पितृ-भातृ हत्यारी बेटी धरी गई 75 दिन बाद,प्रेमी का जबलपुर में आत्मसमर्पण

जबलपुर में पिता-भाई की हत्या की अवयस्क आरोपित पकड़ी गई, 75 दिन बाद हरिद्वार से मिली,आरोपित प्रेमी ने जबलपुर पहुंच किया आत्मसमर्पण

हरिद्वार 30 मई 2024.जबलपुर में रेलवे अधिकारी और बेटे की निर्मम हत्या का आरोप मृतक की बेटी और उसके प्रेमी पर लगा था. फिलहाल, बेटी को पकड़ लिया गया और आरोपित मुकुल पर 30 हजार का इनाम रखा गया लेकिन आज देर रात उसने मुंह ढंककर पुलिस थाने पहुंच आत्मसमर्पण कर दिया।

मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर के बहुचर्चित पिता-पुत्र के डबल मर्डर केस में अवयस्क बेटी हरिद्वार में पकड़ी गई  है. गिरफ्तारी घटना के 75 दिन बाद हुई. मुख्य आरोपित अवयस्क लड़की का प्रेमी मुकुल सिंह पुलिस को चकमा देकर भाग गया था.

मुकुल सिंह के ऊपर पुलिस ने 30 हजार रुपये का इनाम घोषित था. जबलपुर के सिविल लाइन की मिलेनियम कॉलोनी में 15 मार्च 2024 को रेलवे अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा और उनके अबोध बेटे तनिष्क की हत्या का मुख्य आरोपित मुकुल मृतक की अवयस्क बेटी (अपनी प्रेमिका) को छोड़कर हरिद्वार में पुलिस को चकमा देकर भाग निकला.

पुलिस को चकमा देकर आरोपित फरार
जबलपुर के पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने अवयस्क किशोरी की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि डबल मर्डर का आरोपित मुकुल सिंह और मृतक की अवयस्क बेटी के हरिद्वार में होने की सूचना पर लोकल पुलिस ने छापेमारी की .  अवयस्क को छोड़कर आरोपित मुकुल भाग गया, उसे खोजा जा रहा है. जबलपुर पुलिस मृतक की अवयस्क बेटी को अभिरक्षा में लेने को हरिद्वार पहुंची.

बता दें, 15 मार्च को पिता-पुत्र की निर्मम हत्या कॉलोनी में ही रहने वाले एक अन्य रेलवे अधिकारी के पुत्र मुकुल सिंह ने कर दी थी. इसमें उसका साथ मृतक की अवयस्क बेटी ने भी दिया था. हत्या बाद वह स्कूटर लेकर कॉलोनी से बाहर निकलता दिखा था. उसके पीछे मृतक की नाबालिग बेटी भी निकली थी और फिर दोनों स्कूटर पर सवार होकर भाग गये थे.

पोस्टर देख लोकल ने दी थी पुलिस को सूचना
अब नाबालिग किशोरी के पकड़े जाने के बाद जल्द ही दोहरे हत्याकांड का खुलासा हो सकेगा. दोनों आरोपी 75 दिन से अधिक समय से फरार थे. उनकी तलाश में पुलिस टीमों को पुणे, मुंबई, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और नेपाल भी भेजा गया था, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लग सका था. मुख्य आरोपित मुकुल सिंह की जहां भी लोकेशन मिलती थी, वहां पुलिस के पहुंचने के पहले ही वह खिसक जाता था.

पुलिस ने आरोपित की गिरफ्तारी को इनाम घोषित किया था और उसको वांटेड होने के पोस्टर छपवाकर कई प्रदेशों में भेजे गये थे. पोस्टर देखकर हरिद्वार के एक नागरिक ने लोकल पुलिस को सूचना दी. उस आधार पर पुलिस ने घेराबंदी की तो आरोपित मुकुल भाग निकला, लेकिन नाबालिग किशोरी को पुलिस ने अभिरक्षा में ले लिया, जिसे लेने जबलपुर पुलिस की टीम हरिद्वार गई.

ये है पूरा मामला?

गौरतलब है कि, 14-15 मार्च 2024 की दरम्यानी रात मिलेनियम कॉलोनी के ब्लॉक नंबर 363-3 निवासी रेलवे अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा और उनके 8 साल के अबोध बेटे तनिष्क की निर्मम हत्या हुई थी. पुलिस जांच में आया कि कॉलोनी निवासी एक अन्य रेलवे अधिकारी राजपाल सिंह के बेटे मुकुल सिंह और मृतक राजकुमार की अवयस्क बेटी (आरोपित की प्रेमिका) ने ये जघन्य हत्यायें की थी .

मथुरा में कैमरे में नजर आये दोनों
तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर हत्या बाद दोपहर में मुकुल अपनी मोपेड लेकर कॉलोनी से निकलता दिखा. बताया जाता है कि इससे पहले आरोपित मुकुल और उसकी प्रेमिका के मथुरा में होने की जानकारी पर पुलिस वहां पहुंची और कई प्रमुख स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे जांचे. तब आरोपित मुकुल का रूप-रंग बदला दिखा.

