सात जनों की मौत और 42 घायल करने वाले बेस्ट ई-बस चालक को नहीं था अनुभव

7 लोगों की मौत, 50 गाड़ियों को रौंदा, नहीं था ड्राइविंग का अनुभव : मुंबई बेस्ट बस दुर्घटना पर बोली पुलिस कि चालक के अनुसार उसने इलेक्ट्रिक बस चलाने को ली केवल 10 दिन की ट्रेनिंग 

मुंबई 22 दिसंबर 2024.देश की आर्थिक राजधानी के कुर्ला इलाके में सात लोगों को कुचलने वाली बेस्ट बस के चालक को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चलाने का कोई अनुभव नहीं था. पुलिस ने आज यह दावा किया. पुलिस ने बताया कि इस मामले में बस चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा लिखा गया है. उसे अदालत लाया गया जहां से उसे 21 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

पुलिस ने बताया कि चालक ने बताया कि उसने इलेक्ट्रिक बस चलाने को केवल दस दिन का प्रशिक्षण लिया था. कुर्ला के एसजी बर्वे मार्ग पर सोमवार रात हुई दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई और 42 अन्य घायल हो गए, 22 वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए.

बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) उपक्रम ने मुंबई के कुर्ला इलाके में हुए बस दुर्घटना जांच को एक समिति गठित की.  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने मांग की है कि सरकार ‘वेट-लीज मॉडल’ की समीक्षा करे जिसमें बसों को चालक सहित निजी ठेकेदारों से किराये पर लिया जाता है.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपित बस चालक संजय मोरे (54 वर्ष) को पहले हिरासत में लिया गया और बाद में भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) तथा मोटर वाहन अधिनियम संबंधित धाराओं में गिरफ्तार कर लिया गया.

उन्होंने बताया कि मोरे को मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 21 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेजा गया.

पुलिस के मुताबिक भीड़भाड़ वाले कुर्ला (पश्चिम) इलाके में सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे चालक के नियंत्रण खो देने से बस ने कई वाहनों और पैदल यात्रियों को टक्कर मार दी. एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ ने मोरे ने पुलिस को बताया कि वह एक दिसंबर से बेस्ट की इलेक्ट्रिक बस चला रहा था और उससे पहले वह मिनी बस चलाता था.

अधिकारी के मुताबिक मोरे ने यह भी दावा किया कि उसने इलेक्ट्रिक बस चलाने को केवल 10 दिनों का प्रशिक्षण लिया है और सोमवार रात अनुभव नहीं होने से बस नियंत्रित नहीं कर सका.

उन्होंने बताया कि पूछताछ में पुलिस ने पाया कि मोरे मानसिक रूप से सचेत था तथा प्राथमिक चिकित्सा रिपोर्ट के मुताबिक वह दुर्घटना के समय शराब के नशे में नहीं था.

इस बीच, हैदराबाद स्थित ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक  निर्मित 12 मीटर लंबी बस की फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञों और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों ने जांच कर पता लगाने की कोशिश की कि क्या इसमें कोई यांत्रिक खराबी थी, जिससे यह दुर्घटना हुई. एक अधिकारी ने बताया कि घायलों का भाभा अस्पताल, सायन अस्पताल और सेवन हिल्स अस्पताल समेत विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है, उनमें से कुछ की हालत गंभीर है.

उनके अनुसार घायलों में चार पुलिसकर्मी भी हैं, जो इस दुर्घटना के समय ड्यूटी पर थे. उनकी हालत स्थिर है. अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने दुर्घटना के तुरंत बाद बस चालक संजय मोरे को पकड़ लिया । बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया.

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कुछ लोगों ने बस परिचालक को चालक समझ उसकी पिटाई कर दी. बेस्ट ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मुख्य प्रबंधक (परिवहन) रमेश मडावी की अध्यक्षता वाली एक समिति दुर्घटना की जांच करेगी.

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएससी) संचालित बेस्ट ने एक विज्ञप्ति में बताया कि मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. जबकि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने मृतक परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए देने के अलावा घायलों का उपचार सरकारी खर्च पर कराने की घोषणा की है।

इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने बेस्ट के महाप्रबंधक अनिल दिग्गीकर से मुलाकात कर मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार से दो लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने की मांग की.

प्रतिनिधिमंडल ने इस दुर्घटना को 2018 से 2021 के बीच ‘वेट लीज मॉडल’ पर बसों को किराए पर लेने का परिणाम भी बताया . इस मॉडल में निजी ठेकेदार बस और चालक देता है और उनका रखरखाव भी करता है. भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने इसकी समीक्षा की मांग की.

 

 

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