सेना और पूर्व सैनिकों के सम्मान से पड़ता है अंतर:CDS अनिल चौहान
Cds General Anil Chauhan Urging Veterans To Promote Positive Narratives About Armed Forces On Social Media
तो आर्म्ड फोर्सेज का अपमान ना हो… सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सीडीएस अनिल चौहान पूर्व सैनिकों को क्यों दी ये सलाह
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान शनिवार को उत्तराखंड के देहरादून में थे। यहां उन्होंने जसवंत सिंह ग्राउंड, गढ़ी कैंट, देहरादून में ‘देवभूमि मेगा वेटरन्स रैली’ में हिस्सा लिया।
नई दिल्ली 11 अक्टूबर 2025 : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने उत्तराखंड के देहरादून के गढ़ी कैंट में पूर्व सैनिकों के लिए एक मेगा रैली को संबोधित किया। रैली में जनरल चौहान ने पूर्व सैन्य कर्मियों से सोशल मीडिया पर सशस्त्र बलों के बारे में सकारात्मक बातों को बढ़ावा देने का आग्रह किया। मुख्यालय उत्तराखंड सब एरिया की तरफ से 11 अक्टूबर को जसवंत सिंह ग्राउंड, गढ़ी कैंट, देहरादून में “देवभूमि मेगा वेटरन्स रैली” का आयोजन बड़े उत्साह और देशभक्ति की भावना के साथ किया गया।
cds anil chauhan
सशस्त्र बलों का रखें ध्यान
रणनीतिक सोच की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि जब भी आप सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त करें, तो ऐसी कोई पोस्ट न करें जिससे सशस्त्र बलों का अपमान हो। हमारे देश में रणनीतिक सोच का अभाव है और यदि पूर्व सैनिक इस दिशा में अपनी भूमिका निभाएं, तो वे देश के लिए मददगार साबित होंगे। पूर्व सैनिकों के कल्याण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जनरल चौहान ने कहा, “सशस्त्र बलों में शामिल होने वाले सैनिकों की अगली पीढ़ी की गुणवत्ता सीधे तौर पर इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपने पूर्व सैनिकों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं।
वेटरन सेल शुरू करने का किया जिक्र
उन्होंने कहा कि 2013 में, मैंने वेटरन सेल की शुरुआत की थी। इसे अब भारतीय सेना के वेटरन्स निदेशालय (डीआईएवी) के रूप में जाना जाता है। जनरल चौहान ने उत्तराखंड की आध्यात्मिकता और सैन्य विरासत के अनूठे मिश्रण की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि “देवभूमि, एक ऐसी भूमि हैं जहां अध्यात्म और साहस का संगम होता है। उन्होंने इसे पवित्र स्थलों और गौरवशाली सैन्य विरासत का घर”
जनरल चौहान ने सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख जैसे सीमावर्ती राज्यों में सफल कार्यक्रमों के आधार पर एक नई आर्थिक पहल की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हम उत्तराखंड में डेयरी, पशुपालन उत्पादों की आपूर्ति के लिए एक कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं। साथ ही, निकट भविष्य में स्थानीय सहकारी समितियों से बातचीत के माध्यम से ताजा राशन भी प्राप्त करेंगे। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
सीडीएस अनिल चौहान ने चेताया, आखिर क्यों कहा? ‘चीन सीमा पर चौकन्ना रहना बेहद जरूरी’
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने उत्तराखंड में चीन सीमा पर चौकन्ना रहने की आवश्यकता बताई। उन्होंने एलएसी के पास अग्रिम क्षेत्रों का दौरा कर सैनिकों की तैयारियों का जायजा लिया। जनरल चौहान ने सैन्य अधिकारियों से संवाद कर उन्हें हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा और सीमा पर कड़ी निगरानी रखने का महत्व बताया।
चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान।
- चीन सीमा पर चौकन्ना रहने की जरूरत
- एलएसी के पास सुरक्षा तैयारियों का जायजा
- सैन्य अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश
चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि उत्तराखंड की सीमाएं भले शांत हैं, लेकिन चीन सीमा को लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी है। भारत और चीन के बीच कुछ सीमा क्षेत्रों को लेकर मतभेद हैं और उत्तराखंड के बाड़ाहोती क्षेत्र में भी पूर्व में ऐसी स्थितियां देखने को मिली हैं। इसलिए सीमा की निगरानी और सतर्कता में किसी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों के लोग देश की सीमा पर सजग प्रहरी की तरह हैं।
देहरादून के गढ़ी कैंट में आयोजित देवभूमि मेगा एक्स सर्विसमेन रैली में सीडीएस ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा केवल सेना की ही नहीं, बल्कि सीमांत गांवों की भी साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का गौरवशाली इतिहास रहा है, यहां के लोगों ने हमेशा सीमाओं की रक्षा में अपना योगदान दिया है। जनरल चौहान ने कहा कि उन्हें हिंदी फिल्म ‘आंखें’ का गीत “उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता, जिस मुल्क की सरहद की निगहबान हैं आंखें” बेहद प्रिय है, क्योंकि यह हमारे सैनिकों और सीमांत ग्रामीणों की सतर्कता का प्रतीक है।
जनरल चौहान ने कहा कि भारतीय सशस्त्र सेनाएं तेजी से आधुनिक युद्ध प्रणाली और तकनीक की ओर बढ़ रही हैं। भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, लेकिन अपनी संप्रभुता पर किसी भी प्रकार का खतरा सहन नहीं करेगा। उन्होंने पूर्व सैनिकों को राष्ट्र की सीमाओं की “सतर्क आंखें” बताते हुए उनके निस्वार्थ सेवा भाव की सराहना की और युवाओं से उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया।