लखीमपुर खीरी रेप और हत्या: भाई का पुलिस पर झूठी कहानी गढ़ने का आरोप

लखीमपुर खीरी दुष्कर्म एवं हत्या मामले की पीड़िताएं महत्वाकांक्षी और मददगार थीं : परिवार

(अपर्णा बोस)
नयी दिल्ली, 18 सितंबर। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में जिन दो दलित किशोरियों की कथित रूप से बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई, उनके भाई का कहना है कि उनकी बहनें महत्वाकांक्षी और सभी की मदद करने वाली लड़कियां थीं।

बड़ी बहन 17 साल की थी। उसने पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी और अपनी बीमार मां की देखभाल कर रही थी। परिवार के अन्य लोग चाहते थे कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करे और परिवार के लिए पैसे कमाए।

पीड़िताओं के भाई ने कहा, ‘‘छह महीने पहले हमारी मां का गर्भाशय का ऑपरेशन हुआ था, जिसके कारण मेरी बहन चिंतित थी और वह मां की देखभाल के लिए घर पर रहना चाहती थी। इसी वजह से उसने पढ़ाई छोड़ दी थी।’’

दो किशोरियों के साथ कथित बलात्कार एवं उनकी हत्या के मामले में बृहस्पतिवार को छह आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों किशोरियों के शव गन्ने के एक खेत में एक पेड़ से लटके मिले थे।

भाई ने अपनी 15 वर्षीय छोटी बहन को याद करते हुए कहा, ‘‘वह बहुत मेधावी और महत्वाकांक्षी थी। वह नौकरी करके परिवार की मदद करना चाहती थी।’’

उसने कहा, ‘‘मेरी छोटी बहन 10वीं कक्षा में पढ़ रही थी। वह हमेशा कहती थी कि वह नौकरी करके परिवार के लिए पैसे कमाना चाहती है। वह अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती थी।’’

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि लड़कियों का बलात्कार करने के बाद उनका गला घोंटा गया था।

लखीमपुर खीारी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव सुमन ने संवाददाताओं को बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, लड़कियां दो आरोपियों जुनैद एवं सोहेल के साथ बुधवार दोपहर अपने घर से निकली थीं।

उन्होंने कहा कि दोनों बहनों एवं आरोपियों के बीच प्रेम संबंध थे और बहनें विवाह का दबाव बना रही थीं, जिसके बाद उनका गला घोंट दिया गया।

पुलिस के बयान से निराश भाई ने आरोप लगाया कि पुलिस  मामले में ‘खुद को शर्मिंदगी से बचाने’ को ‘मनगढ़ंत कहानी’ बना रही है।

उसने कहा, ‘‘पुलिस अपने फायदे को मनगढ़ंत कहानियां बना झूठ बोल रही हैं। मेरी बहनों का अपहरण हुआ था और वे इन युवकों को जानती ही नहीं थीं। हममें से कोई उन्हें नहीं जानता था, इसलिए मुझे कभी यह लगा ही नहीं  कि मेरी बहनों का जीवन संकट में है।’’

पीड़िताओं के भाई ने अपराधियों को ‘मृत्युदंड’ दिए जाने की मांग की।

उसने कहा, ‘‘मैंने अपनी बहनें खो दी है। मैं न्याय मांग रहा हूं। अपराधियों को मृत्युदंड दें।’’

पीड़िताओं का भाई हिमाचल प्रदेश में काम कर कुछ साल पहले दिल्ली आया था। वह एक निजी कारखाने में कार्यरत था और करीब एक महीने पहले घर लौटा था। पिता भूमिहीन मजदूर है  और पुलिस  जांच से संतुष्ट है। पीड़िताओं के संबंधियों ने परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी, पर्याप्त मुआवजा तथा अपराधियों को मृत्युदंड की मांग की है।

जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि लड़कियों के परिजनों को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) कानून के प्रावधानों में 8.25 लाख रुपये मुआवजा देने को आवश्यक कार्रवाई हो रही है।

