सिल्क्यारा सुरंग बचाव अभियान लक्ष्य से नौ मीटर दूर
Silkyara Tunnel Rescue Live: सुरंग से आ सकती है गुड न्यूज, ऑगर मशीन की दिक्कत सुलझी, NDRF ने की मॉक ड्रिल, जल्द बाहर आएंगे मजदूर
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा होने में अभी और वक्त लग सकता है
सुरंग हादसा : ऑगर मशीन के प्लेटफॉर्म को ठीक किया गया, शीघ्र शुरू होगी ड्रिलिंग
उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में बचाव अभियान के दौरान आई बाधा को दूर कर लिया गया है जिसके बाद मलबे में फिर से जल्द ही ड्रिलिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा ताकि पिछले 12 दिन से अंदर फंसे श्रमिकों को बाहर निकाला जा सके. एक अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार देर रात ऑगर मशीन के नीचे बने प्लेटफार्म में दिख रही दरारों को ठीक कर लिया गया है.
मुख्यमंत्री धामी बोले- मैं मालती से ही कर रहा काम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- सिलक्यारा (उत्तरकाशी) में निर्माणाधीन सुरंग में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग करने के साथ ही मालती में स्थापित अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से सभी सरकारी कामकाज संचालित कर रहा हूँ. बचाव अभियान गतिमान है और जल्द ही सारी बाधाओं को पार कर सभी श्रमिक भाइयों को सकुशल बाहर निकालने हेतु हम सभी प्रयासरत हैं.
अंदर नहाने की भी सुविधा- फंसे हुए मजदूर के परिजन
फंसे हुए श्रमिक के भाई, हरिद्वार शर्मा ने कहा कि, “मेरा छोटा भाई, सुशील शर्मा, अंदर है. आज सुबह लगभग 8 बजे मेरी उससे बात हुई.अंदर सभी लोग ठीक हैं, और सुविधाएं हैं. मैंने उससे पूछा कि क्या उन्हें कोई कठिनाई हो रही थी, और उन्होंने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है. वे सभी बस जल्द ही बाहर आने की उम्मीद कर रहे हैं. वहां सब कुछ है. नहाने की भी सुविधा है.मैंने कहा कि आप जरूर बाहर निकलेंगे.”
डेढ़ इंच का पाइप बना था राह में रोड़ा
कल ऑगर मशीन के रास्ते में पाइप रूफिंग का ये पाइप रास्ते में आ गया था जिसके चलते काम रोकना पड़ा था… 1.5 इंच का लोहे का पाइप था जिसे टनल में पाइप रूफिंग के लिए इस्तेमाल करते हैं.इसे अब निकल लिया गया है.
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह सिल्कयारा सुरंग पहुंचे
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे जहां फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है.
आज शाम तक बड़ी खबर मिलने की उम्मीद- भास्कर खुल्बे
PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर कुल्बे ने कहा कि टनल के भीतर जियो मैपिंग कैमरे के जो रिज़ल्ट आये है उसके मुताबिक़ जहां तक ड्रिल हुई है उसके आगे 5 मीटर तक कोई लोहा या स्टील का स्ट्रक्चर नहीं है यानि कुछ देर बाद जब ड्रिल का काम शुरू होगा तो 5 मीटर आगे तक पाइप आसानी से फ़िट किया जा सकेगा. उसके बाद फिर आगे की स्थिति मैपिंग के ज़रिये देखी जायेगी. यानि आज शाम तक बड़ी खबर मिलने की उम्मीद है. इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार के सलाहकार और टनल रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े अधिकार भास्कर कुल्बे ने बताया कि कल ड्रिलिंग के वक्त पाइप के आगे का हिस्सा कट गया था जिसके बाद 48 मीटर तक जो पाइप चला गया था वो अब 46 मीटर के आसपास रह गया है. अब जल्द ही ड्रिलिंग शुरू करने की तैयारी है.
फंसे हुए श्रमिकों को पहियेदार स्ट्रेचर से बाहर निकाले जाने की योजना है: एनडीआरएफ
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में बचाव अभियान के दौरान यदि पाइप मलबे की वजह से टूट जाता है तो राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) कर्मियों की योजना रस्सियों से बंधे पहियेदार स्ट्रेचर की मदद से फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने की है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा कि बल के कर्मी निकासी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
अगले 5 मीटर तक कोई अवरोध नहीं- भास्कर खुल्बे
पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि , ”स्थिति अब काफी बेहतर है. कल रात हमें दो चीजों पर काम करना था. पहला, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म को नया रूप देना था. पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार का काम किया था , जिससे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई अवरोध नहीं है. इसका मतलब है कि हमारी ड्रिलिंग सुचारू होनी चाहिए. जब हम मलबा निकाल रहे थे, तो हमें दो टूटे हुए पाइप मिले.”
