कैप्टन अमरिंदर सिंह ने छोड़ी कांग्रेस, बनाई पंजाब लोक कांग्रेस

कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ी:सोनिया को 7 पन्नों का इस्तीफा भेजा; पंजाब लोक कांग्रेस के नाम से नई पार्टी बनाई

चंडीगढ़ 02 नवंबर।दिवाली से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में राजनीतिक धमाका कर दिया है। मंगलवार को उन्होंने औपचारिक तौर पर कांग्रेस छोड़ दी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे 7 पन्नों के इस्तीफे में उन्होंने अपनी पूरी राजनीतिक यात्रा का जिक्र किया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस हाईकमान के साथ नवजोत सिद्धू पर भी सवाल खड़े किए।

कैप्टन अमरिंदर सिंह   ने 18 सितंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद ही उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर दी थी। मंगलवार को उन्होंने अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) की घोषणा कर दी। कैप्टन अमरिंदर सिंह  पहले ही कह चुके हैं कि वे पंजाब में सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए पहले किसान आंदोलन का हल निकलवाएंगे। उसके बाद भाजपा और अकाली दल के बागी नेताओं से गठजोड़ करेंगे। हालांकि कांग्रेस ने कैप्टन को मनाने की कोशिश भी की थी, लेकिन वे नहीं माने।

पढ़िए… कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे की कॉपी

अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान बनाने पर भी बड़े सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मेरे और पंजाब के सभी सांसदों के विरोध के बावजूद सिद्धू को जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने सिद्धू को पाक परस्त करार देते हुए कहा कि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान के आर्मी चीफ और प्रधानमंत्री इमरान खान को गले लगाया। यह दोनों ही भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं।

सिद्धू ने मेरा सार्वजनिक अपमान किया

कैप्टन ने कहा कि सिद्धू ने मुझे लगातार निजी और सार्वजनिक तौर पर बेइज्जत किया। मैं उनके पिता की उम्र का था, इसके बावजूद वह मेरे खिलाफ अपमानजनक बयानबाजी करते रहे। सिद्धू के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने सिद्धू का समर्थन किया। उन्होंने हरीश रावत पर भी हमला किया।

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी

कैप्टन अमरिंदर की राजनीतिक यात्रा

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 1977 में कांग्रेस जॉइन की थी। इसके बाद 1978 में लोकसभा चुनाव लड़ सांसद बने। ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी। इसके बाद वह अकाली दल में चले गए। इसके बाद राजिंदर कौर भट्‌ठल ने उन्हें 1998 में कांग्रेस जॉइन करवा दी। इसके बाद 1999 से 2002 तक अमरिंदर सिंह प्रधान रहे।

इसके बाद 2002 से 2007 तक मुख्यमंत्री रहे। 2009 में कैंपेन कमेटी चेयरमैन और 2010 से 2013 तक प्रधान रहे। उसी दौरान 2012 में विधानसभा चुनाव हारे। इसके बाद 2014 से 2015 तक सांसद बने और लोकसभा में डिप्टी लीडर रहे। 2015 से 2017 तक फिर पंजाब कांग्रेस के प्रधान बने। इसके बाद 2017 में चुनाव लड़कर फिर मुख्यमंत्री बने।

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