रिटायर्ड सरकारी प्रिंसिपल की हत्या, हत्यारी महिला MBBS छात्र पति समेत गायब
Dehradun Woman kidnapped and murdered retired principal with her MBBS student husband
Dehradun: रिटायर्ड प्रधानाचार्य की अपहरण कर हत्या, शव नहर में फेंका, आरोपित महिला व MBBS छात्र पति गायब
गत सात फरवरी को पीठावाला, चंद्रबनी की रहने वाली निधि राठौर ने अपने पिता श्यामलाल गुरुजी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया था कि वह मोटरसाइकिल से घर से किसी काम के लिए निकले थे .
राजकीय इंटर कॉलेज से सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य श्याम लाल गुरुजी की अपहरण कर हत्या कर दी गई। गुरुजी गत दो फरवरी से लापता थे। हत्या का आरोप उनकी जान पहचान की महिला और उसके एमबीबीएस छात्र पति पर है। महिला के कहने पर गुरुजी के शव को उसके भाई और जीजा ने देवबंद स्थित साखन नहर में फेंक दिया। इन दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जबकि, महिला और उसके पति की तलाश की जा रही है। शव को तलाशने के लिए भी पुलिस प्रयास कर रही है। पुलिस ने पकड़े गए दोनों आरोपियों को न्यायालय की अनुमति से तीन दिन की कस्टडी रिमांड में लिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि गत सात फरवरी को पीठावाला, चंद्रबनी की रहने वाली निधि राठौर ने अपने पिता श्यामलाल गुरुजी (80 वर्ष) की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया था कि वह मोटरसाइकिल से घर से किसी काम के लिए निकले थे। कई दिनों तक रिश्तेदारों और जान पहचान वालों के यहां तलाश किया लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। इस पर पुलिस ने गुरुजी की तलाश शुरू की। कॉल डिटेल से पता चला कि गुरुजी ने उस दिन गीता नाम की एक महिला से कई बार बात की है।
मोबाइल की अंतिम लोकेशन भी गीता और उसके पति के मोबाइल की लोकेशन वाली जगह पर ही थी। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की तो पता चला कि गुरुजी उस दिन मोटरसाइकिल से किशननगर चौक होते हुए गीता के घर के पास पहुंचे थे। मगर, वापसी की कोई फुटेज पुलिस को नहीं मिली। पुलिस ने जब गीता के घर जाकर देखा तो गीता और उसका पति हिमांशु चौधरी (मूल निवासी नई बस्ती, सुनहरा रोड, रुड़की, हरिद्वार) वहां से गायब थे।
सर्विलांस के माध्यम से पता चला कि कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबरों से भी गीता ने बात की है। इन नंबरों के आधार पर पुलिस गीता के मायके देवबंद तक पहुंच गई। यहां उसके भाई अजय कुमार से पूछताछ की गई। अजय ने पुलिस को बताया कि गीता का गत दो फरवरी को उसे फोन आया था। गीता ने बताया था कि उसने अपने पति के साथ मिलकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी है। शव को ठिकाने लगाना है। गीता की बात सुनकर अजय कुमार तैयार हो गया और उसने अपने जीजा धनराज चावला को बुला लिया।
धनराज और अजय चार फरवरी को देहरादून पहुंचे और गुरुजी के शव को प्लास्टिक के कट्टे में रस्सियों से बांधकर कार की डिक्की में घरेलू सामान के साथ रख लिया। इसके बाद शव को साखन स्थित नहर में फेंक दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने कैलाशपुर कॉलोनी देवबंद के रहने वाले धनराज और सनी कॉलोनी देवबंद के रहने वाले अजय को पकड लिया है। अभी गीता और हिमांशु चौधरी का पता नहीं चल सका है। इनकी तलाश में तीन टीमें लगाई गई हैं। हिमांशु चौधरी शहर के एक मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रहा है।
आईएसबीटी के पास खड़ी कर दी मोटरसाइकिल
