संभल में नेजा मेला को पुलिस की इस बार भी ‘न’,लुटेरे की याद में आयोजन देशद्रोह

‘सोमनाथ लुटेरों की याद में मेला लगाने वाले देशद्रोही’, संभल SSP बोले- किसी भी हाल में नहीं लगने देंगे नेजा मेला
Neja Mela Sambhal संभल में लगने वाला नेजा मेला इस बार नहीं लगेगा। अपर पुलिस अधीक्षक ने मेले के आयोजन पर रोक लगा दी है। उनका कहना है कि सोमनाथ मंदिर के लुटेरे सैयद सालार मसूद गाजी की याद में लगने वाले इस मेले को किसी भी हाल में नहीं लगने दिया जाएगा। यह मेला देशद्रोह को बढ़ावा देता है।

संभल में नेजा मेला के लिए अनुमति लेने आए आयोजकों को हिदायत देते एएसपी श्रीश चंद्र।
संभल 17 मार्च 2025 । (Sambhal Neja Mela) कई दशकों से लगता आ रहा नेजा मेला अब नहीं लगेगा। इसके लिए अपर पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि अगर मेले का आयोजन किया गया तो आयोजकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। मेले की शुरुआत होली के बाद पड़ने वाले मंगलवार को नेजा ढाल गाढ़ने से होती है। यह ढाल 18 मार्च को गाड़ी जानी थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने इसे पूरी तरह गलत करार देते हुए मेले का आयोजन नहीं करने की हिदायत दी है।
क्रूर आक्रांता सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर हर वर्ष लगने वाले नेजा मेला की ढाल संभल कोतवाली के सामने गाढ़ी जाती थी। इसके एक सप्ताह बाद अगले मंगलवार को चंदौसी रोड स्थित ग्राम शाहपुर सूरा नगला से मेले की शुरुआत होती थी।
पुलिस ने नहीं दी मेला लगाने की इजाजत
अगले दिन शहर के नगर पालिका मैदान में और बाद में ग्राम बादल गुम्बद में मेले का आयोजन किया जाता था। इस बार पुलिस ने मेला लगाने की इजाजत नहीं दी है।
लुटेरे की याद में किसी भी हाल में नहीं लगेगा मेला: संभल SSP

अपर पुलिस अधीक्षक श्रीशचंद्र का कहना है कि सोमनाथ मंदिर के लुटेरे की याद में लगने वाले मेले को किसी भी दशा में नहीं लगने दिया जाएगा। कहा कि कोई कुरीति सालों से चली आ रही है तो उसे बदलने की जरूरत है। गजनवी के भांजे मसूद गाज़ी ने भारत में क्रूरता की थी। ऐसे लुटेरे-हत्यारे देशद्रोही की याद में मेला लगाने वाले भी देशद्रोही होंगे।

एएसपी ने आयोजन न करने की दी हिदायत

उन्होंने दो टूक कहा है कि मेले का आयोजन किसी भी दशा में नहीं होने दिया जाएगा। धार्मिक नगर नेजा कमेटी की ओर से झंडा बरदार शाहिद अली मसूदी व सचिव कारी कमाल को उस समय मेले का आयोजन किसी भी दशा में न करने की हिदायत दी जब वह इसके लिए पुलिस प्रशासन से अनुमति लेने गए थे।
बता दें कि पिछले साल भी कमेटी की ओर से निर्धारित तारीख के बाद मेला लगाने की कोशिश की गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने मेला नहीं लगने दिया था।

Knowledge Sambhal Neza Mela permission not granted who was Syed Salar Masud Ghazi and his dargah
कौन था सालार मसूद गाजी, जिसकी याद में संभल में लगता था नेजा मेला? सोमनाथ मंदिर तोड़कर की थी लूट
Sambhal Neza Mela and Syed Salar Masud Ghazi: उत्तर प्रदेश के संभल में सैयद सालार मसूद गाजी की याद में लगने वाला नेजा मेला नहीं लगेगा. पुलिस ने साफ कहा है कि लुटेरों के नाम पर होने वाले मेले को अनुमति नहीं दी जाएगी. जानिए, कौन था सैयद सालार मसूद गाजी, कैसे भारत में लूट मचाई और क्या हुआ था उसका हश्र.

इस साल संभल में सैयद सालार मसूद गाजी की याद में लगने वाला नेजा मेला नहीं लगेगा.

उत्तर प्रदेश के संभल में सैयद सालार मसूद गाजी की याद में लगने वाला नेजा मेला इस साल नहीं लगेगा. पुलिस ने आयोजकों से साफ कह दिया है कि लुटेरों के नाम पर लगने वाले मेले की अनुमति नहीं दी जाएगी. पुलिस ने यह कदम तब उठाया है जब दूसरे पक्ष ने आपत्ति जताई थी और मसूद गाजी को देश को बर्बाद करने वाला बताया था. उसका गुणगान करने वाले मेले का आयोजन न होने देने की अपील की थी.

