सदन के अनूठे सदाबहार कवि रामदास अठावले
आडवाणी तो आप से भी हैं बहुत चालू… सांसद जिसने अटल को हंसाया, मोदी भी सुनकर ठहाके लगाते हैं
रामदास अठावले का राजनीति का लंबा करियर रहा है। उन्होंने कई सरकारें देखी हैं। उनका हिस्सा भी रहे हैं। महाराष्ट्र के वह कद्दावर दलित नेता हैं। लेकिन, उनकी पहचान एक और कारण से भी है। वे हैं कविताएं। अपनी कविताओं से वह सदन के माहौल को हल्का कर देते हैं।
रामदास अठावले की कविताएं
मुख्य बिंदु
*महाराष्ट्र के कद्दावर दलित नेता हैं रामदास अठावले जो
अपनी कविताओं से विरोधियों को धो डालते हैं
*अटल और आडवाणी को भी बना चुके हैं शिकार
*कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा नीत मोर्चे का हिस्सा
नई दिल्ली 20 जुलाई: रामदास अठावले महाराष्ट्र के कद्दावर दलित नेता हैं। वह रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के प्रमुख हैं। उनके भाषण हास्य और कविताओं से भरपूर होते हैं। इन कविताओं ने उनकी अलग पहचान बनाई है। अपने लंबे राजनीतिक करियर में अठावले ने इन कविताओं से बड़े-बड़े नेताओं पर चुटकी ली। अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवानी से लेकर लालू प्रसाद यादव और राहुल गांधी तक उन्होंने किसी को नहीं छोड़ा। अठावले की कविताओं की धारा समय के साथ बदलती रही है। जब वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में नहीं थे तब भाजपा और उसके नेताओं पर अपनी कविताओं से व्यंग्य करते थे। फिर जब वह एनडीए में आ गए तो उनके निशाने पर कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाला गठबंधन आ गया। यह और बात है कि सदन के बाहर या अंदर कभी उनकी कविताओं से किसी का दिल नहीं दुखा। अलबत्ता, इसने हमेशा सदन के तल्ख माहौल हल्का किया। उनकी कविताओं की खास बात होती है सहजता। ये अमूमन चार-पंक्ति वाले दोहों के रूप में होती हैं। अठावले स्थितियों के अनुसार तुरत-फुरत कविताएं बना लेते हैं। यह उनकी बहुत बड़ी खूबी है। अपने प्रतिद्वंद्वियों का मजाक उड़ाने से लेकर किसी समसामयिक विषय पर चर्चा करने तक वह इन कविताओं का इस्तेमाल करते हैं। आइए, यहां जानते हैं कि कैसे उनकी कविताओं का विनोद समय-समय के साथ बदला और विरोधियों के अनुसार रंग ले लिया।
जब एनडी में नहीं थे रामदास
रामदास अठावले जब एनडीए में नहीं थे तो अपनी कविताओं से वह भाजपा और उसके सहयोगी दलों को निशाने पर लेते थे। जब एक दौर में अटल जी की सरकार गिरने वाली थी तब उन्होंने सदन में एक कविता सुनाई थी। इसे सुनकर पूरा सदन हंसी से लोटपोट हो गया था। यह बात 2003 की है। अटल सरकार को गिराने के लिए सोनिया गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। उस पर चर्चा चल रही थी। वोटिंग बाकी थी। तभी रामदास अठावले अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में बोलने के लिए खड़े हुए। तब वह कांग्रेस के साथ और भाजपा के खिलाफ थे। यह कविता इस तरह थी…
अटल जी आपका नजदीक आया है जाने का वक्त,
क्योंकि NDA के कुछ लोग बन रहे हमारे भक्त।
अब हमारा एक ही लक्ष्य है NDA को सत्ता से हटाना,
हमारा दूसरा लक्ष्य है सोनिया गांधीजी, चंद्रशेखर जी मुलायम जी लालू जी (सारे विपक्षी नेताओं के नाम लेते हुए) को सत्ता में बिठाना।
अटलजी की सरकार बहुत है चालू
अध्यक्ष महोदय ये सरकार के विरुद्ध मैं क्या क्या बोलूं।
अटलजी आपके पास होगा डीएमके का बालू
मगर हमारे पास है मजबूत आरजेडी का लालू।
आपके राज में गरीबों को नहीं मिल रहा है आलू
ये सरकार के खिलाफ बोलना मैं कैसे टालूं।
देश को बचाने की जिम्मेदारी मैं किस पर डालूं
आडवाणी तो आप से भी हैं बहुत चालू।
एनडीए में शामिल होने के बाद बदली कविताओं की धार
बाद में रामदास अठावले ने कांग्रेस-एनसीपी से अपना गठबंधन तोड़ दिया। 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल हो गए। एनडीए में शामिल होते ही उनके दोहों और कविताओं की धार और धारा भी बदल गई। जो रामदास अपने दोहों और कविताओं से अब तक भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं को छलनी किया करते थे। वही, कांग्रेस पर निधाना साधने लगे। यहां उनकी कुछ कविताओं और दोहों के उदाहरण हैं जिनके जरिये उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधा।
1. देश में चल रही हैं नरेंद्र मोदी की आंधी,
उसमें उड़ जाएंगे सभी गांधी।
2. कांग्रेस वालों जितनी बढ़ानी हो दाढ़ी बढ़ाओ,
लेकिन, मोदी जी बहुत मजबूत है बॉडी।
मोदी जी को मालूम है देश की नाड़ी,
फिर कैसे चलेगी उनके सामने तुम्हारी गाड़ी।
मोदी जो आदमी है खास,
इसलिए उनके साथ है रामदास।
मोदी जी को है विकास की आस,
इसलिए राजनीति में वो हो गए हैं पास।
3. बयान देने वाला विपक्षी दल हमेशा करता है मोदी सरकार की निंदा,
ये तो है उनका हमेशा का धंधा।
मोदी जी है बहुत मजबूत बंदा
लेकिन, विपक्ष हो गया है अंधा।
वेंकैया नायडू की विदाई पर
4. आपने मुझे मौका दिया हर बार,
इसलिए मैं करता रहा कांग्रेस पर वार।
आप कभी नहीं मानने वाले हैं हार,
इसलिए आप आइए फिर एक बार।
जो आते थे बार-बार वेल,
उनको सस्पेंड करके आपने बंद कर दिया था खेल।
Ramdas Athawale Peoms Mp Who Made Atal Bihari Vajpayee Laugh Helping Pm Modi Laugh Too