सोनम वांगचुक
सॉलिसिटर जनरल ज्यादा टेक्निकल मत बनिए…सोनम वांगचुक केस में क्यों बोले जज साहब, सिब्बल-SG में जोरदार बहस
अनुराग मिश्र Oct 06, 2025, 13:33 PM
Sonam Wangchuk Supreme Court: सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी की वजह क्या है, इस पर सुप्रीम कोर्ट में जोरदार बहस चली. कपिल सिब्बल ने कहा कि पत्नी को जानकारी नहीं दी गई. सरकार की तरफ से एसजी तुषार मेहता ने कहा कि नया ग्राउंड बना रहे हैं.. सब माहौल बनाया जा रहा है. दवा का मुद्दा उठा तो एसजी बोले- वो कोई दवा नहीं ले रहे.
जब से लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया गया है, कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. एक तबका गलत साबित करने पर तुला है तो दूसरा सही. सोनम की पत्नी गीतांजलि ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (habeas corpus petition) दाखिल की जिस पर 6 अक्टूबर को सुनवाई हुई. सोनम इस समय जोधपुर जेल में बंद हैं. उन्हें लद्दाख में हिंसा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है. जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ के समक्ष वांगचुक की पत्नी की तरफ से कपिल सिब्बल और सरकार का पक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने रखा. एक समय ऐसा आया जब सुप्रीम कोर्ट के जज को कहना पड़ा कि एसजी इतना टेक्निकल मत होइए.
सीनियर वकील कपिल सिब्बल- हिरासत के आधार नहीं बताए गए हैं.
SG तुषार मेहता- सभी आधार बताए गए हैं.
सिब्बल- परिवार के सदस्यों के लिए उपलब्ध कराना चाहिए था.
एसजी- हम सब रिकॉर्ड पर रखेंगे. याचिकाकर्ता (पत्नी) को उनसे मिलने की अनुमति दी जा रही है.
एसजी- इसे तूल नहीं देना चाहिए. किसी को भी रोका नहीं जा रहा है.
जस्टिस कुमार- आप क्या चाहते हैं?
सिब्बल- हमें बस गिरफ्तारी का आधार चाहिए?
जस्टिस कुमार- सॉलिसिटर साहब, आप डिटेंशन ऑर्डर क्यों रोकना चाहते हैं?
एसजी मेहता- मैं नहीं चाहता कि वे कोई अलग आधार बनाएं.
जस्टिस कुमार- नजरबंदी का आधार बताने में क्या दिक्कत है?
मेहता- वे एक नया आधार बना रहे हैं.
आदेश- सॉलिसिटर जनरल उनकी (सोनम वांगचुक) पत्नी को डिटेंशन के ग्राउंड वाली प्रति देने की जांच करेंगे, जो पहले ही बंदी को दी जा चुकी है.
मेहता- माईलॉर्ड्स इसे रिकॉर्ड पर नहीं ले सकते.
जस्टिस कुमार- कृपया हमें बताइए कि आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए? यहां क्यों आए?
सिब्बल- कौन सा हाई कोर्ट?
जस्टिस कुमार- आप तय करें… हम इस पर मंगलवार को विचार करेंगे क्योंकि सोमवार को हम अलग कॉम्बिनेशन में हैं.
सिब्बल- जब तक आप यह नहीं कहते कि इसे तुरंत उपलब्ध कराया जाना चाहिए, यह चुनौती का आधार बन जाएगा.
जस्टिस कुमार- आप क्या चाहते हैं?
सिब्बल- तीन प्रार्थनाएं हैं, कृपया देखिए. प्रेयर बी, सी, डी और जी. कृपया तत्काल कार्रवाई का निर्देश दीजिए और प्रतिवादी को निर्देश दें कि उन्हें दवा दी जाए क्योंकि वह उपवास कर रहे थे.
मेहता- मैंने निर्देश दिए हैं, उन्हें चिकित्सा अधिकारी के सामने पेश किया गया और उन्होंने बयान दिया है कि वह कोई दवा नहीं ले रहे हैं. यह केवल प्रचार है जो गढ़ा गया है.
आदेश- चिकित्सा अधिकारी जेल चिकित्सा नियमों के अनुसार चिकित्सकीय हस्तक्षेप सुनिश्चित करें.
एसजी मेहता- इससे ऐसा लग रहा है कि उन्हें चिकित्सकीय सहायता और हर चीज से वंचित रखा जा रहा है.
सिब्बल- एसएचओ ने खुद उनकी पत्नी से कहा था कि सोनम को एनएसए में हिरासत में लिया गया है और संबंधित अधिकारी उनकी पत्नी से संपर्क करेंगे. 10 दिन बीत गए, ऐसा नहीं हुआ.
जस्टिस कुमार- क्या आपने मीटिंग के लिए कहा था?
सिब्बल- पिछले शुक्रवार को उन्होंने (सोनम की पत्नी) पूछा था. क्या समस्या है?
जस्टिस कुमार- जाइए और पूछ लीजिए.
मेहता- मैं खुद सुनिश्चित करूगा, यह सिर्फ माहौल बनाने के लिए है.
जस्टिस कुमार- आप सभी अनुभवी वकील हैं, ये सब मत कीजिए.
सिब्बल- मैं इससे दूर रहता हूं लेकिन मेरे विद्वान मित्र मुझे उकसाते हैं.
जस्टिस कुमार- हम इस पर बात करेंगे.
मेहता- मैं समझ गया हूं, क्या हो रहा है.
आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने सोनम वांगचुक की हिरासत के खिलाफ अर्जी पर केंद्र को नोटिस जारी किया है.