चार फ्लाइट से यूक्रेन से लौटे 1147 भारतीय
यूक्रेन से भारतीयों की वापसी का ऑपरेशन गंगा:हाईलेवल मीटिंग में PM मोदी ने समझे हालात; अब तक 4 फ्लाइट्स में वतन लौटे 1,147 लोग
मुंबई27 फरवरी।रूस-यूक्रेन के बीच लड़ाई में मौजूदा हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल मीटिंग की है। सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग के दौरान पीएम ने अधिकारियों को साफतौर पर कहा है कि हर भारतीय की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए। मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री के सामने यूक्रेन के लड़ाई वाले इलाकों में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने की कोशिश का प्लान भी पेश किया गया
सरकार की तरफ से यूक्रेन में फंसे भारतीयों को एयर लिफ्ट करने के लिए ऑपरेशन गंगा चलाया जा रहा है, जिसकी 4 फ्लाइट से अब तक 1,147 लोग भारत वापस लाए जा चुके हैं। रविवार को ही 3 फ्लाइट्स 928 भारतीयों को लेकर आई हैं।
विदेश सचिव ने पीएम के सामने यूक्रेन के हालात पर दिया प्रजेंटेशन
सूत्रों ने बताया कि रात 8 बजे प्रधानमंत्री मोदी के उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार से वापस लौटने पर मीटिंग आयोजित हुई। मीटिंग का एजेंडा भारतीय स्टूडेंट्स की सुरक्षित वापसी ही था। मीटिंग में विदेश सचिव हर्ष वी. शृंगला ने पूरी सिचुएशन को लेकर प्रधानमंत्री के सामने एक प्रजेंटेशन पेश की, जिसमें स्टूडेंट्स को निकालने की प्लानिंग का खाका पेश किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले गुरुवार शाम को भी सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी के साथ मीटिंग की थी। उस मीटिंग में भी उन्होंने साफ कहा था कि सरकार की प्रियोरिटी हर भारतीय को यूक्रेन से सुरक्षित वापस निकालना है। मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बात भी की थी। पुतिन से भी प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकालने में मदद मांगी थी और इसे टॉप प्रियोरिटी बताया था।
फ्लाइट से उतरते ही भारतीय छात्रों ने लगाए भारत माता की जय के नारे
यूक्रेन हमले के चौथे दिन रोमानिया के बुखारेस्ट से 198 भारतीयों को लेकर उड़ान भरने वाली चौथी फ्लाइट रविवार शाम करीब 6.45 बजे दिल्ली पहुंच गई। इसके पहले रविवार को ही 490 भारतीय स्टूडेंट्स को रोमानिया और हंगरी के रास्ते भारत लाया गया। रोमानिया से एअर इंडिया के विमान ने शनिवार रात 9.30 बजे उड़ान भरी और रविवार तड़के करीब 3 बजे यह दिल्ली पहुंचा।
हंगरी के बुडापेस्ट से भी एक विमान रविवार को आया, इसमें 240 भारतीय सवार थे। इसके पहले शनिवार रात 8 बजे 219 भारतीय छात्रों को लेकर एअर इंडिया का विमान मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा। फ्लाइट में सवार छात्रों ने खुशी जाहिर की और भारत माता की जय के नारे लगाए और जय हिंद कहा। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया।
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भारतीय विदेश सचिव हर्ष वी. शृंगला ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए शुरू किए गए ‘ऑपरेशन गंगा’ की उड़ानों की सूची रविवार को जारी की। ये उड़ान यूक्रेन के पड़ोसी देशों के रास्ते वहां फंसे भारतीयों को निकालेंगी।
यूक्रेन के पड़ोसी देशों के रास्ते ऑपरेशन गंगा में उड़ानों की लिस्ट।
यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट्स के लिए मुंबई के एयरपोर्ट पर एक स्पेशल कॉरिडोर बनाया गया है। एयरपोर्ट पर RT-PCR टेस्ट का इंतजाम किया गया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ‘ऑपरेशन गंगा’ में स्टूडेंट्स की वापसी का यह अभियान जारी रहेगा।
भारतीय एम्बेसी ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय उझारोड़-वायसन नेमेके सीमा से रेस्क्यू किए जाएंगे।
हंगरी में भारतीय एम्बेसी ने भी सीमा से एंट्री की डिटेल एडवाइजरी जारी की है। हंगरी और पोलैंड की सीमा पर तेजी से भारतीय स्टूडेंट पहुंच रहे हैं।
यूक्रेन से पटना आईं रीमा सिंह ने बताया कि यूनिवर्सिटी की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि उनकी पढ़ाई बेकार नहीं जाएगी। स्थिति में सुधार होते ही ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाएगी।
ज्योतिरादित्य बोले- सभी की सुरक्षित वतन वापसी होगी
