साजिया बन गई शारदा,मयूर से विवाह
khandwaLove Marriage She Broke The Wall Of Religion For Her Lover, Wore A Red Saree, Got Her Hair Parted, Got Married In Front Of The Family Left Islam
प्रेमी के लिए तोड़ दी धर्म की दीवार, लाल जोड़ा पहना, मांग भरवाई, परिवार के सामने हुई शादी, इस्लाम छोड़ शारदा बन गई साजिया
खंडवा जिले में एक बार फिर से धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। यहां एक युवती ने प्रेमी से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म को छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया और फिर शादी की।
Reported by: हरेंद्र नाथ ठाकुर
खंडवा: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में धर्म परिवर्तन का एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक मुस्लिम युवती ने अपने प्रेमी से शादी करने के लिए अपना धर्म बदल लिया और मंदिर में शादी की। दोनों की लंबे समय से एक दूसरे को जानते थे। खरगोन जिले के रहने वाले हिंदू युवक मयूर और खंडवा की रहने वाली मुस्लिम युवती साजिया का लव अफेयर चल रहा था। साजिया और मयूर की दोस्ती काफी पुरानी थी। हालांकि, उनके रिश्ते के बीच सबसे बड़ी बाधा उनका धर्म था। मयूर हिंदू परिवार से था जबकि साजिया मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखती थी।
लव मैरिज
ऐसे में दोनों के शादी करने का फैसला आसान नहीं थी। लेकिन प्रेम के आगे धर्म की दीवारें टिक न सकीं। साजिया ने मयूर को अपना जीवनसाथी बनाने के लिए इस्लाम धर्म को छोड़ने का फैसला किया। उसने इस्लाम धर्म को छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया और अपने प्रेमी से शादी की। उसने अपना नाम भी बदल लिया। वह साजिया से शारदा बन गई।
शिव मंदिर में की शादी
दोनों ने खंडवा के महादेवगढ़ स्थित मंदिर में विधिवत पूजा-पाठ और वैदिक रीति-रिवाजों के साथ शादी की। विवाह के समय साजिया ने हिंदू रीति के अनुसार लाल जोड़ा पहना और मंगलसूत्र पहना और मांग में सिंदूर भरकर सात फेर लिए। विवाह में मयूर के परिजनों और मंदिर के पुजारियों ने दंपत्ति को आशीर्वाद दिया।
क्या कहा दोनों ने
साजिया से शारदा बनी नवविवाहिता ने कहा, “मैंने यह निर्णय पूरी तरह से अपनी इच्छा से लिया है। मयूर से मेरी पुरानी दोस्ती थी, जो अब रिश्ते में बदल गई। धर्म के कारण हमारे रिश्ते में बाधा थी, लेकिन मैं मानती हूं कि जीवनसाथी का चुनाव अपनी खुशी से करना चाहिए। मैंने सनातन धर्म अपनाकर खुद को संतोषी माता के चरणों में समर्पित किया है।” वहीं, मयूर ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह और शारदा अब सामाजिक और धार्मिक रूप से एक-दूसरे के जीवनसाथी बन गए हैं। उन्होंने मंदिर प्रबंधन और परिवार का आभार जताया कि उन्होंने इस निर्णय में उनका साथ दिया।
क्या कहा मंदिर के प्रबंधक ने
महादेवगढ़ मंदिर संचालक अशोक पालीवाल ने बताया कि धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी तरह से कानूनी तरीके से की गई। यहां आने वाले हर व्यक्ति को पहले पूरी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं, उसके बाद ही उन्हें सनातन धर्म में प्रवेश दिलाया जाता है। पालीवाल ने कहा, “मंदिर का दरवाजा चौबीसों घंटे खुला है। जो भी सनातन में आना चाहता है, उसका स्वागत है, लेकिन यह काम पूरी तरह कानून के दायरे में रहकर किया जाता है।”
किसी पर नहीं डाला जाता प्रेशर
उन्होंने बताया कि महादेवगढ़ में आने वालों से पहले लिखित सहमति ली जाती है, फिर शपथ-पत्र बनवाया जाता है और आवश्यक दस्तावेज तैयार करने के बाद धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। इस दौरान न तो किसी पर दबाव डाला जाता है और न ही कोई लालच दिया जाता है।
एक सप्ताह के भीतर तीसरी घटना
जिले में धर्म परिवर्तन की लेकर यह बीते सात दिनों में तीसरी घटना है। इससे पहले भी एक मुस्लिम युवती ने सनातन धर्म अपनाकर हिंदू रीति से विवाह किया था। इन मामलों ने शहर में चर्चा का माहौल बना दिया है।
