स्टार्टअप्स पर पियूष गोयल का व्यंग्य,मोहनदास पाई ने दिखा दिया दर्पण
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चीन के मुकाबले चवन्नी भी नहीं… स्टार्टअप को लेकर पीयूष गोयल निशाने पर, पाई ने पूछा- आपने मदद को क्या किया?
कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कल यानी गुरुवार को ‘स्टार्टअप महाकुंभ’ में स्टार्टअप्स को लेकर कई बातें रखी थीं। इसमें उन्होंने भारत और चीन के डीप टेक स्टार्टअप्स को लेकर भी कहा था। इस बयान के कारण पीयूष गोयल निशाने पर आ गए हैं। उनसे इंफोसिस के पूर्व CFO मोहनदास पाई ने कई सवाल पूछ लिए हैं।
पीयूष गोयल के बयान पर शुरू हुई बहस, उद्यमियों ने उठाए सवाल
मोहनदास पाई ने स्टार्टअप्स के लिए पूंजी की कमी की बात कही
भारतीय स्टार्टअप्स को चीन की तुलना में कम निवेश मिलने की चिंता
स्टार्टअप पर टिप्पणी को लेकर पीयूष गोयल निशाने पर
नई दिल्ली06 अप्रैल2025: स्टार्टअप महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो गई है। इस बार यह इसका दूसरा संस्करण है। कल यानी गुरुवार को केंद्रीय कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने इसका उद्घाटन किया था। इस दौरान उन्होंने स्टार्टअप को लेकर एक ऐसा बयान दिया, जिस पर बहस छिड़ गई है। इस बयान को लेकर पीयूष गोयल कई उद्यमियों के निशाने पर आ गए हैं।
इस मामले में इंफोसिस के पूर्व CFO मोहनदास पाई ने भी अपनी राय रखी है। उन्होंने मंत्री से कहा कि वे स्टार्टअप्स की समस्याओं को दूर करें। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अपने इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए पर्याप्त मौके नहीं मिलते। उन्होंने स्टार्टअप के लिए भारत को चीन को मिली रकम के बारे में भी सवाल किया है। भारत को चीन के मुकाबले चौथाई रकम भी नहीं मिली है।
क्या कहा पाई ने?
मोहनदास पाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है, ‘मंत्री @PiyushGoyal, भारत में चिप डिजाइन, IOT, रोबोटिक्स, EV चार्जिंग, BMS में बहुत सारे छोटे डीप टेक स्टार्टअप हैं। वे तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन पूंजी कहां है? भारतीय स्टार्टअप्स को 2014 से 2024 तक 160 बिलियन डॉलर मिले, जबकि चीन को 845 बिलियन डॉलर और अमेरिका को 2.3 ट्रिलियन डॉलर।’
पाई ने आगे कहा कि बड़े निवेशक जैसे एंडोमेंट्स और इंश्योरेंस कंपनियां अभी भी निवेश नहीं कर रही हैं, जबकि आप कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को ठीक करने की जरूरत है। AIF निवेशों पर बहुत ज्यादा नियम लगाए जा रहे हैं, जिससे निवेश कम हो गया है। रिजर्व बैंक विदेशों से आने वाले निवेशों पर सवाल उठाता है। EV बसों के लिए हमारे पास तकनीक है, लेकिन ज्यादातर बसें PSU द्वारा चलाई जाती हैं। हम इन पुरानी कंपनियों को कैसे बेचें? कृपया स्टार्टअप्स की मदद करें।
डीप टेक स्टार्टअप्स को लेकर कही यह बात
मोहनदास पाई ने डीप टेक स्टार्टअप्स को लेकर भी पीयूष गोयल के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में लिखा है, ‘पीयूष गोयल को हमारे स्टार्टअप्स को कम नहीं आंकना चाहिए। उन्हें खुद से पूछना चाहिए कि उन्होंने डीप टेक स्टार्टअप्स को भारत में बढ़ने में मदद करने के लिए क्या किया है। उन पर उंगली उठाना आसान है।
अपनी पोस्ट में पाई ने वित्त मंत्रालय और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी निशाने पर लिया। उन्होंने लिखा, ‘हमारे पास एक सख्त वित्त मंत्रालय और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हैं। इन्होंने कई सालों तक एंजल टैक्स पर स्टार्टअप्स को परेशान किया। वे एंडोमेंट्स को निवेश करने की अनुमति नहीं देते हैं। इंश्योरेंस कंपनियां अभी भी निवेश नहीं करती हैं, जबकि वे विश्व स्तर पर ऐसा करती हैं। मंत्री पीयूष गोयल और अश्विनी वैष्णव इन मुद्दों को हल करने में मदद क्यों नहीं कर रहे हैं?’
मोहनदास पाई ने पीयूष गोयल के ‘आइस-कुकी स्टार्टअप्स’ वाले बयान पर हमला किया और पूछा कि उन्होंने स्टार्टअप्स की मदद के लिए क्या किया है। उन्होंने कहा कि चीन को 2014 से 2024 तक 845 बिलियन डॉलर मिले, जबकि भारत को केवल 160 बिलियन डॉलर।
पीयूष गोयल ने क्या कहा था?
