रायपुर क्षेत्र के 60 वर्ग किमी में बनेगा नया देहरादून,
New Dehradun Will Settle In 60 Sq Km
In raipur assembly segment: 60 वर्ग किमी में बसेगा ‘नया दून’…मास्टर प्लान बनाने की तैयारी हुई तेज, ऐसी होगी तस्वीर
सचिवालय निर्माण के पहले चरण के लिए सरकार ने इस बार बजट में 16 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस रकम से रायपुर में सचिवालय निर्माण की नींव मजबूत होगी। जिस 60 हेक्टेयर जमीन पर विधानभवन-सचिवालय बनाया जा रहा है, सरकार ने उसके चारों ओर 60 वर्ग किलोमीटर दायरे में किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगाई है।
रायपुर में 60 हेक्टेयर भूमि पर राज्य विधानभवन और सचिवालय का निर्माण किया जाएगा। सरकार ने इसकी कवायद तेज कर दी है। इस भूमि के आसपास के 60 वर्ग किलोमीटर दायरे में सरकार एक छोटा शहर बसाएगी, जिसमें सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। आवास विभाग ने इसका मास्टर प्लान बनाने की तैयारी तेज कर दी है।
यूएस की एजेंसी मैकेंजी की रिपोर्ट में ज्यादा यातायात दबाव वाले शहरों को राहत देने के लिए बड़ी भीड़भाड़ और वीआईपी मूवमेंट से जुड़े हुए कार्यालयों को शहर से बाहर बनाने की सिफारिश की गई थी। इस आधार पर सरकार ने काम शुरू किया। तय किया गया है कि रायपुर क्षेत्र में विधानसभा और सचिवालय का निर्माण किया जाएगा।
आने वाले दिनों में 60 हेक्टेयर भूमि पर यह इमारतें बनेंगी। भूमि का चिन्हीकरण कर लिया गया है। खास बात ये भी है कि सचिवालय निर्माण के पहले चरण के लिए सरकार ने इस बार बजट में 16 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस रकम से रायपुर में सचिवालय निर्माण की नींव मजबूत होगी।
60 वर्ग किलोमीटर में बसेगा शहर
जिस 60 हेक्टेयर जमीन पर विधानभवन-सचिवालय बनाया जा रहा है, सरकार ने उसके चारों ओर 60 वर्ग किलोमीटर दायरे में किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगाई है। अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बताया कि इस 60 वर्ग किलोमीटर में छोटा शहर बसाया जाएगा। यह शहर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। यहां पार्क से लेकर साइक्लिंग ट्रैक, वाईफाई जोन से लेकर चिल्ड्रन पार्क, सीवर नेटवर्क, बिजली का नेटवर्क, पेयजल का नेटवर्क होगा। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र का मास्टर प्लान बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। बताया कि मास्टर प्लान लागू होने तक इस 60 वर्ग किलोमीटर दायरे में किसी भी तरह के नए निर्माण पर रोक रहेगी। इसका शासनादेश जारी हो चुका है।
छत्तीसगढ़ में शुरू हो चुका प्रयोग
पुराने शहरों पर भीड़, यातायात का दबाव कम करने के लिए छत्तीसगढ़ में यह प्रयोग शुरू हो चुका है। छत्तीसगढ़ के नया रायपुर क्षेत्र में विधानभवन बनाने का काम चल रहा है। बाकी सरकारी दफ्तर भी शहर से बाहर नया रायपुर में ले जाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के बाद हाल फिलहाल में यह बदलाव लागू करने वाला उत्तराखंड दूसरा राज्य होगा।
रायपुर में नए विधानसभा भवन बनने का रास्ता हो रहा साफ… जानिये क्या है बाधायें
देहरादून के रायपुर क्षेत्र में नई विधानसभा बनाने का प्रस्ताव परवान तो चढ़ रहा है, लेकिन अब तक इसमें अंतिम मुहर नहीं लग पाई है। हालांकि, केंद्र सरकार की तरफ से इस पर सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। इसके बावजूद राज्य सरकार वाइल्ड लाइफ मिटिगेशन प्लान का पैसा लंबे समय से भुगतान नहीं कर रही है। जिससे रायपुर में नई विधानसभा बनने का रास्ता अभी फिलहाल फंसा हुआ नजर आ रहा है। उधर, नई विधानसभा को लेकर कागजी कार्रवाई होने से बीजेपी सरकार के गैरसैंण में स्थायी राजधानी को लेकर राजनीतिक इच्छा शक्ति सवालों के घेरे में है।
रायपुर क्षेत्र में 60 हेक्टेयर भूमि के प्रस्ताव के संबंध में फारेस्ट क्लीयरेंस मिल चुकी है। अब राज्य संपत्ति विभाग इस सिलसिले में एनपीवी (नेट प्रजेंट वेल्यू) की धनराशि वन विभाग के पास जमा कराएगा। चर्चा है कि केंद्र भी विधानसभा व सचिवालय के नए भवनों के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दे चुका है। देहरादून के उत्तराखंड की राजधानी घोषित होने के बाद यहां स्थित विकास भवन को विधानसभा भवन में तब्दील किया गया था। यद्यपि, वहां बाद में सचिवालय के लिए भवन का विस्तार करने के साथ ही नए भवन भी बने, लेकिन इसमें जगह का अभाव है। इसे देखते हुए पूर्व में रायपुर क्षेत्र में विधानसभा भवन व सचिवालय भवन बनाने का निश्चय किया गया। फिर इसके लिए रायपुर में वन भूमि के साथ ही अन्य भूमि चिहि्नत करते हुए इस संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया।
रायपुर में नई विधानसभा और सचिवालय भवन निर्माण के लिए करीब 300 एकड़ यानी करीब 121.45 हेक्टेयर भूमि चिह्नित है। इसमें से करीब 60 हेक्टेयर भूमि पर वनीय स्वीकृति मिल चुकी है। इसके लिए 2017 में ही राज्यसंपत्ति विभाग 7.62 करोड़ रुपये वन विभाग में जमा करा चुका है। शेष करीब 61 हेक्टेयर भूमि के लिए उसे करीब 16 करोड़ रुपये जमा कराने हैं। राज्यसंपत्ति विभाग ने अभी यह धनराशि जमा नहीं कराई है। देहरादून में एक और विधानसभा भवन बनाए जाने की खुलकर पैरवी करने से सत्तारूढ़ दल की हिचक हमेशा से दिखाई दी है। सरकारों को हमेशा से ही तीन-तीन विधानसभाओं के औचित्य और पहाड़ बनाम मैदान के राजनीतिक सवालों का सामना करना पड़ सकता है।
रायपुर में जिस भूमि पर विधानसभा-सचिवालय बनेंगे, उसके चारों ओर 60 वर्ग किलोमीटर भूमि के लिए हम मास्टर प्लान तैयार कर रहे हैं। यहां माइनर सिटी का निर्माण किया जाएगा, जिसमें सभी अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा। -आनंदबर्द्धन, अपर मुख्य सचिव, शहरी विकास एवं आवास