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रोमानिया से लौटे छात्रों का स्वागत तो किया ही, फ्लाइट में जाकर उनसे बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि आपके आने पर हमें बहुत खुशी है। एअरइंडिया को भी इसके लिए धन्यवाद देता हूं। सिंधिया बोले कि यूक्रेन में फंसे हर एक भारतीय को वतन वापस लेकर आएंगे। मोदी जी यूक्रेनी राष्ट्रपति के संपर्क में हैं और सभी की सुरक्षित वापसी होगी।
मातृभूमि में आपका स्वागत है: गोयल
यूक्रेन से मुंबई पहुंचे भारतीय स्टूडेंट्स के मुंबई पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विमान में जाकर उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा-‘ मातृभूमि में आप सबका स्वागत है। हर स्टूडेंट को वापस लाया जाएगा। और भी फ्लाइट्स आ रही हैं संभवतः सुबह तक। एअर इंडिया की तरफ से आपका स्वागत है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिन से प्रधानमंत्री मोदी आप लोगों की बहुत चिंता कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने कई लोगों से बात की।
यूक्रेन का दावा- अब 198 लोगों की मौत, 1115 घायल
यूक्रेन का दावा है कि अब तक रूसी हमले में 198 लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें 33 बच्चे भी शामिल है। इसके अलावा 1,115 लोग घायल हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक 1.50 लाख से ज्यादा यूक्रेनी शरणार्थी पोलैंड, मोल्दोवा और रोमानिया पहुंच चुके हैं।
यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए क्या है भारत सरकार की योजना?
हर्षवर्धन श्रृंगला
भारत ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया है.
भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने रविवार को बताया कि इस ऑपरेशन का खर्च भारत सरकार वहन करेगी.
उन्होंने बताया कि संघर्ष शुरू होने से पहले 4000 भारतीयों ने कीएव छोड़ दिया था.
विदेश सचिव ने कहा कि युद्ध की वजह से एयर-स्पेस बंद है इसलिए लोगों को बाहर निकालने के लिए दूसरे रास्तों का विकल्प इस्तेमाल किया जाएगा. यूक्रेन में फंसे भारतीयो को चार पड़ोसी देशों, हंगरी, पोलैंड, रोमेनिया और स्लोवाकिया के जरिए वापस लाएगा.
इसके लिए कुछ विशेष बॉर्डर क्रॉसिंग प्वाइंट चुने गए हैं. इस ऑपरेशन में भारतीय विदेश मंत्रालय की टीम और रूसी बोलने वाले अधिकारियों को भी भेजा गया है जो ऑपरेशन पर नज़र रखेंगे.उन्होंने बताया कि कीएव में भारतीय दूतावास लगातार काम कर रहा है.
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन में मार्शल लॉ लागू होने की वजह से वहां से भारतीयों को निकालने की योजना में थोड़ी मुश्किलें आ रही हैं.
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने रविवार को बताया कि यूक्रेन के जो इलाके रूस की सीमा के आसपास हैं, वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार ने मॉस्को स्थित दूतावास से एक टीम को मैपिंग के लिए भेजा है.
भारतीयों के लिए सुविधाएं
उन्होंने बताया कि वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए ट्रांसपोर्ट सुविधा, खाने और रहने की व्यवस्था पहले से करनी होगी. इसी का जायजा लेने को टीम भेजी गई है.
विदेश सचिव ने कहा कि जैसे ही संघर्ष रुकेगा और स्थिति बेहतर होगी तो इन इलाकों में फंसे भारतीयों को ऑपरेशन गंगा में निकाल लिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘’हमने यूक्रेन और रूस दोनों देशों के राजदूतों से बात की है और उनसे कहा है कि हमें अपने नागरिकों को निकालने के सहयोग की जरूरत होगी.’’
पोलैंड और उसकी सीमा पर फंसे भारतीयों को लेकर भी विदेश सचिव ने कहा कि वो लगातार वहां फंसे भारतीयों से संपर्क बनाए हुए हैं और कोशिश है कि जल्द जल्द उन्हें सुरक्षित निकाल लिया जाएगा.
विदेश सचिव ने बताया कि खारकीएव में करीब 4000 भारतीय छात्र थे जिनमें से आधे के करीब छात्र पश्चिमी शहरों की ओर चले गए हैं. लेकिन जो लोग वहां अब भी फंसे हैं सरकार उन्हें सुरक्षित निकालने की दिशा में प्राथमिकता से काम कर रही है. हालांकि यह संघर्ष क्षेत्र है तो थोड़ी मुश्किलें आ रही हैं. लेकिन छात्र बंकरों और दूसरी सुरक्षित जगहों पर हैं.
यूक्रेन में जारी जंग में क्या भारत मदद कर रहा है. इस सवाल के जवाब में हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के नेताओं से बात की है. विदेश मंत्री ने भी बड़े स्तर पर इस मुद्दे पर बातचीत की हैं.