संभल

SC का आदेश- संभल मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट नहीं खुलेगी:इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक और याचिका, पुलिस अफसरों पर FIR दर्ज करने की मांग

24 नवंबर को संभल में हिंसा भड़की थी। इसके बाद अब पूरे शहर में पुलिस फोर्स तैनात है।
संभल की जामा मस्जिद मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने आदेश दिया कि मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट नहीं खुलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से कहा कि 8 जनवरी तक केस में कोई एक्शन न लें। शांति जरूरी है। गुरुवार को संभल की शाही जामा मस्जिद की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। CJI की बेंच में इस पर सुनवाई हुई।

वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुलिस अफसरों पर FIR दर्ज कराने को लेकर एक और याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन महाराष्ट्र सचिव मोहम्मद यूसुफ ने दाखिल की है। उनका कहना है कि संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान विरोध में आई भीड़ पर एक पुलिस वर्दीधारी ने कहा कि सब लोग गोली चलाओ। इसके बाद अंधाधुंध गोली चलाते पुलिस को देखा गया, जिसमें 5 लोगों की मौत हो चुकी है। यह हादसा नहीं, हत्या है।

वहीं, शुक्रवार को जामा मस्जिद में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के पिता ममलूकुर्रहमान बर्क नमाज पढ़ने पहुंचे। पुलिस ने जियाउर्रहमान बर्क को हिंसा भड़काने का आरोपी बनाया है। जुमे के दिन करीब एक हजार लोग नमाज पढ़ने पहुंचे।

इससे पहले, संभल की चंदौसी कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट पेश नहीं हुई। एडवोकेश कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने कहा- 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा हो गई थी, इसलिए रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई। कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए 10 दिन का वक्त दिया है।

संभल में रविवार, 24 नवंबर को मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में 4 युवकों की मौत हुई थी। संभल की चंदौसी कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका पर 19 नवंबर को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करते हुए सर्वे का आदेश दिया था। हिंदू पक्ष का दावा है कि जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है।

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