त्रिवेंद्र की हरिद्वार-पौडी दोनों जगह थी तैयारी
उतार चढ़ाव भरी रही त्रिवेंद्र की राजनीतिक पारी, प्रचारक से तय की मुख्यमंत्री तक की यात्रा,अब सांसदी की तैयारी
Trivendra Singh Rawat Profile, Lok Sabha ticket to Trivendra Rawat त्रिवेंद्र सिंह रावत को हरिद्वार लोकसभा सीट से कैंडिडेट बनाया गया है.त्रिवेंद्र सिंह रावत की राजनीतिक यात्रा काफी उतार चढ़ाव भरी रही है. संघ से राजनीति शुरू करने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले उत्तराखंड में विधायक,फिर कैबिनेट मंत्री और साल 2017 में मुख्यमंत्री बने.अब पार्टी ने उन्हें सांसदी का टिकट दिया है. वे हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.
देहरादून 13 मार्च 2024 । भाजपा ने आज हरिद्वार और पौड़ी से अपने उमीदवार घोषित कर दिये हैं. पौड़ी से अनिल बलूनी को उम्मीदवार बनाया गया है.हरिद्वार से त्रिवेंद्र सिंह रावत भाजपा के उम्मीदवार होंगे.संघ का चेहरा माने जाने वाले त्रिवेंद्र को पार्टी ने ये उपहार मुख्यमंत्री पद से हटाने के तीन साल बाद दिया है.आइये आपको बताते हैं कौन है त्रिवेंद्र सिंह रावत
त्रिवेंद्र सिह रावत ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से अपना सार्वजनिक जीवन शुरू किया.19 साल की उम्र में वे आरएसएस से जुड़े.यहां से त्रिवेंद्र सिंह ने प्रचारक से मुख्यमंत्री तक की यात्रा की.त्रिवेंद्र सिंह रावत का जन्म 20 दिसंबर 1960 को पौड़ी के खैरासैंड़ गांव में हुआ.1979 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े.1985 में वह देहरादून महानगर प्रचारक बने.इस दायित्व पर रहते उन्होंने स्वर्गीय डॉक्टर नित्यानंद के नेतृत्व में उत्तरकाशी भूकंप में जमीनी स्तर पर काम किया। 1993 में त्रिवेन्द्र रावत भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री बने. 1997 में त्रिवेंद्र सिंह भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री बने.2002 में फिर वह भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री बने.
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 2002 में सक्रिय राजनीति शुरू की. 2002 में त्रिवेंद्र सिंह ने पहला विधानसभा चुनाव डोईवाला विधानसभा से लड़ा जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की. 2007 में भी त्रिवेंद्र सिह ने डोईवाला से ही चुनाव लड़ा.वे यहां से लगातार दूसरी बार जीते.इस बार राज्य में भाजपा की सरकार बनी जिसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया.2012 में त्रिवेंद्र सिंह रावत को रायपुर से चुनाव में उतारा गया जिसमें वे कुछ सौ वोटों से चुनाव हार गये.इसके बाद 2014 के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत अमित शाह की टीम में शामिल हुये.वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सहप्रभारी बनाये गये.यहां भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया.इस साल भाजपा ने केंद्र में सरकार बनाई.इसके बाद त्रिवेंद्र को झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रभारी बनाया गया,जहां उनकी देखरेख में भाजपा को जीत मिली.
इसके बाद साल 2017 उत्तराखंड विधानसभा चुनाव हुये. जिसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डोईवाला से चुनाव लड़ा.इसमें उन्होंने जीत हासिल की और उन्हें उत्तराखंड का मुख्य मंत्री बनाया गया.उन्होंने 4 साल सरकार चलाई जिसमें उन्हें रैणी और कोरोना की चुनौती का सामना करना पड़ा। उन्हें साल 2021 में मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया.तब से लेकर अब तक त्रिवेंद्र को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई. हालांकि इस बीच लगातार वे पौड़ी और हरिद्वार दोनों सीटों से लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे थे। उन्हें पता था कि भाजपा पौड़ी और हरिद्वार में ब्राह्मण तथा राजपूत का समीकरण साधती है। वहीं हुआ। भाजपा ने पौड़ी में राजपूत तीरथ सिंह रावत की जगह ब्राह्मण अनिल बलूनी तो हरिद्वार में ब्राह्मण रमेश पोखरियाल निशंक की जगह राजपूत त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनावी मैदान में उतारा है.
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