द कश्मीर फाइल्स के दर्शकों से डरी गहलौत सरकार, कोटा में महीनभर धारा 144

कोटा में धारा-144 लगाने पर मचा बवाल, गहलोत सरकार ने अब उठाया ये बड़ा कदम
कोटा के एडीएम राजकुमार सिंह ने कहा कि इस फिल्म को देखने के बाद दर्शक भावुक हो जाते हैं. बाहर आकर माहौल खराब न करे इसलिए धारा-144 लागू की थी.
कोटा के एडीएम राजकुमार सिंह ने कहा कि इस फिल्म को देखने के बाद दर्शक भावुक हो जाते हैं. बाहर आकर माहौल खराब न करे इसलिए धारा-144 लागू की थी.
‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को लेकर कोटा (Kota) में लगाई गई धारा-144 को पर मचे बवाल के बाद अब अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot government) के कोटा प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. अब कोटा में दर्शक धारा-144 के लागू रहने के बावजूद ‘द कश्मीर फाइल्स’ मूवी देख सकेंगे. लेकिन सिनेमाघरों से बाहर निकलने के बाद धारा-144 का पालना करना होगा. वहीं बीजेपी (BJP) ने प्रशासन के इस कदम को दमनकारी बताते हुये कहा कि ये षडयंत्र है. बीजेपी का कहना है कि धारा-144 के लागू करने से दर्शक भयभीत हो जाएंगे और फिल्म देखने नहीं जायेंगे. वहीं प्रशासन ने इस मामले में अपनी सफाई दी है

संदीप राठौड़
जयपुर 22 मार्च. ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) पर राजस्थान की कोचिंग सिटी कोटा (Coaching City Kota) में धारा-144 लागू करने से देशभर में सियासी बवाल (Political ruckus) शुरू हो गया है। इस पर गहलोत सरकार (Gehlot Sarkar) ने इसे लेकर नया कदम उठाया है. अब कोटा में दर्शक धारा-144 के लागू रहने के बावजूद ‘द कश्मीर फाइल्स’ मूवी देख सकेंगे. लेकिन सिनेमाघरों से बाहर निकलने के बाद धारा-144 (Section-144) का पालना करना होगा. कोटा के एडीएम राजकुमार सिंह ने कहा कि इस फिल्म को देखने के बाद दर्शक भावुक हो जाते हैं. बाहर आकर माहौल खराब न करे इसलिए धारा-144 लागू की थी.

भाजपा का आरोप है कि देशभर में फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की लोकप्रियता के बाद गहलोत सरकार का इसे रोकने का ये षडयंत्र है. भाजपा का कहना है कि धारा-144 के लागू करने से दर्शक भयभीत हो जाएंगे. फिल्म देखने के लिये सिनेमाघर जाने से डरेंगे. भले ही फिल्म को देखने पर रोक न हो लेकिन धारा-144 के तहत पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर रोक के चलते पुलिस को दर्शकों को परेशान करने का हथियार मिल गया

विवेक अग्निहोत्री ने किया ट्वीट

इससे पहले फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने एक ट्वीट कर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछा कि क्या लोगों के फिल्म के देखने के अधिकार पर राज्य का कुठाराघात नहीं. इससे क्या आंतकियों के डर के मंसूबे पूरे नहीं होंगे. सोमवार शाम को कोटा में एक महीने के लिए धारा-144 लागू करने का आदेश जारी किया गया था.

धारा-144 की यह बताई गई है वजह

इस आदेश के मुताबिक सार्वजनिक स्थलों पर पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पांबदी रहेगी. कोटा जिला प्रशासन की ओर से धारा-144 लागू करने के लिए जिन वजह को गिनाया गया है उनमें सबसे बड़ी वजह फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को बताया गया है. आदेश में कहा गया फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर कानून व्यवस्था बनाए रखने और भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने के लिए धारा-144 लागू की जा रही है. हालांकि चेटीचंड और महावीर जंयती जैसे त्यौहार और चंबल नदी के किनारे पर स्नान के दौरान दुर्घटनाओं को रोकने के लिये भी धारा-144 लागू करने की एक और वजह बताया जा रहा है.

