लोकसभा चुनाव के पहले ही घुटने क्यों टेक रही कांग्रेस?

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लोकसभा चुनाव से पहले ही लड़ाई क्यों हार रही कांग्रेस? सूरत, इंदौर के बाद पुरी में लगा पार्टी को बड़ा झटका
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से पहले ओडिशा से कांग्रेस के लिए अच्छी खबर नहीं है। यहां पुरी से पार्टी उम्मीदवार ने टिकट लौटा दिया है। सूरत और इंदौर के बाद कांग्रेस के लिए आम चुनाव में यह तीसरा बड़ा झटका है। पार्टी वोटिंग से पहले ही मुकाबले से बाहर हो जा रही है।

मुख्य बिंदु 

सूरत, इंदौर के बाद ओडिशा के पुरी में कांग्रेस को लगा झटका
ओडिशा से पार्टी उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने लौटाया टिकट
सूरत में पहले ही कांग्रेस उम्मीदवार का पर्चा हो गया था खारिज
इंदौर में कांग्रेस उम्मीदवार ने खुद ही वापस ली थी उम्मीदवारी

नई दिल्ली 04 मई 2024: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की परेशानी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। पहले सूरत, फिर इंदौर और अब पुरी। कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव से पहले मैदान से पीछे हट जा रहे हैं। अब पुरी से कांग्रेस उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने पार्टी का टिकट लौटा दिया है। मोहंती का कहना है कि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं। लोकसभा में बिना लड़े ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की यह तीसरी बड़ा झटका है। दूसरी तरफ कांग्रेस इन घटनाक्रमों को लेकर बीजेपी पर लोकतंत्र का चीरहरण करने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत कह चुकी हैं कि बीजेपी के शीर्ष नेता विपक्षी उम्मीदवारों को डराने-धमकाने और मामले दर्ज करवाने का काम कर रहे हैं। उम्मीदवारों का पर्चा खारिज होने, टिकट लौटाने और नाम वापस लेने को लेकर कांग्रेस बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रही है। सूरत के संदर्भ में कांग्रेस का कहना था कि बीजेपी के मजबूत गढ़ में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इतना घबराए और डरे हुए क्यों हैं? पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि सूरत के बाद इंदौर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवारों को नामांकन वापस लेने के लिए डराया और धमकाया गया।

पुरी में पीछे हटीं कांग्रेस उम्मीदवार
पुरी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने पैसे की तंगी से जूझ रही पार्टी से कम वित्तीय सहायता का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। ओडिशा में लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को इसे बड़ा झटका माना जा रहा है। पुरी लोकसभा सीट और इसमें सात विधानसभा क्षेत्रों में 25 मई को वोटिंग होनी है। नामांकन की अंतिम तिथि 6 मई है। बीजू जनता दल के अरूप पटनायक और भाजपा के संबित पात्रा पहले ही अपना नामांकन कर चुके हैं। मोहंती ने शनिवार को कहा कि मैंने पार्टी का टिकट लौटा दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने शुक्रवार रात को पार्टी के उच्चाधिकारियों को एक मेल भेजा, जिसमें पार्टी से शून्य फंडिंग के कारण चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले से अवगत कराया। हाल ही में मोहंती ने चुनाव लड़ने को चंदा मांगने को क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया था। उसने पैसे मांगते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक यूपीआई क्यूआर कोड साझा किया था। मोहंती ने कहा कि उन्हें दानदाताओं से मदद लेने को मजबूर होना पड़ा क्योंकि नकदी की कमी से जूझ रही कांग्रेस के बैंक खाते पहले ही फ्रीज कर दिए गए थे। उन्होंने कहा कि चूंकि मैं अपने दम पर धन नहीं जुटा सकती थी, इसलिए मैंने पार्टी से मुझे पैसे भेजने की अपील की। जब कहीं से भी पैसे नहीं जुटे, तो मैंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। मोहंती ने 2014 में भी पुरी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था।

सूरत में लगा था पहला झटका
सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी का नामांकन पत्र 21 अप्रैल को निरस्त हो गया था। जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रथम दृष्टया प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में विसंगतियां पाई थीं। निर्वाचन अधिकारी सौरभ पारधी ने अपने आदेश में कहा था कि नामांकन फॉर्म पर प्रस्तावकों के हस्ताक्षर असली नहीं लग रहे थे। आदेश में कहा गया कि प्रस्तावकों ने अपने शपथपत्रों में कहा था कि उन्होंने फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए हैं। भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल के चुनाव एजेंट दिनेश जोधानी ने कांग्रेस प्रत्याशी  के नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई थी। अधिकारियों की तरफ से फॉर्म निरस्त किए जाने के बाद भाजपा ने अन्य आठ नामांकन पत्र भी वापस करवा लिए। इसके बाद भाजपा  के मुकेश दलाल को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया। इसके बाद कांग्रेस की गुजरात इकाई ने नीलेश कुम्भाणी को छह साल को पार्टी से निलंबित कर दिया। कांग्रेस राज्य इकाई का कहना था कि पार्टी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि नामांकन पत्र नीलेश घोर लापरवाही या भाजपा से उनकी मिलीभगत से निरस्त हुआ।

इंदौर : कांग्रेस उम्मीदवार ने वापस लिया था नाम
मध्य प्रदेश के इंदौर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस को 29 अप्रैल को बड़ा झटका लगा था। यहां से पार्टी के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। इंदौर में कांग्रेस के अक्षय कांति बम और भाजपा के उम्मीदवार शंकर लालवानी में मुकाबला था। वहीं, 29 अप्रैल को अक्षय ने निर्वाचन कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन वापस ले लिया। पिछले विधानसभा चुनाव में इंदौर में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। इंदौर में किसी सीट पर कांग्रेस जीत नहीं पाई। संभावना जताई जा रही है कि अक्षय कांति बम भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इस पर भाजपा नेता और राज्य सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक्स पर लिखा, इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय बम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री मोहन यादव व प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है।

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