मेला आयोजक नेजा कमेटी से बातचीत में ASP श्रीशचंद्र ने कहा है, सालार मसूद गाजी क्रूर आक्रांता था. सालों से चली आ रही कुरीति को खत्म करने का वक्त आ गया है. सोमनाथ मंदिर लूटने वालों के नाम पर मेला नहीं लगेगा.

संभल में लुटेरे की याद में मेला नहीं लगने देंगे:ASP का फरमान- झंडा गाड़ा तो देशद्रोही कहलाओगे; मजिस्ट्रेट से बात करो
संभल5 घंटे पहलेASP श्रीश्चंद्र और मेला कमेटी ने नेजा मेला को लेकर बैठक की।
‘जिसने देश को लूटा, उसके नाम पर मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। अगर किसी ने भी नेजा मेले की ढाल गाड़ने (हरे रंग का झंडा) के लिए रैली निकाली, तो वह राष्ट्रद्रोही कहलाएगा। अगर मेला लगाना है, तो मजिस्ट्रेट से बात करो।’

यह कहना है संभल के ASP श्रीश्चंद्र का। वह सोमवार को सैयद सालार मसूद गाजी की याद में लगने वाला नेजा मेला को लेकर मेला कमेटी के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कमेटी से साफ कहा कि लुटेरे के नाम पर किसी भी हाल में मेला लगाने की इजाजत नहीं दी गई.

संभल में नेजा मेला कमेटी के साथ बैठक करते ASP श्रीश्चंद्र। उन्होंने मेला लगाने की इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया। –
संभल में नेजा मेला कमेटी के साथ बैठक करते ASP श्रीश्चंद्र। उन्होंने मेला लगाने की इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया।
संभल की सदर कोतवाली में नेजा मेला कमेटी के साथ हुई मीटिंग में ASP श्रीश्चंद्र ने पूछा- आप किसके नाम पर मेले का आयोजन करते हैं? कमेटी ने बताया कि सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर नेजा मेला लगाया जाता है। उससे पहले नेजा मेले की ढाल गाड़ने के लिए निकाली जाती है।

इस पर ASP ने कहा- यहां पर सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर मेला लगाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जिसने सोमनाथ मंदिर को लूटा था, उस लुटेरे की याद में मेला नहीं लगेगा। याद रखिए, अगर ढाल गाड़ा गया तो आप राष्ट्रद्रोही कहलाएंगे। अगर आप इस देश के हैं, तो लुटेरे की याद में मेला कैसे लगा सकते हैं।

लुटेरे की याद में मेले का आयोजन नहीं होगा ASP ने कहा- फिर भी अगर आपको लगता है कि नेजा मेला लगाना है, तो बड़े अफसरों को एप्लिकेशन दीजिए। लेकिन इससे पहले मेला लगाने से जुड़ा कोई काम ना कीजिएगा। अगर आप परंपरा की बात कर रहे हैं तो मजिस्ट्रेट से मिलिए। मेला कमेटी के ढाल गाड़ने की बात पर उन्होंने कहा- कोई ढाल मत गाड़िएगा।

ASP ने मेला कमेटी से कहा- जिसने मेले की ढाल गाड़ने (हरे रंग का झंडा) के लिए रैली निकाली, तो वह राष्ट्रद्रोही कहलाएगा।
जिसने सोमनाथ मंदिर को लूटा, हम उनका साथ कैसे दे सकते हैं? ASP ने कहा- किसी लुटेरे के पक्ष में खड़े होने की बात हम बिल्कुल नहीं सुनेंगे। आप कहें कि 1000 साल से मना रहे हैं, तो भी बिल्कुल नहीं सुनेंगे। इस पर कमेटी के लोगों ने कहा कि नेजा के मौके पर धार्मिक आयोजन होते हैं। ASP ने कहा कि गलत होते हैं, यह कुरीति है। बहुत सारी कुरीति है, जो आप नासमझी में कर रहे हैं।

जिसने सोमनाथ मंदिर को लूटा, इस देश की प्रॉपर्टी लूटी। लोगों का कत्लेआम किया, कैसे उनका साथ दे सकते हैं? इसलिए बिल्कुल साथ नहीं देंगे।

कमेटी ने कहा- आप हमें चारों खाने चित्त कर रहे मेला कमेटी के लोगों ने कहा कि यहां पर फातिहा होती है। इस पर ASP ने कहा कि उस लुटेरे की याद में कुछ भी नहीं होगा। इसलिए आप अधिकारियों से परमिशन मांग लो, तभी कुछ हो सकता है। इस पर मेला कमेटी के लोगों ने कहा कि आप हमें चारों खाने चित्त कर रहे हैं।

