेरा बड़ा ध्यान खींचा … मैंने बहुत लड़कियों का प्रोफाइल ऐसा देखा जो मैरिटल स्टेटस में डाइवोर्सी लिखी हुई थी। मतलब तलाकशुदा लडक़ी! अब ये तलाकशुदा का केस हमारे समाज में भी ?? और ये एकाध अपवाद स्वरूप केस नहीं है बल्कि ढेरों है। एक छोटे से ग्रुप में लगभग रोज एक डाइवोर्सी का प्रोफाइल अपलोड होता है तो बृहत्त पैमाने पे कैसा होगा मामला समझ सकते है।
और ये डाइवोर्सी लोग ऐसे वैसे नहीं है वरन ये भी वेल एजुकेटेड और वेल सेटल्ड टाइप है।
मने यहां दो चीज स्पष्ट हो रही है कि वेल एजुकेटेड और सेटल्ड लड़की है तो रिश्ता न मिल रहा और गर बहुत मुश्किल से शादी हो पा रहा है तो वो तलाक में परिणत हो जा रहा है।
तलाक के पीछे भूमिका क्या है,क्या हो सकती है उसे देखने समझने वाले अब आम से हो गए है।।
यहाँ दो चीजों का जिक्र करना चाहूंगा…
कोई लड़का है.. इंटर के बाद कोई टेक्निकल/प्रोफेशनल कोर्स करना चाहता है तो आपको यहाँ मिक्स अनुपात में एक चीज मिलेगा.. एक या तो लड़के के परिवार का आर्थिक स्थिति ठीक ठाक हो या मीडियम से भी कम .. और ऐसे में वह आगे पढ़ना चाहता है तो वह लोन ले कर पढ़ता है और अगर लोन नहीं लेता है तो बाप जमीन बेचकर या गिरवी रख कर बेटे को पढ़ाता है। तो लड़का जब पढ़ रहा होता है तो उसके सर पे आगे चार/पाँच साल पढ़ाई के साथ-साथ जिम्मेदारी का भी बोझ रहता है। कम से कम खर्चे में महीना साल निकालने के जुगत में लगा रहता है। प्लेसमेंट होते ही लोन उतारने में लग जाता,कर्ज चुकाने में लग जाता… गर उसके छोटे भाई बहन है तो उसके पढ़ाई लिखाई और शादी विवाह के काम में खप जाता है। और ये ये काम बड़ी जिम्मेदारी से कर रहा होता है। फिर इनके शादी ब्याह की बारी आती है… और शादी किनसे होती इनकी ????
वहीं कोई लड़की है , जो इंटर के बाद टेक्निकल/प्रोफेशनल कोर्स करना चाहती है तो आपको बेहद मामूली अनुपात में या कहिये कि अपवाद स्वरूप ही कोई मिलेगी जो लोन ले कर पढ़ रही हो या बाबू जी ने कोई गिरवी रख के उसको पढ़ा रहा हो। ये मैग्जिमम वेल सेटल्ड घर से होती है। जिनको बड़े नाजो नाज से पाला जाता है। बेटी को बड़े शहर के नामी गिरामी कॉलेज में दाख़िला करवाते हैं। और अगले चार/पाँच साल तक एक खरोंच तक नहीं आने देते हैं… कोई कमी नहीं.. पैसे कौड़ी की चिंता नहीं.. जरूरत से कुछ ज्यादा ही अमाउंट प्रत्येक महीने उनके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाया करते है।
पढ़ाई खत्म होते ही कहीं न कहीं एवरेज से ले कर बढ़िया कम्पनी में प्लेस्ड हो जाती है।
लेकिन दिक्कत आती है इसके बाद…
शादी और रिश्ते में …
अब बेटी बीटेक,एमबीए है तो दामाद इससे कम तो कतई मंजूर नहीं.. बाप को क्यों लड़की ही न सटने देगी। बात यहां कोर्स के समकक्ष दामाद नहीं वरन सैलरी में लड़की से जब तक बीस नहीं होगा रिश्ता हो ही नहीं सकता। बीटेक होल्डर लड़की गर 40 कमा रही है तो बीटेक होल्डर लड़का कम से कम 60 से कम तो होना ही नहीं माँगता। क्योंकि स्टेटस का मामला आ जाता है न।
लड़का तो इंटर पास लड़की से भी कर लेगा.. कोई दिक्कत नहीं आनी.. लेकिन बीटेक लड़की ऐसा कर पायेगी ?? कतई नहीं।
और इस कारण लड़के नहीं मिलते…
शादी की उम्र भी निकली जाती…
और बड़ी मुश्किल से कोई मिल भी जाता है तो शादी आगे कितने महीने चलेगी इसकी कोई गारंटी नहीं।
और कुछ महीने बाद ही लड़की का डाइवोर्सी स्टेटस वाला प्रोफ़ाइल किसी विवाह ग्रुप में तैर रहा होता है।
लड़की वेल एजुकेटेड होते ही और नौकरी लगते ही अलग ही दुनिया में उड़ने लगती है.. और उस दुनिया से कभी कम्प्रोमाइज नहीं कर सकती। नौकरी लगते ही इंडिपेंडेंट हो जाती है.. इन्हें शादी सिर्फ इतना लगता कि मेरे माँ-बाप की इच्छा थी शादी की तो कर लिया… लेकिन शादी के बाद जरा सा भी कुछ हुआ तो लात मारने में बिल्कुल भी देरी नहीं करूंगी। क्यों कि आई एम इंडिपेंडेंट गर्ल। पहले वाले जैसे थोड़े है कि सबकुछ सह के रह ले.. टीट फ़ॉर टैट… मैं आत्मनिर्भर हूँ.. अपना देखभाल स्वयं कर सकती हूँ।
और ये भाव कभी सामंजस्य स्थापित करने के मार्ग को प्रशस्त नहीं करता बल्कि इसे और संकरा करते जाता है और इतना संकरा करते जाता है कि रास्ते ही अलग हो जाते है।
लड़कियां पढ़ रही है लिख रही है अच्छी बात है.. लेकिन शादी न हो पा रही है… और गर शादी हो पा रही है तो आगे टिक नहीं पा रही है.. बाप सब शादी के पहले भी रिश्ते को लेकर परेशान तो शादी के बाद भी रिश्ते को ले कर परेशान।
सॉल्यूशन क्या है ??
अब तक शायद आप समझ चुके होंगे।
@संजीव सिंह सैंगर