डॉ. हरक सिंह रावत के 16 ठिकानों पै ईडी छापे
उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के घर ED की रेड, कई IFS अफसरों के आवास समेत 16 स्थानों पर छापेमारी!
ED raid in Uttarakhand उत्तराखंड में पूर्व कैबिनेट मंत्री और कुछ आईएफएस अधिकारियों के ठिकानों पर भी ईडी ने छापेमारी की. ईडी की टीम चार राज्यों के 16 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी कर जानकारी जुटा रही है. बताया जा रहा है कि ईडी की टीम वित्तीय लेनदेन के मामलों की जानकारी जुटाने को इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज भी खंगाल रही है। हमने कई अफसरों को फोन कर छापे के बारे में जानकारी लेनी चाही तो उनके मोबाइल स्विच ऑफ मिले.
देहरादून (उत्तराखंड) 07 फरवरी 2024: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लेकर दिल्ली -एनसीआर और चंडीगढ़ तक बुधवार सुबह ईडी की छापेमारी की खबर ने हड़कंप मचा दिया. खबर है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री, उनके नजदीकियों समेत प्रदेश के कई अधिकारियों के ठिकानों पर भी एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के अफसरों ने छापेमारी की है. इस दौरान कॉर्बेट से जुड़े तमाम वित्तीय विषयों को लेकर ईडी जरूरी जानकारियां जुटा रही है.
छापों में पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉक्टर हरक सिंह रावत के डिफेंस कॉलोनी घर पर भी ईडी की टीम पहुंची है. इतना ही नहीं उनके सहसपुर स्थित कॉलेज में भी ईडी ने कॉलेज के डायरेक्टर से पूछताछ की है.पूर्व कैबिनेट मंत्री के साथ ही राज्य के कुछ आईएफएस अधिकारियों के ठिकानों पर भी ईडी की छापेमारी की खबर है. सूत्रों के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में ईडी की ये रेड दिल्ली, चंडीगढ़ और उत्तराखंड में चल रही है. उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत से जुड़े एक घोटाला मामले में दर्जनभर ठिकानों पर रेड जारी है.
ईडी की टीम देहरादून की डिफेंस कॉलोनी स्थित उनके आवास पर पहुंचकर रेड कर रही है. केंद्रीय एजेंसी ने पूर्व मंत्री के करीबियों पर भी एक्शन लिया है. सूत्रों की मानें तो फॉरेस्ट लैंड स्कैम मामले में ईडी ने एक्शन लिया है और पीएमएलए में ये कार्रवाई हो रही है. इससे पहले अगस्त, 2023 में विजिलेंस विभाग ने भी हरक सिंह के खिलाफ कार्रवाई की थी.
ईडी की यह छापेमारी दो अलग-अलग मामलों में चल रही है। एक मामला फॉरेस्ट लैंड से जुड़ा है जबकि दूसरा एक अन्य जमीन घोटाला है। इस मामले में पिछले साल विजिलेंस विभाग ने हरक सिंह के खिलाफ कार्रवाई की थी।
प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के ठिकानों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड, दिल्ली और चंडीगढ़ में कई ठिकानों पर तलाशी ली गई है। बता दें, हरक सिंह रावत ने 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ दी थी और कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
भाजपा सरकार में राज्य के वन मंत्री के रूप में रावत के कार्यकाल के दौरान, रावत और उनके कुछ विभागीय अधिकारियों पर टाइगर सफारी परियोजना के तहत कॉर्बेट पार्क के पाखरो रेंज में अवैध पेड़ काटने और निर्माण में शामिल होने से संबंधित गंभीर आरोप लगे।
भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि पाखरो बाघ सफारी के लिए 163 की अनुमति के खिलाफ कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) में 6000 से अधिक पेड़ अवैध रूप से काटे गए थे। हालांकि, राज्य वन विभाग ने एफएसआई के दावों का खंडन किया और कहा कि रिपोर्ट को अंतिम रूप से स्वीकार करने से पहले कुछ तकनीकी मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि रावत से जुड़ी संपत्तियां ईडी अधिकारियों द्वारा जांच के दायरे में आई हैं। इससे पहले पिछले साल उत्तराखंड सतर्कता टीम ने देहरादून के शंकरपुर में एक संस्थान और छिद्दरवाला में एक पेट्रोल पंप पर छापे मारे थे। राज्य सतर्कता प्रमुख वी मुरुगेसन ने 30 अगस्त को कहा कि टीम ने दोनों स्थानों पर दस्तावेजों की जांच की तो पता चला कि दोनों संपत्तियां कांग्रेस नेता और पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत की हैं।
तब मुरुगेसन ने कहा था कि सतर्कता टीम ने दोनों निजी स्थानों पर लगाए गए दो जनरेटर सेट सरकारी पैसे से खरीदा पाया था। शंकरपुर में दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और पेट्रोल पंप, जिस पर टीम ने छापा मारा, दोनों हरक सिंह रावत के बेटे के हैं। हरक सिंह रावत की संपत्तियों के खिलाफ नवीनतम सतर्कता अभियान का आदेश उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिया था।
कौन हैं डॉक्टर हरक सिंह रावत?
डॉक्टर हरक सिंह रावत को भाजपा ने अनुशासनहीनता की वजह से पार्टी से निष्कासित करते हुए कैबिनेट मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद साल 2022 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे. डॉक्टर हरक सिंह के साथ उनकी बहू अनुकृति गुसाईं ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया था.
ताजा छापे में जरूरी दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है. इसके अलावा वित्तीय लेनदेन के मामलों की जानकारी जुटाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को भी देख रही.दरअसल, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व मामले में ईडी ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है और इस मामले में वित्तीय लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े विषयों को ईडी देख रही है. हाल ही में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने उत्तराखंड वन मुख्यालय को भी एक पत्र लिखकर प्रदेश के कई अधिकारियों की जानकारी मांगी थी. जिसको शासन को भेज दिया गया था. उधर अब ईडी ने देर किए बिना बुधवार सुबह ही छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी.
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