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को भारतीय स्टार्टअप समुदाय से कहा था कि वे किराने की डिलीवरी और आइसक्रीम बनाने से हटकर सेमीकंडक्टर, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे हाई टेक सेक्टर पर ध्यान दें। उन्होंने यह भी कहा कि स्टार्टअप इकोसिस्टम में अधिक भारतीय निवेशकों की जरूरत है।
India Vs China: क्या वाकई चीन से पीछे हैं हम? भारत में डीपटेक स्टार्टअप पर नहीं हो रहा फोकस? देखें असली तस्वीर
भारत का स्टार्टअप ईकोसिस्टम (Startup Ecosystem) तेजी से आगे बढ़ रहा है. सरकार भी स्टार्टअप्स को खूब प्रमोट कर रही है. अभी देश में स्टार्टअप्स की संख्या 1.68 लाख से भी अधिक हो चुकी, लेकिन फिर भी आए दिन भारत की तुलना चीन से करते हुए हमें कमतर आंका जाता है.
ऐसे में अक्सर लोगों के मन में एक सवाल ये उठता है कि क्या भारत का स्टार्टअप ईकोसिस्टम चीन से कमजोर है? अगर हां तो फिर दुनिया भर में स्टार्टअप ईकोसिस्टम की रैंकिंग में हम उनसे ऊपर कैसे?
इन दिनों भी सोशल मीडिया पर एक ऐसी ही इमेज वायरल है, जो दिखाती है कि भारत की तुलना में चीन का स्टार्टअप ईकोसिस्टम बेहतर है. जोहो फाउंडर श्रीधर वेंबू ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर करते पोस्ट लिखी- ‘मुझे यह इमेज फॉर्वर्ड की गई है, जो भारत और चीन के स्टार्टअप ईकोसिस्टम की तुलना दिखाती है. चीन वह सब कुछ करता है जो भारत करता है (फिनटेक, एडटेक..), लेकिन चीन डीप टेक में भी खूब निवेश कर रहा है. हमें भी डीपटेक में निवेश करने की जरूरत है. यह अवेयरनेस तेजी से फैल रही है और मैं इसे लेकर काफी सकारात्मक हूं कि ऐसा जरूर होगा.’
भारत VS चीन स्टार्टअप्स
भारत और चीन के स्टार्टअप्स की तुलनात्मक वायरल पोस्ट बहुत सारे फैक्ट लोगों को नहीं दिखा पा रही. आइए दोनों की तुलना करते हुए जानते हैं किन मामलों में कौन है आगे.
दुनिया में स्टार्टअप ईकोसिस्टम रैंकिंग
स्टार्टअप्स डेटा प्लेटफॉर्म Tracxn के अनुसार दुनिया भर के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में भारत का स्टार्टअप ईकोसिस्टम तीसरे नंबर पर है. पहले नंबर पर अमेरिका है, जबकि दूसरे नंबर पर यूके है. ऐसे रैंकिंग में तो भारत चीन से आगे है.
स्टार्टअप्स की संख्या
स्टार्टअप इंडिया वेबसाइट के अनुसार भारत में 31 मार्च 2025 तक कुल 1,68,538 रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स हैं. वहीं Tracxn के अनुसार चीन में अभी तक कुल स्टार्टअप 98 हजार हैं. यानी स्टार्टअप्स संख्या में भारत चीन से आगे है.
स्टार्टअप फंडिंग
साल 2016 में स्टार्टअप इंडिया शुरु हुआ. सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारतीय स्टार्टअप्स ने 9 सालों में करीब 131 अरब डॉलर यानी लगभग 11.20 लाख करोड़ रुपये फंडिंग उठाई. वहीं Tracxn के मुताबिक चीनी स्टार्टअप्स ने अब तक करीब 1010 अरब डॉलर यानी लगभग 86.42 लाख करोड़ रुपये फंडिंग उठाई है. यानी फंडिंग में भारत अभी चीन से बहुत पीछे है. चीन के स्टार्टअप्स ने भारतीय स्टार्टअप्स की तुलना में करीब 8 गुना ज्यादा फंडिंग उठाई है.
यूनिकॉर्न्स की संख्या
भारत में अभी करीब 119 यूनिकॉर्न हैं. इसी साल बेंगलुरु का डीपटेक स्टार्टअप Netradyne यूनिकॉर्म क्लब में शामिल हुआ है. पिछले साल यानी 2024 में एआई सेक्टर में Krutrim यूनिकॉर्म की लिस्ट में शामिल हुआ, जो भाविश अग्रवाल का स्टार्टअप है. वहीं ईवी सेक्टर की कंपनी एथर एनर्जी और मोबिलिटी सेक्टर में रैपिडो भी इसी साल यूनिकॉर्न बनी. Tracxn के मुताबिक चीन में करीब 245 यूनिकॉर्न हैं. यह संख्या भारत के यूनिकॉर्न्स की तुलना में दोगुनी से भी ज्यादा है. यानी यूनिकॉर्न्स के मामले में चीन हमने आगे है.
10 हजार से ज्यादा डीपटेक स्टार्टअप्स
भारत और चीन की तुलना करने वाली सोशल मीडिया पर वायरल इमेज देखकर लगता है जैसे भारत में डीप टेक पर कोई काम ही नहीं हो रहा. श्रीधर वेंबू ने भी अपनी पोस्ट में डीपटेक पर फोकस बढ़ाने को कहा है. हालांकि, तस्वीर थोड़ी अलग है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में 10 हजार से भी ज्यादा डीप टेक स्टार्टअप हैं. भारत सरकार ने इन्हें प्रमोट करने को ‘नेशनल डीप टेक स्टार्टअप पॉलिसी’ भी बनाई है. Tracxn के आंकड़ों के अनुसार चीन में करीब 6,444 डीपटेक स्टार्टअप हैं.