राज्यपाल अभिभाषण में यूसीसी समेत 43 विभागीय योजनाओं का उल्लेख,विपक्ष का सत्रावधि पर बवाल,बहिर्गमन
Uttarakhand budget session 2025 Governor one hour speech ,highlighting ucc’s provisions about women, opposition created ruckus in middle and walked out
उत्तराखंड बजट सत्र: एक घंटे के अभिभाषण में 43 विभागों की योजनाओं का जिक्र, यूसीसी का उल्लेख, विपक्ष का हंगामा, वॉकआउट
Uttarakhand budget session 2025: राज्यपाल ने अपने अभिभाषण की शुरुआत समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से की। उन्होंने इसे मातृशक्ति के अधिकार सुरक्षित करने वाला कानून बताया.
देहरादून 18 फरवरी 2025। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह के अभिभाषण के साथ आज से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया। अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने सरकार की विकास योजनाओं की अब तक की यात्रा और भावी रोडमैप प्रस्तुत किया। एक घंटे के अभिभाषण में राज्यपाल ने 43 विभागीय योजनाओं का उल्लेख कर बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में सरकार कैसे जनता तक इनका लाभ पहुंचाएगी। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण की शुरुआत समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से की।
उन्होंने इसे मातृशक्ति के अधिकार सुरक्षित करने वाला कानून बताया। इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम 2024, ऑपरेशन स्माइल में ऑपरेशन मुक्ति, साइबर क्राइम रोकने को जारी हेल्पलाइन नंबर 1930, यातायात प्रबंधन को रियल टाइम ट्रैफिक एडवाइजरी, कारागार में बंदी की मृत्यु पर विधिक उत्तराधिकारियों को मुआवजा राशि के भुगतान नीति का उल्लेख किया।
राज्यपाल जनरल गुरमीत सिंह ने अभिभाषण में राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के 100 से अधिक पदक जीतने के रिकॉर्ड को शामिल करते हुए उदीयमान खिलाड़ियों के लिए होने वाले खेल महाकुंभ, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना की प्रोत्साहन राशि, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेलों में मेडल विजेताओं को सरकारी नौकरियों की भी जानकारी दी।
उत्तराखंड बजट सत्र में विपक्षी नेता
उन्होंने बताया कि राज्य ने सतत विकास लक्ष्यों में देश में पहला स्थान हासिल किया है तो सीएम कॉन्क्लेव के एजेंडे में परिवार पहचानपत्र योजना पर काम हो रहा है। उन्होंने उत्तराखंड की स्टार्टअप नीति व इसके प्रभावों के बारे में बताया। राज्यपाल ने सामान्य प्रशासन विभाग, आयुष विभाग, कार्मिक एवं सतर्कता विभाग, समाज कल्याण विभाग समेत 43 विभागों की योजनाओं को इस साल भी अनवरत जारी रखते हुए इनका लाभ जन-जन तक पहुंचाने के संकल्प पर जोर दिया।
उत्तराखंड बजट सत्र
राज्यपाल ने कहा कि राज्य गठन के समय की प्रति व्यक्ति आय 16,232 रुपये से बढ़कर 2,46,178 रुपये पर पहुंच गई है। उन्होंने इसे निरंतर आर्थिक प्रगति का प्रभाव बताया। भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने राज्यपाल के अभिभाषण का पाठ किया। इसके साथ ही अभिभाषण सदन की कार्यवाही का हिस्सा बन गया। बजट अभिभाषण में नेता सदन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत सभी मंत्री भी मौजूद रहे।
