‘मन की बात’ सैंकडा, एक अरब सुन चुके, प्रभावी: आईआईएम अध्ययन

100 करोड़ लोगों ने सुनी ‘मन की बात’, 58% के जीवन में आया बदलाव: IIM के अध्ययन से खुलासा- लोगों को पसंद है PM मोदी का कम्युनिकेशन स्टाइल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मन की बात, IIM रोहतक
IIM रोहतक के सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो शो ‘मन की बात’ को लेकर क्या पता चला, जानिए (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो शो ‘मन की बात’ के 100 एपिसोड पूरे होने वाले हैं। इसके जरिए वो देशवासियों से अपनी बात कहते हैं, उनके संदेशों का जवाब देते हैं और उनको उचित सलाह भी देते हैं। चूँकि रेडियो गाँव-गाँव में उपलब्ध साधन है और गरीबों को भी सुलभ है, इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों तक अपनी बात पहुँचाने के लिए इसे चुना। अब IIM रोहतक के एक सर्वे में सामने आया है कि ‘मन की बात’ को 100 करोड़ श्रोताओं ने सुना है।

रविवार (30 अप्रैल, 2023) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मन की बात’ के 100वे एपिसोड को संबोधित करेंगे। रोहतक स्थित ‘भारतीय प्रबंधन संस्थान’ के सर्वे में सामने आया है कि 23 करोड़ लोग ऐसे हैं जो ‘मन की बात’ के नियमित श्रोता हैं, जबकि 100 करोड़ लोगों ने कभी न कभी इसे सुना है। टीवी न्यूज़ चैनलों द्वारा भी इसका लाइव प्रसारण किया जाता है, इसीलिए इस सर्वे में वो दर्शक भी शामिल हैं। सर्वे में सामने आया है कि लोगों के व्यवहार में भी इससे बदलाव आया है।

साथ ही इस कार्यक्रम से आम लोगों में आशावादिता बढ़ी है और वो उनकी ख़ुशी में भी इजाफा हुआ है। श्रोताओं ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपनी बात कहने का तरीका पसंद आया। साथ ही पीएम मोदी इस कार्यक्रम में जो कहते हैं, वो सहानुभूति देने वाला और निर्णायक भी होता है। देश में 96% लोग ऐसे हैं, जो ‘मन की बात’ कार्यक्रम के बारे में जानते हैं। बता दें कि इसकी शुरुआत 3 अक्टूबर, 2014 को हुई थी।

IIM रोहतक के सर्वे को मंगलवार (25 अप्रैल, 2023) को प्रसार भारती के CEO गौरव द्विवेदी की उपस्थिति में जारी किया गया। 60% लोगों ने राष्ट्र-निर्माण में सहभागिता के लिए हामी भरी है, 55% ने देश का जिम्मेदार नागरिक बनने की बात कही है, 63% का कहना है कि केंद्र सरकार के प्रति उनका रवैया सकारात्मक है, 59% ने कहा कि केंद्र सरकार में उनका भरोसा बढ़ा है, 58% ने कहा कि उनकी लाइफस्टाइल में सुधार हुआ है।

इसके अलावा 73% लोग ऐसे हैं जो सरकार के कामकाज को लेकर आशावादी हैं और देश के विकास को लेकर काम हो रहा है। बड़ी बात ये है कि कभी-कभार ‘मन की बात’ सुनने वालों में से 41% लोग ऐसे हैं, जो इसके नियमित श्रोता बनना चाहते हैं। अधिकतर लोगों का यही कहना था कि ‘मन की बात’ सुनने का एक ही कारण हैं – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। इसके कंटेंट और कम्युनिकेशन स्टाइल ने लोगों के जीवन में प्रभाव डाला है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में उन्हें क्या अच्छा लगता है? जवाब में अधिकतर लोगों ने कहा – वो विद्वान हैं, जनता से एक इमोशनल बॉन्ड बनाते हैं, निर्णायक हैं, लोगों की संवेदनाओं को समझते हैं, उनसे सीधा संवाद करते हैं। 44.7% लोग टीवी पर ‘मन की बात’ देखते हैं, जबकि 17.6% लोग रेडियो पर सुनते हैं। 37.6% लोग इसे मोबाइल फोन पर देखते हैं। विज्ञान के क्षेत्र में देश की उपलब्धियाँ, आम लोगों की कहानियाँ, हमारे जवानों की बहादुरी की गाथाएँ, युवाओं और पर्यावरण से जुड़े मुद्दे – ये प्रमुख विषय हैं जिन पर लोग सुनना पसंद करते हैं।

इस अध्ययन में शामिल होने वाले प्रतिभागियों की पृष्ठभूमि के बारे में बोलते हुए, IIM रोहतक के निदेशक धीरज शर्मा ने बताया कि इस अध्ययन में 10003 लोगों ने भाग लिया था। इनमें से 60% पुरुष थे, जबकि 40% महिलाएँ थीं। इस अध्ययन में भाग लेने वाले लोग 68 विभिन्न पेशों से जुड़े हुए थे। इनमें से 64% लोग अनौपचारिक एवं स्व-नियोजित क्षेत्र से जुड़े हुए थे, जबकि छात्रों की हिस्सेदारी 23% की थी। 22 भारतीय भाषाओं, 29 बोलियों और 11 विदेशी भाषाओं में ‘मन की बात’ का प्रसारण होता है।

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