शरियत का स्वाद: अफगानी महिलाओं के आंदोलन को कवर करते पत्रकारों को नंगा कर मारे कोड़े
अफगानी महिलाओं का प्रोटेस्ट कवर करने गए 2 पत्रकारों के साथ तालिबान की बर्बरता, 4 घंटे में किया ऐसा हाल: क्या यही है शरिया?
तालिबानियों द्वारा प्रताड़ित किए गए पत्रकारों की हालत
अफगानिस्तान में तालिबान की बर्बरता पत्रकारों पर भी कम नहीं है। खबर है कि एतिलात्रोज़ (Etilaatroz) से जुड़े दो पत्रकार- तकी दरयाबी (Taqi Daryabi) और नेमातुल्लाह नक़दी (Nematullah Naqdi) को तालिबान ने बेरहमी से मारा है। दोनों पत्रकार महिलाओं का प्रदर्शन कवर करने मौके पर पहुँचे थे। इसी बीच तालिबानियों ने दोनों को पकड़ा और अंधाधुंध पीटा। पत्रकारों की पीठ पर केबल की तार और डंडों के निशान पाए गए हैं। दोनों का इलाज अस्पताल में चल रहा है
पिछले कई महीनों से इनकी रिपोर्टिंग को लेकर काफी भड़का हुआ था। अब अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जे के बाद तालिबान लड़ाकों ने इस वेबसाइट के दो पत्रकारों तकी दरयाबी और नेमातुल्लाह नकदी को अगवा कर उनकी काफी पिटाई की है।
अफगानिस्तान में इस्लामिक अमीरात सरकार का ऐलान करने के बाद तालिबान अब अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाने में जुट गया है। एक दिन पहले ही तालिबान लड़ाकों ने अफगानिस्तान की न्यूज वेबसाइट एतिलात्रोज के दो पत्रकारों को अगवा कर बुरी तरह से पिटाई की है। कैद से रिहा होने के बाद इन दोनों पत्रकारों ने तालिबान के जुल्म की दास्तां पूरी दुनिया को सुनाई है।
तालिबान के खिलाफ रिपोर्टिंग पर भड़के थे आतंकी
एतिलात्रोज अफगानिस्तान की खोजी रिपोर्ट और बेनामी व्हिसलब्लोइंग के लिए प्रसिद्ध न्यूज वेबसाइट है। तालिबान पिछले कई महीनों से इनकी रिपोर्टिंग को लेकर काफी भड़का हुआ था। अब अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जे के बाद तालिबान लड़ाकों ने इस वेबसाइट के दो पत्रकारों तकी दरयाबी और नेमातुल्लाह नकदी को अगवा कर उनकी काफी पिटाई की है।
दोनों पत्रकारों को तालिबान ने इतनी बुरी तरह से पीटा है कि उनके शरीर पर जख्म के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि तालिबान लड़ाके पकड़ने के बाद दोनों को अलग-अलग कमरे में लेकर गए और बुरी तरह से पिटाई की। दोनों पत्रकारों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। तालिबान ने अभी इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है।
गर्भवती महिला पुलिस अधिकारी की हत्या की थी
तालिबान ने तीन-चार दिन पहले ही घूर प्रांत के फिरोजकोह में एक महिला पुलिसकर्मी की उसके पति और बच्चों के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक महिला पुलिस अधिकारी उस समय आठ महीने की गर्भवती थी। इसके बावजूद इन कट्टरपंथी दरिंदों का दिल नहीं पसीजा और उसे बुरी तरह से पीटने के बाद गोली मार दी।
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कोई भी तालिबान के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं
मृतक महिला पुलिसकर्मी की पहचान बानू नेगर के नाम से हुई है। यह घटना शनिवार रात 10 बजे की बताई जा रही है। इस इलाके में तालिबान का खौफ इतना ज्यादा है कि घटना के बारे में कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। यह हत्या अफगानिस्तान में महिलाओं के बढ़ते दमन की बढ़ती खबरों के बीच हुई है।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों पत्रकार पश्चिमी काबुल के कार्ट-ए-चार (Kart-e-Char) इलाके में महिलाओं के उस प्रदर्शन को कवर करने पहुँचे थे जिसका मुद्दा नई सरकार में महिलाओं की भागीदारी न होने को लेकर था। इसी दौरान तालिबानियों ने पत्रकारों को पकड़ा और बंधक बनाकर उनसे मारपीट की। दोनों को 4 घंटे बाद छोड़ा गया। वहीं बाकी भी पत्रकार पकड़े गए थे उनको भी तालिबान ने बाद में रिहा कर दिया।
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान की एंट्री के बाद मानवाधिकारों का उल्लंघन धड़ल्ले से हो रहा है। कई पत्रकार अब तक उनका निशाना बन चुके हैं। डीडब्ल्यू से जुड़ी एक पत्रकार की रिश्तेदार को कुछ समय पहले गोली मार दी गई थी। वजह यही थी कि तालिबानी उस पत्रकार को ढूँढ रहे थे। लेकिन न मिलने पर रिश्तेदार को मौत के घाट उतार दिया। जानकारी के मुताबिक, अब तक 3 DW पत्रकारों के घरों पर छापेमारी हो चुकी है। इसके अलावा जलालाबाद के प्रदर्शन में भी पत्रकार तालिबान के निशाने पर आए थे। फिर सीएनएन पत्रकारों पर भी तालिबान ने हमला किया था।