आरोपितों ने गत चार फरवरी को गुरुजी की मोटरसाइकिल को आईएसबीटी के पास एक खाली प्लॉट में खड़ा कर दिया था। मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट भी तोड़कर वहीं झाड़ियों में फेंक दिया। ताकि, सबको लगे कि श्यामलाल मोटरसाइकिल यहां खड़ी कर बस से कहीं चले गए हैं। पुलिस ने यह मोटरसाइकिल और नंबर प्लेट भी बरामद कर ली है। पुलिस इन आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जानकारी भी कर रही है। तीन दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर पूछताछ की जा रही है।
अक्सर घर से चले जाते थे श्यामलाल
श्यामलाल गुरुजी करीब 20 साल पहले राजकीय इंटर कॉलेज से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने पीठावाला में ही घर बना लिया था। यहां पर उनकी छोटी पुत्री उनके साथ रहती थी। जबकि, बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। श्यामलाल के गुम हो जाने के पांच दिन बाद उनकी पुत्री ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया जा रहा है कि इसकी वजह यह भी है कि वह अक्सर घर से चले जाते थे। यही कारण था कि परिजनों ने उनकी पहले तलाश की और फिर पांच दिन बाद पुलिस को सूचित
कहीं लाखो का उधार या करोड़ों की संपत्ति तो नहीं वारदात की वजह
दून के एक सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य श्यामलाल की हत्या कर दी गई। उनकी हत्या रुड़की निवासी एक पति-पत्नी ने की जो अभी फरार हैं। पुलिस ने शव को ठिकाने लगाने वाले दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आशंका है कि संपत्ति हड़पने के इरादे से ही उनकी हत्या की गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।
अभी पुलिस को हत्या के कारणों का पता नहीं चला है, साथ ही शव बरामद न होने से हत्या के तरीके की भी जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, मृतक की दून में करोड़ों की संपत्ति है, पहले भी कई बार उनकी संपत्ति को हड़पने के प्रयास किए गए।
ऐसे में आशंका है कि संपत्ति हड़पने के इरादे से ही उनकी हत्या की गई। पुलिस ने मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश कर तीन दिन की कस्टडी रिमांड प्राप्त कर ली.
यह है पूरा मामला
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि बीते सात फरवरी को थाना पटेलनगर में निधि राठौर नाम की युवती ने अपने पिता श्यामलाल की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया कि वह पीठावाला चंद्रबनी स्थित अपने घर से बाइक पर कहीं गए और वापस नहीं लौटे। उनका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ है।
शिकायतकर्ता ने उन्हें अपने रिश्तेदारों के घर में भी तलाशा, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला। 80 वर्षीय बुजुर्ग की गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस ने तलाश शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि श्यामलाल के घर से निकलने से पूर्व किसी गीता नाम की महिला के साथ फोन पर बात हुई थी।
उक्त नंबर की कॉल डिटेल रिकॉर्ड और सर्विलांस के माध्यम से जानकारी जुटाने पर पता चला कि गुमशुदा श्यामलाल व उक्त महिला के बीच उनके घर से निकलने के बाद चार बार बात हुई।
इसके अलावा, महिला और श्यामलाल की लोकेशन भी एक ही स्थान पर रहने का पता चला। पुलिस ने श्यामलाल के घर के आसपास के सीसीटीवी कैमरे जांचे तो उनके घर से मोटरसाइकिल पर किशन नगर चौक होते हुए उक्त महिला के देहरादून स्थित किराये के घर में के पास जाने की पुष्टि हुई, लेकिन वापस घर की ओर जाने का कोई फुटेज नहीं मिला। इस पर पुलिस ने संदिग्ध महिला गीता व उसके पति के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया तो दोनों देहरादून से फरार मिले और फोन नंबर भी बंद पाए गए।
