वैक्सीन के बावजूद डॉ. के के अग्रवाल की मौत की वज़ह बताई डॉ. छाजेड़ ने

 

Dr KK Aggarwal Death Reason: कोरोना वैक्सीन भी डॉक्टर अग्रवाल को क्यों नहीं बचा पाई, असली वजह इस डॉक्टर ने बताई

नई दिल्ली10 जून।पद्मश्री से सम्मानित हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर केके अग्रवाल की कोरोना से मौत ने सबको झकझोर दिया था। लोग इस बात को लेकर खासे परेशान हुए कि आखिर वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद भी डॉक्टर अग्रवाल की जान क्यों नहीं बच सकी। कई एक्सपर्ट डॉक्टरों ने इसे लेकर राय जाहिर की और कोमोरबिडिटी की आशंका जताई। कोमोरबिडिटी…यानी जब व्‍यक्ति एक ही समय पर 1 से ज्यादा गंभीर बीमारियों का का शिकार हो।

लेकिन किसी को ये पक्के तौर पर जानकारी नहीं थी कि आखिर हजारों मरीजों का इलाज करने वाले और लाखों लोगों को अपनी बातों के प्रभावित करने वाले डॉक्टर अग्रवाल को क्या वाकई कोई बीमारी थी?

अब देश के एक मशहूर हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर बिमल छाजेड़ ने ये बता दिया है कि डॉक्टर अग्रवाल को बचाया क्यों ना जा सका और उन्हें पहले से क्या बीमारियां थी। डॉक्टर छाजेड़ सोशल मीडिया के वीडियो सोशल मीडिया पर खासे लोकप्रिय हैं। उन्होंने बुधवार को पोस्ट किए गए अपने वीडियो में बताया कि उन्होंने काफी जांच परख के बाद ये पता लगाया है कि डॉक्टर अग्रवाल दो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे।

पहली बीमारी- क्रोन्स बीमारी

ये एक ऑटो इम्यून बीमारी है। जिसमें शरीर की इम्यूनिटी ही इंसान की दुश्मन बन जाती है। इस बीमारी में आंतों में सूजन आ जाती है, जो मुंह से लेकर गुदा तक पेट और आंत संबंधी तंत्र के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है। इस बीमारी के लक्षणों में पेट में दर्द, दस्त, बुखार और वजन घटना शामिल है। इसमें कुछ ऐसीदवाइयां भी ली जाती हैं जिससे इम्यूनिटी और कम हो जाती हैं।

दूसरी बीमारी- पल्मोनरी एम्बोलिज्म

ये एक हृदय रोग है जिसमें फेफड़ों तक रक्त ले जाने वाली रक्तवाहिका में रक्त का थक्का जम जाता है। इससे फेफड़ों में रक्तसंचार बाधित होता है। आमतौर पर ये खून के थक्के पैरों की नसों से गुजरते हुए ऊपर आकर फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं में अटक जाते हैं। ये अपने आप में काफी गंभीर रोग है जिसमें मरीज की जान पर बन आती है।

डॉक्टर छोजेड़ के मुताबिक, इन्हीं दो गंभीर बीमारियों की वजह से डॉ अग्रवाल का केस कमजोर हो गया। डॉक्टर अग्रवाल आखिरी वक्त तक ऑक्सीजन लेते हुए भी मरीजों के लिए काम करते रहे, जबकि कोरोना मरीजों को आराम करने की सलाह दी जाती है। दो बीमारियों से जूझते डॉक्टर अग्रवाल की हालत इसलिए और गंभीर हो गई और वैक्सीन भी उन्हें बचा नहीं सकी।

डॉक्टर छोजेड़ ने जोर देकर कहा कि कोरोना वैक्सीन 90 फीसदी तक आपको मौत सेबचाने में सक्षम होती है, इसलिए वैक्सीन लेने के बाद हो रही मौतों को लेकर मन में डर ना पालें। वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद भी अगर कोरोना हुआ भी तो हल्का असर दिखाकर निकल जाएगा। पर अगर वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बावजूद किसी की मौत होतीहै, उसकी कोई ना कोई वजह जरूर होती है जिसमें कोमोरबिडिटी एक बड़ा फैक्टर है।

 

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