हसीन मस्तान मिर्ज़ा
अहमदाबाद मिरर
हाजी मस्तान के ‘बच्चे’ ने घर पर अपना दावा जताया
हसीन मिर्ज़ा का दावा है कि उनकी शादी 12 साल की उम्र में हो गई थी और उनकी पहचान उनकी मां, मस्तान की दूसरी पत्नी द्वारा छिपाई गई थी।
32 वर्षीय हसीन मस्तान मिर्ज़ा का दावा है कि वह दिवंगत डॉन हाजी मस्तान और उनकी दूसरी पत्नी सोना मिर्ज़ा की बेटी हैं, जिनका अगस्त 2014 में निधन हो गया था। मॉडल और टीवी व फिल्मों में काम कर चुकीं हसीन ने अपनी दिवंगत मां और तीन अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, जिनमें उनके पति नासिर हुसैन भी शामिल हैं, जिनसे उनका कहना है कि 12 साल की उम्र में उनकी जबरन शादी करा दी गई थी। वह डॉन की संपत्तियों में से एक, चंदन सिनेमा के पास लिंक रोड पर स्थित जुहू बंगले पर भी कब्ज़ा चाहती हैं, जिसके बारे में उनका कहना है कि उनके पिता चाहते थे कि उनकी शादी के मौके पर उन्हें यह बंगला मिले।
शायद हाजी मस्तान के नाम से जुड़ी कोई भी बात किसी बॉलीवुड फिल्म की कहानी जैसी लगती है। हसीन की कहानी दिल दहला देने वाली है और वह अभी भी अपनी पहचान की बहाली और सुखद अंत का इंतजार कर रही हैं। उनका कहना है कि 1994 में जब वह दस साल की थीं, तब मस्तान की मृत्यु के साथ ही उनकी दुनिया बिखर गई। “उस समय मेरी माँ ने मुझे बताया कि वह (मस्तान) मेरे असली पिता नहीं थे और उन्होंने ही मुझे पाला-पोसा था। 12 साल की उम्र में मेरी माँ ने जबरदस्ती मेरी शादी नासिर हुसैन से करवा दी, जो उस समय 25 साल के थे। शादी के बाद मेरे साथ कई बार बलात्कार हुआ, मुझे पीटा गया और एक कमरे में बंद रखा गया,” हसीन ने बताया।
उनकी माँ ने पहले उन्हें बताया था कि मोहम्मद हुसैन भी उनके पिता हैं – जब हसीन ने विरोध करते हुए कहा कि वह उनके बेटे नासिर से शादी नहीं कर सकतीं, तो उनके अपने भाई सोना मिर्ज़ा ने कथित तौर पर उन्हें बताया कि कोई और आदमी, असगर निज़ाम, उनका पिता है। हसीन यह भी कहती हैं कि मस्तान के स्वामित्व वाला जुहू बंगला उन्हें दे दिया गया, जबकि पेडर रोड स्थित बैतुल सुरूर संपत्ति उनकी सौतेली बहनों, मस्तान की पहली शादी से हुई बेटी को दे दी गई। हसीन का गुस्सा मुख्य रूप से उनकी दिवंगत माँ पर है। वह कहती हैं, “मेरी मां ने मुझे लात मारी, जिसके बाद आठवें महीने में ही मेरा बच्चा मर गया।
फिर 2010 में मेरे पति और मां ने मुझे जुहू स्थित घर से निकाल दिया। उन्होंने मेरा जन्म प्रमाण पत्र और ऐसा कोई भी दस्तावेज़ छीन लिया है जिससे यह साबित हो कि मैं हाजी मस्तान की बेटी हूं और संपत्ति मेरी है। मैं बस यह जानना चाहती हूं कि मैं कौन हूं।” दो साल पहले जब हसीन ने अदालत का रुख किया, तो अदालत ने जुहू पुलिस को सोना मिर्जा, हसीन के पति नासिर हुसैन, उसकी मौसी हंसा मिर्जा और उस व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया, जिसे सोना अपना पिता बताती है, असगर निजाम। जुहू पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक सुनील गोसालकर ने कहा, “मामले की जांच पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। अब हम अदालत के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।”
संपर्क करने पर पति नासिर हुसैन ने कहा कि हसीन के दावे निराधार हैं और उन्हें कानून पर भरोसा है कि वह अपना काम करेगा। “मेरे दोनों बच्चे उसके साथ रह रहे हैं और मैं भरण-पोषण का भुगतान कर रहा हूं। हमारे पास उसके कोई दस्तावेज नहीं हैं।”

