महाकुंभ अमृत स्नान के बाद अखाडों की वापसी शुरू

महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद अखाड़ों का प्रस्थान, काशी और अयोध्या धाम में डेरा जमाने की तैयारी
महाकुंभ में बसंत पंचमी पर तीसरे और अंतिम अमृत स्नान के बाद अखाड़ों ने प्रस्थान की तैयारी शुरू कर दी है। शैव अखाड़े के धर्मगुरु महाशिवरात्रि तक बाबा विश्वनाथ की नगरी में डेरा जमाने की तैयारी में हैं तो कुछ वहीं भोलेनाथ के साथ होली मनाने की तैयारी में। वैष्णव मतावलंबी अखाड़े अयोध्या जाएंगे और रामलला के चरणों में शीश नवाएंगे।महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद अखाड़ों का प्रस्थानदो से तीन दिन में उतारी जाएगी सभी अखाड़ों की धर्मध्वजा
अखाड़ा शिविरों में दिख रही प्रस्थान के अनुष्ठान की तैयारी
डॉ. राकेश राय, महाकुंभ नगर। वसंत पंचमी अमृत स्नान के बाद अखाड़ों ने प्रस्थान की तैयारी शुरू कर दी है। एक अखाड़े की धर्मध्वजा उतर गई है, कुछ की भूमिका बनने लगी है। प्रस्थान का शुभ मुहूर्त देखा जा रहा। शैव अखाड़े के धर्मगुरु महाशिवरात्रि तक बाबा विश्वनाथ की नगरी में डेरा जमाने की तैयारी में हैं तो कुछ वहीं भोलेनाथ के साथ होली मनाने की तैयारी में।

वैष्णव मतावलंबी अखाड़े अयोध्या जाएंगे और रामलला के चरणों में शीश नवाएंगे। उदासी और निर्मल अखाड़ों को भगवान विष्णु के धाम हरिद्वार जाना है और महाकुंभ में प्रवास से मिले पुण्य को जन-जन तक पहुंचाना है। पंचनाम आवाहन अखाड़े में प्रस्थान की पूरी तैयारी है लेकिन काशी प्रवास के लिए मुहूर्त पर मंथन हो रहा है।
काशी विश्वनाथ की ओर बढ़ेगी धर्मयात्रा
अखाड़े के धर्मगुरु अनंत कौशल महंत शिवदास के अनुसार मुहूर्त निकलते ही विधि-विधान से धर्मध्वजा उतारी जाएगी और जयकारे के साथ काशी विश्वनाथ दरबार के लिए धर्मयात्रा आगे बढ़ जाएगी। इसी अखाड़े के अवधेश पुरी ने बताया कि अधिकतम दो से तीन दिन में उनका पूरा अखाड़ा काशी पहुंच जाएगा।

पंचायती निरंजनी अखाड़े ने काशी जाने की योजना बना ली है। अखाड़े के किशोर गिरि के अनुसार महाकुंभ के बाद सभी सात शैव अखाड़े काशी में इकट्ठा होंगे और सनातन के विकास की आगे की योजना बनाएंगे। 15 फरवरी को उनका अखाड़ा अपने मूल स्थान हरिद्वार चला जाएगा।
निर्मोही अनी अखाड़े के अयोध्या जाने की तैयारीवैष्णव परंपरा के निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास अयोध्या जाने की योजना बता रहे हैं। इसी परंपरा के निर्वाणी अनी और दिगंबर अनी अखाड़ों के प्रस्थान की भी कुछ ऐसी ही योजना है। नए उदासीन अखाड़े और बड़े उदासीन अखाड़े की धर्मध्वजा उतरने की तिथि निर्धारित हो गई है। बुधवार यानी पांच फरवरी को नए अखाड़े और सात फरवरी को बड़े अखाड़े की धर्मध्वजा उतारी जाएगी। बड़े उदासीन के धर्मगुरु प्रयागराज के कीडगंज में कुछ दिन तक डेरा जमाएंगे।
उसके बाद अपने मूल स्थान हरिद्वार के लिए रवाना हो जाएंगे। बड़े उदासीन अखाड़े के महंत दुर्गादास ने बताया कि कीडगंज में उनके अखाड़े का मुख्यालय है। मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी अमृत स्नान के बाद वहां हाजिरी लगाने की परंपरा है।
कढ़ी-पकौड़ी खाकर उतारी निर्मल अखाड़े की धर्मध्वजा
पंचायती अखाड़ा निर्मल ने वसंत पंचमी के अमृत स्नान के अगले दिन मंगलवार को महाकुंभ नगर में स्थापित अपनी धर्मध्वजा उतार दी। इस अनुष्ठान से पहले कढ़ी-पकौड़ी का परंपरागत प्रसाद सभी संतों ने ग्रहण किया। फिर धर्मध्वजा उतारकर हरिद्वार जाने की तैयारी शुरू कर दी।
अखाड़े के सचिव महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री ने बताया कि अखाड़े के कुछ संत अभी प्रयागराज में ही निवास करेंगे और एक सप्ताह बाद हरिद्वार आएंगे।सात को होगा जूना अखाड़े का प्रस्थानपंचदशनाम जूना अखाड़े के शिविर में भी काशी प्रस्थान की तैयारी शुरू हो गई है। धर्मध्वजा उतारने के लिए सात फरवरी की तिथि भी निर्धारित कर ली गई है।
मुख्य संरक्षक हरि गिरि ने बताया कि सात फरवरी को प्रस्थान का क्रम शुरू हो जाएगा। महाशिवरात्रि तक काशी में ही प्रवास रहेगा। काशी विश्वनाथ की पूजा-अर्चना के बाद यह महाकुंभ से शुरू हुआ अनुष्ठान सम्पन्न होगा।

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