स्वच्छता सर्वेक्षण के प्रथम चरण में ही पिछड़ा देहरादून,69 रैंकिंग
Swachh Survekshan Dehradun Is Faltering On The Very First Step Got 69th Position
Dehradun News: स्वच्छता सर्वेक्षण में पहली सीढ़ी पर ही लड़खड़ा रहा दून, 69वें स्थान से करना पड़ा संतोष
देहरादून 14 अक्टूबर। नगर निगम कई बार शहर के बाशिंदों से अपील कर चुका है कि गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग कर कूड़ा वाहनों में डालें, लेकिन शहरवासी मानने को तैयार नहीं हैं। घरों से कूड़ा अलग-अलग न निकलने के कारण शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट में वेस्ट मैनेजमेंट में दिक्कत आ रही है।
स्वच्छता सर्वेक्षण में देहरादून पहली ही सीढ़ी पर लड़खड़ा रहा है। सर्वेक्षण में पहला चरण सर्विस लेवल प्रोग्रेस है। इस चरण में शहर के स्वच्छता इंतजामों की परीक्षा होती है। कुल 7500 नंबर में इस चरण के लिए 3000 नंबर तय हैं।
इंदौर ने गत वर्ष 3000 में 2702 नंबर पाकर पहला स्थान पाया, वहीं देहरादून नगर निगम को महज 1873 नंबर हासिल कर 69वें स्थान से संतोष करना पड़ा। देहरादून और इंदौर के बीच का ये फासला बताता है कि अभी धरातल पर काफी काम करना है। देहरादून को टॉप पर पहुंचने के लिए घर से निकलने वाले कूड़े से लेकर कूड़ा निस्तारण प्लांट तक की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना होगा, तभी दून भी इंदौर वाला मुकाम हासिल कर सकेगा।
घर से निकलने वाले कूड़े से मात खाने की शुरुआतI
स्वच्छता सर्वेक्षण में दून के पिछड़ने की शुरूआत घर से निकलने वाले कूड़े से ही शुरू हो जाती है। नगर निगम कई बार शहर के बाशिंदों से अपील कर चुका है कि गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग कर कूड़ा वाहनों में डालें, लेकिन शहरवासी मानने को तैयार नहीं हैं। घरों से कूड़ा अलग-अलग न निकलने के कारण शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट में वेस्ट मैनेजमेंट में दिक्कत आ रही है।
यहां सूखा कूड़ा तो अलग किया जाता है, लेकिन गीले कूड़े को प्लांट में अवैज्ञानिक तरीके से छोड़ दिया जाता है। इस कारण यहां कूड़े के पहाड़ खड़े हो गए हैैं। गंदगी से वहां के लोग परेशान हैैं। यह कूड़ा निस्तारण न होना स्वच्छता रैैंकिंग में दून के पिछड़ने का बड़ा कारण है।
खुले में फेंक रहे कूड़ा
शहर की सड़कों को कूड़ा मुक्त करने की कोशिश में डस्टबिन फ्री सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम ने कई जगह से डस्टबिन हटा दिए। डस्टबिन हटे तो शहर के लोगों ने खुले में कूड़ा फेंकना शुरू कर दिया। यह कूड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण में दून को आगे नहीं बढ़ने दे रहा।
दून को निगेटिव मार्क मिलते चले गए
घरों से निकले कूड़े को अलग-अलग कर गीले कूड़े की खाद बनाने का प्रस्ताव था। सूखा कूड़ा रिसाइकिलिंग के लिए भेजा जाना था, ताकि इसे दोबारा प्रयोग कर सकें। लेकिन यह सभी प्रक्रियाएं नहीं हो पाने के कारण स्वच्छता सर्वेक्षण में दून को निगेटिव मार्क मिलते चले गए।
जुर्माने के बाद भी नहीं मानते बड़े प्रतिष्ठान
नगर निगम ने बड़े कूड़ा उत्पादकों की श्रेणी में आने वाले प्रतिष्ठानों, सिनेमाघर, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, होटल, रेस्तरां, कैफे, मोबाइल फूड काउंटर, कैटरर्स, वेडिंग, पार्टी हॉल आदि को अपने प्रतिष्ठानों में खुद ही कूड़े का निस्तारण करने के लिए कहा। लेकिन अधिकांश बड़े प्रतिष्ठान ऐसा नहीं करते। इन पर जुर्माना भी लगाया गया, लेकिन बात नहीं बनी।