संघ लोकसेवा आयोग परीक्षा:

UPSC Result Many youths including Saloni and Ankita of Uttarakhand passed exam
UPSC Result: उत्तराखंड की सलोनी व अंकिता समेत कई युवाओं ने लहराया परचम, परीक्षा पास कर हासिल की सफलता

संघ लोक सेवा आयोग ने परीक्षा-2024 का फाइनल रिजल्ट जारी किया। अंकिता व सलोनी के अलावा त्यूणी की शिल्पा चौहान ने 188वीं और लोहाघाट की अनुप्रिया ने परीक्षा में 189वीं रैंक हासिल की है।
UPSC Result Many youths including Saloni and Ankita of Uttarakhand passed exam
यूपीएससी परीक्षा पास करने वाली सलोनी व अंकिता

संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा (यूपीएससी) में उत्तराखंड के युवाओं ने अपना परचम लहराया। दून की सलोनी गौतम ने परीक्षा में 127वीं व दून की ही अंकिता कांति ने 137वीं रैंक हासिल की है। इसके अलावा प्रदेश के कई अन्य युवाओं ने भी परीक्षा में सफलता हासिल की है।

मंगलवार को संघ लोक सेवा आयोग ने परीक्षा-2024 का फाइनल रिजल्ट जारी किया। अंकिता व सलोनी के अलावा त्यूणी की शिल्पा चौहान ने 188वीं और लोहाघाट की अनुप्रिया ने परीक्षा में 189वीं रैंक हासिल की है।

उत्तराखंड की अंजू भट्ट ने पास की सिविल सेवा परीक्षा, घर पर की तैयारी, चौथे प्रयास में पाई सफलता

टिहरी जनपद की अंजू भट्ट ने 312वीं रैंक प्राप्त की है। वहीं, टिहरी के ही तुषार डोभाल ने लगातार दूसरी बार सफलता हासिल की। उधर, रुड़की के अर्पित कुमार ने ऑल इंडिया 421वीं रैंक हासिल की है। रानीखेत के गौरव छिमवाल ने 564वीं रैंक प्राप्त की। इसके अलावा धारचूला के अक्षत कुटियाल ने भी परीक्षा में सफलता हासिल की है।

UPSC Result 2025 Anju Bhatt from Dehradun secured 312th rank passed exam by studying at home
 टिहरी की अंजू भट्ट ने पास की सिविल सेवा परीक्षा, घर पर की तैयारी, चौथे प्रयास में पाई सफलता

अंजू भट्ट ने तीन बार सिविल सेवा परीक्षा में प्रतिभाग किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। बार-बार की असफलताओं से भी उनका मन अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हुआ और चौथे प्रयास में उन्होंने परीक्षा पास कर ली।

देहरादून के विकासनगर में बरोटीवाला की अंजू भट्ट ने सिविल सेवा परीक्षा पास कर अपने परिवार व गांव का नाम रोशन किया। उन्होंने सिविल सेवा को घर में ही तैयारी की और अपनी मेहनत व लगन से सिद्ध कर दिया कि कोई अपने लक्ष्य को ठान ले तो उसे पा ही लेता है।

अंजू भट्ट का परिवार मूल रूप से टिहरी जनपद के सिलवाल गांव निवासी है। लेकिन, पिछले काफी वर्षों से वह विकासनगर के बरोटीवाला में ही रहते हैं। उसके पिता असम रायफल में सूबेदार किशोरीलाल भट्ट नागालैंड में हैं। माता इंदु भट्ट गृहणी हैं।

उन्होंने कक्षा 12 तक पढ़ाई विकासनगर के एक निजी स्कूल और उसके बाद जनपद सहारनपुर के बादशाही बाग स्थित ग्लोकल विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया।

उन्होंने बताया कि वह कक्षा 10 से ही सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाने का मन बना चुकी थीं। इसके लिए उन्होंने घर पर ही तैयारी की। पढ़ाई के साथ-साथ वह संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी में जुटी रही।वे तीन बार सिविल सेवा परीक्षा में बैठी लेकिन सफलता नहीं मिली। बार-बार की असफलताओं से भी उनका मन अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हुआ और चौथे प्रयास में उन्होंने परीक्षा पास कर 312 वीं रैंक पा ली। उनकी सफलता से उनके परिवार, गांव में उत्साह व खुशी का वातावरण  है।

IAS टॉपर शक्ति दुबे ने कैसे की थी तैयारी, घरवालों का कैसा था सपोर्ट, बातचीत में कही दिल की बात

असफलता से मायूस होने वाले और खुदकुशी जैसी सोच रखने वाले छात्रों को लेकर आईएएस टॉपर ने कहा कि एक परीक्षा में मिली असफलता से सब कुछ खत्म नहीं होता है. आप खुद में भरोसा बनाए रखें. अपने माता-पिता से बात करें. एक वही होते हैं जो आपको सही रास्ता दिखा सकते हैं.