उन्होंने कहा कि प्रशासन परिवार की अन्य मांगों को राज्य सरकार के पास भेजेगा।

इससे पहले, पीड़िताओं की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराके आरोप लगाया था कि उनके पड़ोसी छोटू के साथ मोटरसाइकिल पर आए तीन युवक उनकी झोंपड़ी में जबरन घुस आए और  बेटियों का अपहरण कर लिया।

पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 376 (बलात्कार) और 452 (चोट, हमला या गलत तरीके से रोकना) तथा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया । एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधान भी प्राथमिकी में शामिल किये गये हैं।

Victims Of Lakhimpur Kheri Rape And Murder Case Were Ambitious And Helpful Family and others

LAKHIMPUR KHERI YOUTHS FAILED IN RAPE ATTACKED THE GIRL WITH SHARP WEAPONS DIED DURING TREATMENT IN LAKHIMPUR KHERI
दुष्कर्म में असफल लड़कों ने लड़की पर धारदार हथियार से किया वार, इलाज के दौरान मौत

दुष्कर्म में असफल दो लड़कों ने एक लड़की को धारदार हथियार से गंभीर रूप से घायल कर दिया. इलाज में लड़की की मौत हो गई . परिजनों ने शव रखकर जमकर हंगामा किया. उनका कहना है कि पुलिस ने दोनों आरोपितों को मामूली धाराओं में जेल भेजा है. जबकि उन पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया जाना चाहिए.

हाइलाइट्स
दुष्कर्म में असफल लड़कों ने लड़की को धारदार हथियार से गंभीर रूप से घायल किया था.
इलाज के दौरान लड़की की मौत. लड़की के परिजनों ने शव रखकर हंगामा किया.
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने दोनों आरोपितों को मामूली धाराओं में जेल भेजा

MANOJ K. SHARMA
लखीमपुर खीरी में एक बार फिर दिल दहलाने वाला अपराध हुआ. दो लड़कों ने लड़की के घर में घुसकर दुष्कर्म करने की कोशिश की और सफल नहीं हुए तो लड़की पर धारदार हथियार से वार कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया. इलाज में 4 दिन बाद लड़की की मौत हो गई.  मृत लड़की के परिजनों ने शव रखकर जमकर हंगामा किया. उनका कहना है कि पुलिस ने दोनों आरोपितों को मामूली धाराओं में जेल भेजा है. जबकि उन पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज होना चाहिए.

ये पूरा मामला भीरा कोतवाली क्षेत्र के मूसेपुर गांव का है. लड़की के परिजनों का आरोप है 12 सितम्बर को उनकी 18 वर्षीय लड़की घर पर अकेली थी, तो गांव के ही सलीम और आसिफ ने घर में घुसकर दुष्कर्म का प्रयास किया. लड़की के प्रतिरोध पर धारदार हथियार से हमला कर वे दोनों भाग गए. इलाज के दौरान 16 सितंबर को लड़की की मौत हो गई. आरोपितों और पीड़िता के अलग-अलग समुदायों से होने से ये मामला अब और ज्यादा तूल पकड़ गया है.

 

लड़की की मौत के बाद परिजनों ने शव को रखकर जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने बिना महिला सिपाही लड़की का बयान दर्ज कराया. आरोपितों पर गंभीर कानूनी धाराएं लगाने के बजाय  151 की मामूली धाराओं में आरोपितों को जेल भेज दिया. लड़की की मां ने बताया कि दो लड़कों ने 12 सितंबर को घर में घुसकर उनकी बेटी से दुष्कर्म का प्रयास किया. तब हम घर पर नहीं थे. दुष्कर्म में असफल होने पर लड़की का गला दबाया, धारदार हथियार से हाथ काट दिए और मौके से भाग गए.

लड़की की मां ने बताया कि हम लोग पुलिस चौकी गए. दरोगा सुनील कुमार ने हमें धमका छेड़छाड़ की बात को हटवा दिया और पुरुष दरोगा ने लड़की का बयान लिया. कोई महिला सिपाही मौजूद नहीं थी. मामूली धाराओं में पुलिस ने दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया. जबकि मेरी लड़की से रेप का प्रयास किया गया था.

 

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