ASP ने बताया- गजनवी के भांजे मसूद गाजी ने भारत में क्रूरता की थी। ऐसे लुटेरे हत्यारे की याद में किसी भी मेले की परमिशन नहीं दी जाएगी। अगर कोई कुरीति सालों से चली आ रही है, तो उसे बदलने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन को लेकर दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस प्रशासन से आपत्ति दर्ज कराई थी। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मेले के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है। अगर मेला कमेटी मजिस्ट्रेट के पास जाती है, तो जा सकती है।

मेला कमेटी के लोगों ने कहा- यहां पर फातिहा होती है।
होली के बाद पहले मंगलवार को होता है मेला गजनवी के भांजे सैयद सालार मसूद गाजी की याद में संभल में नेजा मेले का आयोजन किया जाता है। होली के बाद पहले मंगलवार को नेजा मेला की ढाल गाड़ी जाती है। फिर होली के बाद दूसरे मंगलवार को मेला लगाया जाता है।

मेले को देखने के लिए लाखों लोग पहुंचते हैं। इसका आयोजन मुस्लिम समुदाय के लोग करते हैं, लेकिन सभी समुदाय के लोग मेले में घूमने जाते हैं। इस बार 18 मार्च को ढाल गाड़ी जानी थी। इसके बाद 25, 26, 27 मार्च को मेला लगना था। लेकिन इसके लिए प्रशासन ने इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया।

2022 में कोविड-19 के चलते मेला नहीं लगा था। बाद में इस मेले का नाम सद्भावना मेला किया गया था। 2023 में इसी नाम से मेला लगा था। 2024 में भी यह मेला नहीं लगा था।

पुलिस के बयान के बाद सवाल है कि आखिर कौन था सैयद सालार मसूद गाजी और नेजा मेला में होता क्या है?

कौन था सैयद सालार मसूद गाजी?
दुनिया के सबसे क्रूर शासकों में महमूद गजनवी जिसने गुजरात के सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया. लूटपाट की. शिवलिंग खंडित किया और 20 मिलियन दीनार लूटकर ले गया. साल 1026 में भीम प्रथम के शासन के समय तुर्क मुस्लिम शासक मोहम्मद गजनवी ने मंदिर पर हमला किया था. सैयद सालार मसूद गाजी उसी मोहम्मद गजनवी का भांजा और सेनापति था.

उसके आतंक का ये हाल था कि मंदिर लूटे. हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन कराया. रास्ते में आई रियासतें खत्म करते हुए आगे बढ़ता गया और कत्लेआम मचाया. सैयद सालार ने सबसे बड़ा हमला सोमनाथ मंदिर काठियावाड़ पर किया. 1026 ई. में हुआ हमला हिंदुओं की आस्था पर सबसे बड़ी चोट था.

किसने हराया युद्ध में ?
सैयद सालार हिन्दुस्तान में हमले करते 1033 ई. में उत्तर प्रदेश के बहराइच पहुंचा. उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में उसने राजाओं को ललकारा और लूट मचाई. सैयद सालार का सामना श्रावस्ती के महाराजा सुहेलदेव राजभर से हुआ. उन्होंने तब के 21 राजाओं के साथ मिलकर संयुक्त सेना बनाई.

सैयद सालार और राजाओं की संयुक्त सेना में भीषण युद्ध हुआ. महाराजा सुहेलदेव ने सालार को करारी हार दी. युद्ध में हार के साथ उसे जान भी गंवानी पड़ी.

बहराइच में है कब्र
जंग में मौत के बाद उसकी सेना ने बहराइच में ही उसे दफनाया. यहीं सैयद सालार मसूद गाजी की कब्र है. दिल्ली के मुस्लिम सुल्तानों के शासन में उसकी कब्र दरगाह बना दी गई. बाद में मेला लगने लगा. जिसको लेकर कई बार विवाद हो चुका है.

लोकसभा चुनाव में भी सैयद सालार मसूद गाजी की कब्र का मुद्दा उठा था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में सैयद सालार को सोमनाथ मंदिर का सबसे बड़ा दोषी बताने के साथ कहा था बहराइच की जमीन पर जो हाल उसका हुआ था, आतंकवाद, भ्रष्टाचार और माफियावाद फैलाने वाले का भी वही हश्र होगा.

क्या है नेजा मेला?
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में सैयद सालार मसूद गाजी की याद में नेजा मेला का आयोजन होता है. यह मेला होली के बाद लगाया जाता है. इस मेले के लिए 18 मार्च झंडा गाड़ने की योजना थी. मेला कमेटी ने 25, 26 और 27 मार्च को मेला लगाने का ऐलान किया था. फिलहाल इस पर ब्रेक लगा दिया गया है.

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *