विशेषज्ञ राय: बाजार में अब क्या दांव लगाए ?
सुशील केड़िया ने कहा – बाजार में पैसों का सैलाब आने वाला है! आपका पैसा डबल करेंगे ये स्टॉक्स
मार्केट एक्सपर्ट सुशील केड़िया बाजार पर बुलिश नजर आ रहे हैं. खास बातचीत में उन्होंने निफ्टी के अहम स्तर और स्टॉक्स के बारे में जानकारी दी है.
February 18, 2025,
सुशील केड़िया ने कहा – बाजार में पैसों का सैलाब आने वाला है! आपका पैसा डबल करेंगे ये स्टॉक्स
शेयर बाजार में सितंबर 2024 के बाद से लगातार बन रहे दबाव ने निवेशकों को भारी नुकसान उठाने के लिए मजबूर किया है. FIIs की लगातार बिकवाली और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के बीच बाजार में यह कमजोरी नजर आ रही है. लेकिन, मार्केट एक्सपर्ट्स आने वाले समय के लिए बाजार पर बुलिश नजर आ रहे हैं. उनका मानना है कि आने वाले समय में बाजार में शानदार तेजी वापस लौटने वाली है. लेकिन, निवेशकों को सावधान भी रहना होगा.
इसी कड़ी में CNBC-आवाज़ से खास बातचीत में मार्केट एक्सपर्ट और Kedianomics के फाउंडर सुशील केड़िया ने बाजार पर अपनी राय रखते हुए कहा कि मुझे लगता है डर का और इस घबराहट का अब अंत आ रहा है. निफ्टी के ऊपर अगर हम 23,150 पे बंद दे देते हैं. कल 23,125 पे या परसों 23,000 के ऊपर बंद हो जाते हैं तो हम एक तरफा तेजी को ट्रिग्गर कर देंगे. पहला पड़ाव होगा 25,000 और अगर कोई कारण से नीचे तक सरकते रह जाते हैं दो 4 दिन का और रिस्क होगा. अगर बैंक निफ्टी 48,600 के नीचे फिसलता है तो घबराहट होगी. ऐसे ही अगर निफ्टी किसी कारण से 22,700 के नीचे फिसलता है तो घबराहट होगी.
30,000 तक जाएगा निफ्टी
सुशील केड़िया ने निफ्टी के स्तरों पर बात करते हुए कहा, “अगले 12 महीने ऐसा समय आएगा, जब पैसों का सैलाब आएगा. ये जो पैसों की बाढ़ आने वाली है, उसको हम संभाल नहीं पाएंगे. लोग इसमें बह जाएंगे.” लेकिन, याद रखें कि ऐसे समय में भी संभल के चलना पड़ेगा. सुशील केड़िया कुछ समय में निफ्टी के लिए 30,000 तक का टारगेट देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी 30,000 के स्तर पर यकीन करना मुश्किल है. अगर यहां से बड़ी गिरावट की बात की जाए तो वो भी यकीन करना मुश्किल होगा. यही मनुष्य का स्वभाव है. कुल मिलाकर हम ऐसा कह सकते हैं कि अगले मंगलवार तक बाजार का रुख बदल सकता है.हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि 30,000 के लिए शॉपिंग अभी शुरू नहीं हुई है. इसके लिए टुकड़े में काम करना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि एक बात समझनी होगी कि लंबी अवधि में डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है. डॉलर के सामने लंबी अवधि में स्टॉक मार्केट में बेतहाशा तेजी है. ये तेजी सिर्फ लॉन्ग रन में ही आ रही है. अगर आपको बाजार में 70% – 80% का रिटर्न का फायदा उठाना है तो ऐसे ही 4-5 महीनों में मौका मिलता है, जब हमारा रुपया बेतहाशा मजबूत होता है. अगर डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती होती है तो बाजार में और तेजी देखी गई.
बैंकिंग और रियल एस्टेट में कहां भरोसा?
बैंक निफ्टी तो Higher Bottom बना रहा. लेकिन, बड़े बैंकों में मुझे Kotak Mahindra Bank पर संदेह है. सारे लार्ज बैंक चलेंगे. निवेशक अब RBL, Bandhan Bank और DC Bank को कुछ समय के लिए भूल गए थे, अब इनमें भी मौका बन रहा है. स्मॉल फाइनेंस बैंक जैसे Jana Small Finance Bank, AU Small Finance में 60-70-80% तक की तैयारी है. रियल एस्टेट में DLF जैसे स्टॉक्स 50% तक रिटर्न के लिए तैयार हैं. अगर प्रॉपर्टीज की मांग बनी रहती है तो Sobha Ltd. दो से ढाई गुना की तेजी दिखा सकते हैं. इसके अलावा LIC Housing Finance और HUDCO जैसे हाउसिंग फाइनेंस जैसे स्टॉक्स डबल हो सकते हैं.
पंसदीदा ऑटो स्टॉक्स
ऑटो सेक्टर की बात करें तो TVS Motor लगभग Higher Bottom बना चुका है. Bajaj Auto और Hero MotoCorp छोटे Higher Bottoms बना चुके है. Tata Motors बिल्कुल बॉटम पर ही है. अगर 4 दिन के भाव के ऊपर बंद होते हैं तो ऑटो सेक्टर के सबसे बेस्ट पिक्स होंगे. इस लेवल पर M&M और Maruti Suzuki को छोड़ने का वक्त है.
फार्मा और हेल्थकेयर में कहां मौके?
बीते 5-6 महीने में Apollo Hospitals और Dr. Lal PathLabs ने बॉटम बना लिया है. अगर Biocon रुपये के भाव पर मिलता है तो इसे 500 रुपये प्रति शेयर तक जाने की संभावना होगी. Shilpa Medicare में भी मौके हैं. Dr. Reddy’s Labs और Sun Pharma लंबी अवधि के निवेश के लिए बेहतरीन स्टॉक्स हैं.
Cummins India, ABB India और L&T जैसे स्टॉक्स में तेजी देखने को मिली है. L&T तो 4,500 रुपये प्रति शेयर तक जाने की तैयारी में है. इन स्टॉक्स में पैटर्न और सेटअप तैयार है, बस ट्रिगर की प्रतीक्षा है.
FIIs News: विदेशी निवेशकों ने इन 10 स्टॉक्स में लगाया है तगड़ा पैसा, चेक करें पूरी लिस्ट
FIIs Data: विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से बिकवाली बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है. जनवरी के बाद फरवरी में FIIs ने जमकर बिकवाली की है.
शेयर बाजार में इस समय गिरावट के सबसे बड़ी वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली को बताई जा रही है. केवल इसी महीने के आंकड़ों की बात करें तो 14 फरवरी तक FIIs ने कैश मार्केट में कुल 23,242 करोड़ रुपये की बिकवाली कर दी है. 2025 में अब तक बिकवाली का यह आंकड़ा 1,05,134 करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है. FIIs की ओर से इतनी भारी बिकवाली की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी डॉलर में मजबूती, डॉलर इंडेक्स में तेजी और भारतीय बाजारों के महंगे वैल्युएशन को बताया जा रहा है. वहीं, दिसंबर तिमाही में भी कंपनियों के नतीजे भी इसके एक कारण हैं.
इस बीच अब एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी की मुलाकात के बाद अब विदेशी निवेशकों का भारत में लौटने का वक्त आ गया है. वैल्युएशन के मोर्चे पर भी बाजार अब हल्का हुआ है. लेकिन, विदेशी निवेशकों के लिए डॉलर में मजबूती के बाद बॉन्ड यील्ड्स ही फायदेमंद सौदा साबित हो रहा है.
इस बिकवाली पर एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?
Mosaic Asset Management के फाउंडर एंड सीईओ, मनीष डांगी ने बताया कि FIIs के पास निवेश करने के लिए 160 देशों का बड़ा बिकल्प है. जब 1990 और 2000 में आपको लोकल इन्वेस्टर को खबर तक नहीं थी, तब उन्होंने पूरे देश का 26% स्टॉक उठा लिए थे. उन्होने कहा कि आज FIIs का नहीं आना कोई नई बात नहीं है. पिछले 10 साल से FIIs का पैसा नहीं आया है.
वहीं, Piper serica के अभय अग्रवाल का कहना है कि निवेशक मार्केट में तभी आएंगे जब उन्हें रिटर्न की संभावना दिखेगी. आप उनको पकड़कर जबरदस्ती नहीं ला सकते. उन्होंने कहा कि उनके पास 160 एसेट क्लासेज का ऑप्शन है. इसलिए हम कैसे कंपिटिटीव बने, इस पर फोकस करना पड़ेगा.
एक आंकड़े के मुताबिक, NSE पर लिस्ट हुई सभी कंपनियों में FIIs के पास 31 दिसंबर 2024 तक कुल 5.81% हिस्सा था. सितंबर तिमाही तक यह हिस्सा 5.89% था. आगे जानते हैं FIIs की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी वाले स्टॉक्स.
FIIs: सबसे बड़ी होल्डिंग्स
स्टॉक FIIs की हिस्सेदारी
Delhivery 53.75%
Samhi Hotels 54.76%
CarTrade Tech 55.2%
One97 Communication 56.2%
Max Healthcare 56.93%
CAMS 57.63%
Five-Star Business 57.76%
Redington 58.53%
Le Travenues (Ixigo) 61.07%
360 One WAM 66.15%
नोट: 31 दिसंबर 2024 तक
क्या होगा FIIs का आगे का रुख?
Geojit Financial Services के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट, वी के विजयकुमार का कहना है कि अच्छे बजट, दरों में कटौती और तीसरी तिमाही के नतीजों में कुछ सुधार जैसे अच्छे ट्रिगर्स के बाद भी FIIs की बिकवाली थम नहीं रही है. उन्होंने कहा कि FIIs के पोर्टफोलियो में सबसे ज्यादा लार्जकैप स्टॉक्स हैं, ऐसे में लार्जकैप में ही इन बिकवाली का सबसे बड़ा असर देखने को मिल रहा है. लार्जकैप में FIIs की लगातार बिकवाली से इनका वैल्युएशन अब आकर्षक हो गया है. इनमें लंबी अवधि के निवेश के लिहाज से मौके बन रहे हैं. अगर डॉलर इंडेक्स में गिरावट आती है तो FIIs की बिकवाली का ट्रेंड बदलेगा. फिलहाल, ये अनुमान लगाना मुश्किल है कि आखिर ऐसा कब देखने को मिलेगा.
Waterfiedl Advisors के विपुल भोवार का कहना है कि ग्लोबल पॉलिसी में हालिया बदलाव से FIIs को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. इससे भारत जैसे डायनेमिक बाजारों में FIIs की निवेश रणनीति बदल रही है. अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़त से FIIs के लिए अमेरिकी बाजार बेहतर विकल्प बन रहे हैं. भारत में कॉरपोरेट सेल्स ग्रोथ की रफ्तार धीमी पड़ने से भी ऐसा ट्रेंड देखने को मिल रहा है. विपुल भोवार ने बताया कि भारतीय बाजारों के महंगे वैल्युएशन की वजह से भी ये निवेशक फिलहाल सतर्क नजर आ रहे हैं.
डिस्क्लेमर: दी गई सलाहें या विचार एक्सपर्ट, ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार हैं. वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके प्रति जिम्मेदार नहीं है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या सर्टिफाइड एक्सपर्ट से राय जरूर ले लें.