हत्या कर शव देवबंद में ही ठिकाने लगाया
एसएसपी ने बताया कि महिला गीता और उसका पति हिमांशु चौधरी मूल रूप से रुड़की के रहने वाले हैं और दून में किराये पर रह रहे थे। महिला का पता लगाने के लिए उसके मायके देवबंद सहारनपुर में दबिश दी गई।
जहां महिला के भाई अजय कुमार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया तो पता चला कि उसकी बहन और जीता ने श्यामलाल की हत्या कर दी है, जिसके बाद उसने अपने एक अन्य साथी धनराज के साथ मिलकर मृतक के शव को देवबंद में ही ठिकाने लगा दिया है।
बहन ने हत्या के बाद फोन कर दून बुलाया
पूछताछ में महिला के भाई अजय कुमार ने बताया कि बीते दो फरवरी को उसकी बहन गीता ने उससे संपर्क किया और बताया कि उसने अपने पति के साथ मिलकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी है।
शव को ठिकाने लगाने के लिए मदद चाहिए। जिस पर अजय कुमार तीन फरवरी और उसका साथी धनराज चावला चार फरवरी को दून पहुंच गए। उन्होंने मृतक श्यामलाल के शव को प्लास्टिक के सफेद कट्टे में रस्सियों से बांधकर घर के अन्य सामान और कपड़ों के बैगों के साथ कार की डिग्गी में रख दिया।
साथ ही मृतक की बाइक को दून में आईएसबीटी के पास एक खाली प्लाट में खड़ा कर दिया और नंबर प्लेट निकालकर कूड़े में फेंक दिया। इसके बाद वह शव को लेकर सहारनपुर के देवबंद पहुंच गए। जहां उन्होंने शव को नहर में बहा दिया और मृतक का सामान एक थैले में बांधकर नहर में फेंक दिया। पुलिस को अभी तक शव और सामान बरामद नहीं हुआ है।
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी अजय कुमार और धनराज चावला को कोर्ट में पेश किया और तीन दिन की पुलिस रिमांड ले ली है। वहीं, हत्या के मुख्य आरोपी दंपती की तलाश की जा रही है।
दून के प्रतिष्ठित संस्थान से डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है हिमांशु
हत्या की मुख्य आरोपी गीता का पति हिमांशु दून के एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है। मूल रूप से वह रुड़की का रहने वाला है, लेकिन पढ़ाई के लिए वह दून में किराये पर अपनी पत्नी के साथ रह रहा था।
पुलिस के लिए कई अनसुलझे सवाल
पुलिस अभी तक हत्या के कारण और हत्या के तरीके के साथ ही घटना स्थल का भी पता नहीं लगा पाई है। सबसे बढ़ा रहस्य यह बना हुआ है कि हत्यारोपी मृतक को कैसे जानते थे और उन्होंने श्यामलाल को क्यों बुलाया था।
इसके साथ ही आरोपियों के पकड़े जाने के बाद ही पूरी तस्वीर साफ हो सकेगी। हालांकि, इस मामले को संपत्ति हड़पने से लेकर प्रेम प्रसंग तक से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।
आरोपी गीता के रिटायर्ड प्रिंसिपल को मित्रता कर फंसाने की भी आशंका है।
किसान यूनियन से जुड़े रहे श्यामलाल, भूमाफिया से भी पड़ा वास्ता
मृतक श्यामलाल चंद्रबनी में रहते थे, जहां उनका मकान और कई बीघा जमीन है। इसके अलावा पित्थूवाला क्षेत्र में भी उनकी संपत्ति बताई जा रहरी है। उनकी केवल दो पुत्रियां हैं, जिनमें से एक विवाहित है और दूसरी अविवाहित पुत्री उनके साथ रहती थी।
राजकीय इंटर कॉलेज से सेवानिवृत्त होने के बाद वह किसान यूनियनों से भी जुड़े रहे। करीब एक वर्ष पूर्व ही उन्होंने किसान यूनियन छोड़ी थी। साथ ही करोड़ों की भूमि के स्वामी होने के कारण भूमाफिया भी उनकी संपत्ति हड़पने के चक्कर में रहा।
सूत्रों की मानें तो टर्नर रोड के कुछ प्रापर्टी डीलर सहारनपुर के भूमाफिया के साथ मिलकर संपत्ति हड़पने का काफी समय से प्रयास कर रहे थे। पावर ऑफ अटॉर्नी लेकर उनकी कुछ संपत्ति बेच भी दी गई।