राम दरबार वाले द्वार का मामला भी गरमाया हुआ है

दूसरी तरफ बीजेपी ने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ ‘चंडी मार्च’ निकालकर कोटा में धारा-144 को तोड़ा. बीजेपी का आरोप है कि चंडी मार्च को रोकने के लिए गहलोत सरकार ने कोटा में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को बहाना बनाकर धारा-144 लगा दी ताकि प्रदर्शन न हो सके. पिछले एक सप्ताह में ये दूसरा मौका है जब दो कारणों से गहलोत सरकार पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगे हैं. इससे पहले चूरू जिले में सालासर-सुजानगढ़ मार्ग को चौड़ा करने के लिये वहां राम दरबार लगे प्रवेशद्वार को बुलडोजर से गिराने पर भी जमकर बवाल हुआ था।

गहलोत के मंत्री धारीवाल के खिलाफ निकाला जा रहा है चंडी मार्च

उल्लेखनीय है कि कोटा में बीजेपी के पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल के नेतृत्व में चंडी मार्च निकाला जा रहा है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के विधानसभा में दिए गए मर्दों के प्रदेश वाले बयान के विरोध में यह चंडी मार्च निकाला जा रहा है. इस मार्च में कोटा में लगी धारा-144 की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. इस मार्च के जरिये धारीवाल के इस्तीफे की मांग की जा रही है..

‘द कश्मीर फाइल्स’ के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने भी राजस्थान सरकार के इस कदम पर तीखे सवाल उठाए हैं.

 

इतना ही नहीं डायरेक्टर विवेक ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) से भी तीखे सवाल किए हैं. विवेक ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आतंकियों के पास सिर्फ डर पैदा करने की ताकत है और हम डर जाते हैं. लेकिन ये न्याय का ठीक समय है. विवेक ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को अपने ट्वीट में टैग करते हुए लिखा कि अगर लोकतांत्रिक देश में फिल्म को लेकर तोड़फोड़ होती है, तो हमें न्याय के बारे में सोचने की जरूरत है.

 

कोटा प्रशासन ने दिया जवाब

वहीं कोटा प्रशासन विवेक के ट्वीट के बाद बैकफुट पर दिख रहा है. ट्विटर पर विवेक के ट्वीट के बाद मामला गर्मा गया. इसके बाद कोटा प्रशासन भी सफाई दी है. कोटा प्रशासन ने ट्वीट कर कहा कि धारा 144 लागू होने पर भी कश्मीर फाइल्स की स्क्रीनिंग और प्रदर्शन पर कोई रोक नहीं होगी. सोमवार को कोटा जिला कलेक्टर ने आदेश जारी किया था. आदेश में कहा गया है कि 22 मार्च सुबह 6 बजे से 21 अप्रैल रात 12 बजे को जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है.

कोटा में गरमा रहा धारा 144 लगाने का मामला

युवा मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने ट्वीट कर गहलोत सरकार पर साधा निशाना, कल कलेक्ट्रेट पर मार्च करने की चेतावनी दी

भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या

कोटा में धारा 144 लगाने में अब भाजपा ने सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा सांसद व भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने ट्वीट कर गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए बुधवार को कलेक्ट्रेट पर मार्च की चेतावनी दी है। सूर्या ने ट्वीट किया कि आज युवा मोर्चा का प्रतिनिधि मंडल आज कलेक्टर से मुलाकात करके आदेश वापस लेने की मांग करेगा। आदेश वापस नहीं लेने पर युवामोर्चा प्रदेश अध्यक्ष के साथ बुधवार को वो खुद कलेक्ट्रेट पर मार्च करेंगे।

भाजयुुुवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा ने बताया कि आज युवामोर्चा का डेलिगेशन कलेक्टर से आदेश वापसी की मांग करेगा। धारा 144 हटाने के आदेश वापस नहीं होते तो कल कलेक्ट्रेट पर मार्च होगा। कलेक्ट्रेट मार्च में युवामोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या भी शामिल होंगे।

धारा 144 लागू करने पर भाजपा ने सरकार पर निशाना साधा

इससे पहले भाजपा नेता व पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल ने भी सरकार पर तीखा हमला बोला था। गुंजल ने कहा था कि सरकार जबरन मुकदमें दर्ज कर डराना चाहती है।

बता दें, कोटा कलेक्टर ने आदेश जारी कर जिले में 22 मार्च सुबह 6 बजे से 21 अप्रैल रात 12 बजे (1 माह) के लिए धारा 144 लागू की है। आदेश में धारा 144 लागू करने के तीन प्रमुख कारण बताए गए हैं। जिसमें आगे आ रहे त्यौहार चेटीचंड, महावीर जयंती, गुड फ्राइडे, वैशाखी जमातुलविदा आदि, सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो रही फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ और नहरों में जल जनित दुर्घटनाओं से उत्पन्न कानून व्यवस्था की स्थिति गिनाई गई है।

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