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2024 के परिणाम घोषित किए. इसमें शक्ति दुबे ने पहला स्थान हासिल किया है. वहीं, हर्षिता गोयल और डोंगरे अर्चित पराग को दूसरा और तीसरा रैंक मिला है. एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में IAS टॉपर शक्ति दुबे ने बताया कि उन्होंने किन तरीकों को अपनाकर ये सफलता हासिल की. शक्ति दुबे ने कहा कि मैंने पुरानी गलतियों से सीखा और उसमें सुधार किया. इस रिजल्ट से घरवाले काफी खुश हैं.

शक्ति दुबे ने कहा कि जब रिजल्ट आया और मैंने देखा कि सबसे ऊपर ही मेरा नाम है तो थोड़ी देर के लिए तो पहले विश्वास नहीं हुआ. मैंने फिर घर पर फोन किया और ये सुनकर सभी काफी खुश हुए. मुझे भी ये देखकर काफी खुशी हुई.

परीक्षा को लेकर तैयारी के बारे में आईएएस टॉपर ने कहा कि ये मेरा पांचवा प्रयास था और इसमें मैंने पहली रैंक हासिल की. इससे पहले के तीन प्रयासों में मेरा प्रिलिम्स क्लियर नहीं हुआ था. वहीं चौथे अटेम्प्ट में मैं इंटरव्यू तक गई थी. तब कट ऑफ से सिर्फ 12 नंबर कम था जिस वजह से मेरा नाम लिस्ट में नहीं था.
उन्होंने कहा कि इतने प्रयासों के दौरान जो गलतियां थीं, उससे सीखकर मैंने अपने प्रयास जारी रखे. जो भी गलतियां की उससे सीखा,मुझे पांचवे प्रयास के दौरान उन चीजों से मदद मिली और आखिरकार मैंने इस बार पहला रैंक हासिल किया.

आईएएस टॉपर ने पिछले कई प्रयासों में मिली असफलता पर कहा कि हौसला नहीं टूटने देने और इसे बनाए रखने में माता-पिता और भाई-बहनों का काफी योगदान रहा. उन्होंने हमेशा ही मुझसे कहा कि तुम कर सकती हो, थोड़ी बहुत जो कमियां हैं उस पर काम करो. मैंने वहीं किया और आज मुझे ये सफलता मिली है.

वहीं परीक्षा की तैयारी के दौरान कमियों को लेकर उन्होंने कहा कि मेरा कोई फिक्स बुक लिस्ट नहीं था. मैं कई तरह के रिसोर्स से इसकी तैयारी किया करती थी. मुझे लगता है कि ये सबसे बड़ी गलती थी. मैं इस परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं से कहना चाहूंगी कि वो लिमिटेड बुक रिसोर्स रखें. अपनी बुक लिस्ट लिमिटेड रखें. उसको बार-बार रिविजन करें. पुराने पूछे सवालों को भी पढ़ते रहें. ये कुछ चीजें हैं जो ध्यान में रखना चाहिए.
असफलता से मायूस होने वाले और खुदकुशी जैसी सोच रखने वाले छात्रों को लेकर आईएएस टॉपर ने कहा कि एक परीक्षा में मिली असफलता से सब कुछ खत्म नहीं होता है. आप खुद में भरोसा बनाए रखें. अपने माता-पिता से बात करें. एक वही होते हैं जो आपको सही रास्ता दिखा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि यूपीएससी परीक्षा को लेकर वो पढ़ाई के घंटों पर निर्भर नहीं रहती थी, बल्कि मैंने कुछ चीजें प्लान की हुई थी, उसमें कभी आठ घंटे को कभी 10 घंटे लग जाते थे. मेंस के टाइम में वो बढ़कर 12 घंटे भी हुए हैं. चार चीजें- करेंट अफेयर्स, जीएस, ऑप्शनल और मॉक प्रैक्टिस इन पर ध्यान देने की खास जरूरत है.

शक्ति दुबे ने कहा कि अधिकार मिल जाने के बाद पिछड़े इलाकों खासकर महिलाओं के लिए वो काफी कुछ करना चाहेंगी. देहात और पिछड़े इलाकों में आज भी कई कमियां हैं, जिन्हें वो दूर करना चाहेंगी.
पहला रैंक प्राप्त दुबे ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री में स्नातक (विज्ञान स्नातक) किया है।

 

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