शराब नीति केस: अब ईडी ने भी पूछताछ को दो नवंबर को बुलाये केजरीवाल
केजरीवाल से शराब नीति केस में पूछताछ होगी:ED ने दो नवंबर को बुलाया; अप्रैल में CBI ने 9 घंटे में 56 सवाल किए थे
16 अप्रैल को पूछताछ के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल CBI ऑफिस पहुंचे थे।
नई दिल्ली 30 अक्टूबर। शराब नीति केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED ने 2 नवंबर पूछताछ को बुलाया है। इसी केस में केजरीवाल से CBI ने अप्रैल में करीब साढ़े 9 घंटे पूछताछ की थी। तब केजरीवाल से 56 सवाल पूछे गए थे। शराब नीति केस में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और AAP सांसद संजय सिंह जेल में हैं।
केजरीवाल ने कहा था- हमारे पास छिपाने को कुछ नहीं
अप्रैल में पूछताछ बाद केजरीवाल ने कहा था-आथितेय को CBI अधिकारियों का धन्यवाद करना चाहता हूं। उन्होंने दोस्ताना तरीके से सवाल पूछे।
CBI पूछताछ बाद केजरीवाल ने कहा था कि CBI ने जितने सवाल पूछे मैंने सभी के जवाब दिए। हमारे पास छिपाने को कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा था कि ये पूरा का पूरा कथित शराब घोटाला झूठ, फर्जी और गंदी राजनीति से प्रेरित है। AAP कट्टर ईमानदार पार्टी है। हम मर-मिट जाएंगे पर कभी अपनी ईमानदारी से समझौता नहीं करेंगे। वे AAP को खत्म करना चाहते हैं लेकिन देश की जनता हमारे साथ है।
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका निरस्त की
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (30 अक्टूबर) को 247 दिन से जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत से मना कर दिया। AAP नेता सिसोदिया पर दिल्ली शराब नीति में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। वे 26 फरवरी को पकड़े गए थे।।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा- घोटाले से जुड़े कई सवालों के जवाब अभी नहीं मिले हैं। इनमें 338 करोड़ का लेन-देन हुआ है, जिसमें सिसोदिया की भूमिका संदिग्ध लग रही है। इसलिए याचिका अस्वीकार की जाती है।
कोर्ट ने जांच एजेंसियों को भी निर्देश दिया कि ट्रायल 6 से 8 महीने में पूरा करें। अगर ट्रायल में देर होती है तो सिसोदिया जमानत को 3 महीने में दोबारा अपील कर सकते हैं। इससे पहले 17 अक्टूबर को कोर्ट ने सभी पक्षों के तर्क सुनने के बाद 30 अक्टूबर तक को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सिसोदिया के केस में अब तक क्या हुआ
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया।
मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को CBI ने पकड़ा था। तब से वह हिरासत में हैं। ED ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद 9 मार्च को CBI की FIR से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें पकड़ा था। इसके बाद 28 फरवरी को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट छोड़ दी थी ।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 मई को CBI केस में सिसोदिया को जमानत से मना कर दिया था और कहा था कि उपमुख्यमंत्री और उत्पाद शुल्क मंत्री होने के नाते, वह हाई-प्रोफाइल व्यक्ति हैं जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
3 जुलाई को, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत से मना कर दिया था, यह कहते हुए कि उनके खिलाफ आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं।
5 बिन्दूओं में सिलसिलेवार शराब नीति घोटाला के बारे में जानिए…
1. नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू हुई
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति घोषित की। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति का उद्देश्य पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा।
17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। बडी छूट से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।
2. जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाले का आरोप लगा
8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला बताया। उन्होंने इससे जुड़ी रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को सौंपी जिसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी बिना ही शराब नीति बदल दी गई।
3. अगस्त 2022 को CBI और ED ने मुकदमा लिखा
एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच मांगी। 17 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने मुकदमा लिख उसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अफसर, 9 बिजनेसमैन और दो कंपनियां आरोपित बनाई श। सभी पर भ्रष्टाचार की धाराओं में मुकदमा हुआ।
19 अगस्त को सिसोदिया के घर-दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी हुई। सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा लिख लिया।
4. जुलाई 2022 सरकार ने नई नीति रद्द की
विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।
5. फरवरी 2023 में CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया
सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें इस घोटाले का मुख्य आरोपित बनाया गया। कई बार पूछताछ बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार किया। अभी वे जेल में हैं। CBI ने सिसोदिया पर आरोप लगाया कि एक्साइज मिनिस्टर रहते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।
शराब घोटाला मामले में संजय सिंह भी गिरफ्तार
4 अक्टूबर को गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह ने अपने समर्थकों का अभिवादन किया और हाथ हिलाते हुए कार में बैठ निकल गए।
आबकारी नीति केस में ही ED ने 4 अक्टूबर को AAP सांसद संजय सिंह को भी अरेस्ट किया। उनके दिल्ली वाले घर पर सुबह 7 बजे ED की टीम पहुंची। 10 घंटे चली छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। अगले दिन 5 अक्टूबर को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट लाया गया, जहां से कोर्ट ने उन्हें 10 अक्टूबर तक रिमांड पर भेज दिया।
ED का दावा-शराब घोटाले में 170 मोबाइल टूटे:नीति आने से पहले कॉपी शराब कारोबारियों से शेयर की
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार हुए। उन पर कई फोन नष्ट करने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने दिसंबर 2022 में दिल्ली की कोर्ट में दावा किया था कि सिसोदिया और अन्य आरोपितों ने 170 बार मोबाइल फोन बदले और फिर इन्हें तोड़ दिया। इससे 1.38 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
मनीष सिसोदिया के गांव वाले बोले- वो बेईमान नहीं:पर चाचा ने कहा- जो किसी से बनाकर नहीं चलता, उसके साथ कोई खड़ा नहीं होता
मनीष सिसोदिया के चचेरे भाई नरेंद्र भले ये बात गुस्से में कहते हैं, लेकिन अपने भाई की ईमानदारी की तारीफ भी करते हैं। कहते हैं, ‘ठीक है उनके सिद्धांत हैं, सिद्धांतवादी व्यक्ति ऐसा ही होता है।’