7-9 मीटर की ड्रिलिंग बची
DRDO की यह मशीन स्कैनिंग के जरिए अगले 20 मीटर तक की स्थिति बताएगी. DRDO की स्कैनिंग रिपोर्ट के बाद ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. अधिकारियों ने ऑगर मशीन में किसी भी तकनीकी खराबी से इनकार किया. अधिकारियों ने यह भी बताया कि अब लक्ष्य तक़रीबन 7 से 9 मीटर दूर है. अधिकारियों ने कहा कि उम्मीद है कि आज हम रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर पाएंगे.
ऑगर मशीन में आ रही दिक्कत अब ठीक
उत्तरकाशी टनल में ड्रिलिंग कर रही अमेरिकन ऑगर मशीन जिस प्लेटफार्म पर चल कर काम करती है, उसमें आई दिक्कत को फिर से ठीक कर लिया गया है. अब प्लेटफार्म पर अमेरिकन ऑगर मशीन आसानी से चल पाएगी. अधिकारियों ने बताया कि डीआरडीओ (DRDO) की टीम आज सबसे पहले 48 मीटर से (जहां तक पाइपलाइन डाली जा चुकी है) आगे की स्थिति एक खास इक्विपमेंट जिसे मैपिंग कैमरा कहा जा सकता है, उसकी मदद से स्कैनिंग के जरिए देखने की कोशिश करेगी कि आगे ड्रिलिंग शुरू करने में कोई दिक्कत तो नहीं है.
उत्तरकाशी में बनाए गए अस्थायी सीएम कैंप कार्यालय में मौजूद
उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी में बनाए गए अस्थायी सीएम कैंप कार्यालय में मौजूद हैं. वहां से सीएम उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर स्थित सिल्कयारा टनल में भूस्खलन के कारण टनल के अंदर फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए चल रहे राहत एवं बचाव कार्य की लगातार निगरानी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री मौके पर मौजूद अधिकारियों से भी संपर्क में हैं और उन्हें समय-समय पर निर्देशित भी कर रहे हैं.
टनल के अंदर ड्रोन तकनीकी का इस्तेमाल भी करने की योजना
अब टनल के अंदर ड्रोन तकनीकी का इस्तेमाल भी करने की योजना है जिसके पता चल सके की टनल के अंदर रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान किस तरह की दिक्क़तें आ सकती हैं उसका आकलन पहले से करने की कोशिश की जाएगी. इस दौरान टनल में फंसे मजदूरों से लगातार बातचीत की जा रही है और उनकी जरूरत का सामान उन तक पहुंचा जा रहा है
पिछले करीब 15 से 16 घंटे से नहीं हो सका ड्रिलिंग का काम
पूरी रात चलता रहा मशीन में आइ दिक्कत को दूर करने का काम. दिक्कत के चलते पिछले करीब15 से 16 घंटे से नहीं हो सका ड्रिलिंग का काम. कल दोपहर करीब 1 बजे ऑगर मशीन में सामने आई थी तकनीकी दिक्कत जिसके बाद उसको सही करने की कोशिश जारी है.
मजदूरों को बाहर निकालने के लिए हाई टेक्नीक ड्रोन का इस्तेमाल
बचाव अभियान में इस्तेमाल की जा रही ड्रोन तकनीक पर स्क्वाड्रन इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ सिरिएक जोसेफ ने बताया, ‘यह (ड्रोन) नई टेक्नीक वाला है, जो सुरंग के अंदर और बाकी दुर्गम जगहों पर भी जा सकता है. इस ड्रोन से लाइव स्ट्रीम भी किया जा सकता है. इसकी मदद से हम पल-पल की नजर बनाए हुए हैं, अगर हल्की हलचल भी हो जाती है तो हमें पता लग जाएगा.’
फंसे मजदूरों के लिए दूध और पतली खिचड़ी की जा रही पैक
उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों के लिए गुरुवार सुबह दूध और खिचड़ी को बोतलों में पैक किया जा रहा है, ताकि पाइप के रास्ते सुरंग में भेजा जा सके.
ड्रिलिंग कार्य रोक दिया गया
ऑगर ड्रिलिंग मशीन में तकनीकी खराबी आने के बाद ड्रिलिंग कार्य रोक दिया गया. अब तक, बचावकर्मी सिल्कयारा सुरंग में 46.8 मीटर तक ड्रिल कर चुके है.
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