स्वामी श्रद्धानंद

स्वामी श्रद्धानंद 99वां बलिदान दिवस कार्यक्रम: मुख्यमंत्री धामी, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और विवेक ओबेरॉय ने लिया भाग- SWAMI SHRADDHANAND BALIDAN DIWAS

स्वामी श्रद्धानंद के 99वें बलिदान दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी समेत कई हस्तियां पहुंची. सभी ने स्वामी जी के किए कार्यों की सराहना की.

हरिद्वार (उत्तराखंड) 22 दिसंबर 2024: स्वामी श्रद्धानंद के 99वें बलिदान दिवस कार्यक्रम मनाया जा रहा है. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, हरिद्वार सांसद, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल और बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने भाग लिया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने  स्वामी श्रद्धानंद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि स्वामी श्रद्धानंद ने इस पूण्य भूमि पर गुरुकुल कांगड़ी जैसे शिक्षण संस्थान की स्थापना की, जो सनातन को आगे बढ़ा रहा हैं, हम सभी को इसे मिलकर आगे बढ़ाना होगा.  पूरा कार्यक्रम हरिद्वार के श्यामपुर के कांगड़ी गांव में हुआ.

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने बलिदान को किया याद: स्वामी श्रद्धानंद के 99वें बलिदान दिवस के कार्यक्रम में 1100 कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया गया. इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि पूरा विश्व स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान को जानता है. आज भी उनके 99वें बलिदान दिवस के मौके पर मुझे हरिद्वार आने का मौका मिला. जो महाविद्यालय उन्होंने 1902 में स्थापित किया था, उसी स्थल पर आकर आज मैं स्वयं को गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद ने भारत को कई ऐसे देशभक्त दिए हैं, जिनकी सेवा से आज भारत वैश्विक रूप में जाना जा रहा है. मुझे विश्वास है कि आगे भी इसी तरह के देशभक्त गुरुकुल तैयार करता रहेगा.

हरिद्वार में मनाया गया स्वामी श्रद्धानंद का बलिदान दिवस कार्यक्रम
बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबरॉय ने कही ये बात: वहीं इस दौरान बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबरॉय ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद की 99वें बलिदान दिवस के मौके पर उन्हें स्वामी जी के बारे में जानने को मिला. उन्होंने कहा कि यह सब कुछ हमारी नई पीढ़ी को पता नहीं है. हमारी पीढ़ी को यह तो मालूम है कि जनरल डायर ने जलियांवाला बाग में आतंक मचाया था, लेकिन किस तरह से एक संत स्वामी श्रद्धानंद ने देश की सेवा की और कितने देश भक्तों को गुरुकुल में शिक्षा दी और एक अच्छा जीवन जीना सिखाया. यह सब भी हमारी पीढ़ी को पता होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरे दादाजी भी शुरू से ही आर्य समाज से जुड़े रहे हैं. वह किस तरह से हवन किया करते थे, वह सब आज भी मुझे याद है. मैं बस यही कहना चाहूंगा कि इस तरह की जगह को हमारी पीढ़ी को जानना चाहिए.

गुरुकुल कांगड़ी विवि के संस्थापक स्वामी श्रद्धानंद ने देश की संस्कृति व अखंडता की रक्षा के लिए अपना पूरा जीवन खपा दिया था.स्वामी श्रद्धानंद ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की स्थापना 4 मार्च 1902 को की थी. स्वामी श्रद्धानंद का उद्देश्य प्राचीन भारतीय गुरुकुल शिक्षा को पुनर्जीवित करना था.
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