उधर, विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सत्र की अवधि न बढ़ाने के विरोध में विपक्ष ने हंगामा किया। विपक्षी विधायकों ने वेल में नारे लगाने के बाद सदन से बहिर्गमन(वॉकआउट) कर दिया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने बजट अभिभाषण पढ़ना शुरू किया तो नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन में सत्र की अवधि कम होने का विषय उठाया। उन्होंने कहा कि इतनी कम अवधि के सत्र में जनता के मुद्दे कैसे उठेंगे। इस बीच विरोध में सभी विपक्ष के विधायक वेल में आ गए। वे सत्र की अवधि न बढ़ाने पर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद भी विपक्ष के विरोध का हिस्सा बने।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना था कि सरकार नहीं चाहती कि विधानसभा का सत्र लंबा चले। वह जन समस्याओं से आंख चुरा रही है। विपक्ष सदन में जन समस्यायें उठाना चाहता है लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है। उधर, राज्यपाल अभिभाषण पढ़ रहे थे तो सरकार की उपलब्धियों पर सत्ता पक्ष के विधायक मेज थपथपा रहे थे, जबकि विपक्ष के विधायक नारे लगा रहे थे। इसके बाद विरोध में नारे लगाते हुए विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। भोजनावकाश के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने दोबारा सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग उठाई। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी।
CM Dhami called bickering of opposition members unfortunate
विपक्ष की नोक-झोंक को मुख्यमंत्री ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, कहा-ऐसा आचरण हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में सदन में विपक्ष के रवैये को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि सदन की गरिमा है।
सीएम धामी
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी सदस्यों के आचरण और नोक-झोंक को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसा आचरण हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। सदन में महिला विधायक भी हैं और पूरे राज्य की नजर सदन की कार्यवाही पर होती है। उन्होंने कहा कि पक्ष-विपक्ष मिलकर सदन चलाते हैं। यह पक्ष-विपक्ष की जिम्मेदारी है कि सदन ठीक से चले। एक तरफ विपक्ष कहता हैं कि सदन की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए। वहीं, सदन की तय अवधि में भी चर्चा नहीं करते । जो समय राज्य के विकास को चर्चा में लगाया जाना चाहिए, उसे हो-हल्ला करके नष्ट करते हैं। राज्य के संसाधन खराब करते हैं।
जनभावना के अनुरूप हर संकल्प पूरा करेंगे
विधानसभा सत्र में भू-कानून लाए जाने को लेकर बने संशय पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भाजपा सरकार वे सभी कार्य करेगी, जो जनभावना के अनुरूप होंगे। चाहे वह भू-कानून हो या कोई अन्य कानून .
राज्यपाल का अभिभाषण हमारी सरकार का रोडमैप
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत हुई। राज्यपाल का अभिभाषण हमारी सरकार का रोडमैप है। उसको आगे प्राथमिकता में रखेंगे। यह उत्तराखंड राज्य की स्थापना का 25वां वर्ष है। रजत जयंती वर्ष में सरकार नवाचार लेकर आगे बढ़ेगी। विकास यात्रा अनवरत चलाने को बजट में प्रावधान किए जाएंगे। अभिभाषण में उल्लिखित सभी बिंदु सरकार पूरा करेगी। प्रधानमंत्री ने बाबा केदार की भूमि से यह उद्घोष किया था कि सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा, उसे साकार करने को सरकार जी-जान से काम करेगी। विकसित भारत का संकल्प पूरा करने को उत्तराखंड राज्य भी अपना योगदान देगा।
अन्य राज्यों के लिए उत्तराखंड एक आदर्श
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, उत्तराखंड हर दृष्टि से आगे बढ़ रहा है। राष्ट्रीय खेलों का आयोजन राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। उत्तराखंड देश की आजादी के बाद ऐसे राज्य के रूप में स्थापित हुआ जहां सभी लोगों के लिए एक समान कानून लागू हुआ है। नीति आयोग के सतत विकास के सूचकांक में उत्तराखंड देश में पहले स्थान पर रहा। राज्य को बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत लाने में कामयाबी मिली। अन्य राज्यों के लिए उत्तराखंड एक आदर्श के रूप में स्थापित हो चुका है। उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाना हमारा संकल्प है।