वहीं,उसकी नाबालिग प्रेमिका गोल टोपी पहने दिख रही थी. दोनों 10 अप्रैल की दोपहर मथुरा पहुंचे थे और वहां दो से तीन दिन रुके थे. उसके बाद वे कहां गए, इसका पता नहीं चल सका. इससे पहले भी पुलिस को दोनों आरोपितों के मुंबई, गोवा, पुणे और हुबली में होने की जानकारी लगी थी.

फरारी काटने में कौन कर रहा मदद?
फरारी के दौरान आरोपित ने एटीएम का उपयोग करने की जानकारी लगने पर पुलिस ने मुकुल के दो और मृतक राजकुमार का एक खाता फ्रीज करा दिया गया था. खाते फ्रीज होने के बाद भी आरोपित के पास फरारी काटने को पैसे कहां से आ रहे हैं, यह बात हैरान करने वाली है. पुलिस फरारी काटने में  सहायक का पता लगाने में जुटी है. लड़की अपनी मां के आभूषण और पिता का डेबिट कार्ड लेकर भागी थी।

मध्य प्रदेश के जबलपुर में 15 मार्च को अपने पिता और भाई की हत्या करके अपने बॉयफ्रेंड के साथ भागी 75 दिन बाद उत्तराखंड के हरिद्वार में पकड़ी गई है। लड़की और उसके बॉयफ्रेंड ने जबलपुर पुलिस को काफी परेशान किया। भारत के कई इलाकों में घूमते रहे। यहां उल्लेख करना जरूरी है कि जिस बॉयफ्रेंड को लड़की ने हाई कोर्ट में अपने पिता के खिलाफ बयान दिया और बाद में अपने पिता और अबोध भाई की हत्या कर दी वही बॉयफ्रेंड उसे हरिद्वार में अकेला छोड़कर भाग गया । यह एक ऐसी लव स्टोरी है, जिसे  75 दिनों में किसी ने पसंद नहीं किया। न कोई ऐसी बेटी चाहता,न ऐसा प्यार।

दुर्दांत हत्यारा निकला मुकुल और पत्थर दिल कुपुत्री 

लड़की की उम्र 17 साल है, हालांकि हत्या जैसे गंभीर अपराध में उसे वयस्क माना जाएगा। उसका 21वर्षीय बॉयफ्रेंड मुकुल सिंह  उसका पड़ोसी है। लड़की का पिता राजकुमार विश्वकर्मा जबलपुर रेलवे में अधीक्षक  थे। सभी लोग रेलवे मिलेनियम काॅलोनी सिविल लाइन जबलपुर में रहते थे।

घटना का संक्षिप्त विवरण
13 मार्च 2024 को लड़की ने अपनी चचेरी बहन को एक वॉइस मैसेज करके बताया कि मुकुल ने पापा और तनिष्क को मार डाला है। पुलिस पहुंची तो घर में दोनों की डेड बॉडी पड़ी थी। लड़की गायब थी। CCTV कैमरे की रिकॉर्डिंग में वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ जाती दिखी। 16 मार्च को जबलपुर मेडिकल कॉलेज में राजकुमार विश्वकर्मा और  तनिष्क का पोस्टमार्टम हुआ। डॉक्टरों की टीम में डॉक्टर एच लोधी भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि जिस समय शव अस्पताल लाए गए थे, उसके 24 घंटे पहले ही मौत हो चुकी थी। शरीर हल्के काले पड़ने लगे थे। डॉक्टर के मुताबिक बच्चे का शरीर काफी देर तक फ्रिज में था, जिसके कारण अकड़ गया था।

मरने के बाद भी मारता रहा
डॉक्टर लोधी ने बताया कि जिस भी हथियार से हमला किया गया है, वो बहुत ही भारी और धारदार था। राजकुमार के सिर पर 10 वार किए गए थे। इससे सिर की हडि्डयों के कई टुकड़े हो गए थे। गले पर चाकू के निशान भी थे। जब राजकुमार पर हमला हुआ तो V आकार बना था। डॉक्टर का कहना है कि तनिष्क को भी उसी हथियार से मारा गया। तनिष्क पर भी आरोपित ने छह वार किए थे। उसके सिर की हड्डी के साथ गले की भी हड्डी टूट गई थी। वार करते हमलावर के हाथ से या तो हथियार फिसल गया या फिर निशाना चूक गया। आरोपितों ने तनिष्क का शव तुरंत ही फ्रिज में रख दिया था, जिससे खून जम गया था।

प्रोफेशनल क्रिमिनल की तरह हत्या की गई
आरोपी मुकुल सिंह ज्यादातर समय मोबाइल पर टॉलीवुड की थ्रिलर मूवीज देखता था। उसने अच्छे से जान लिया था कि कैसे अपराध करना है और कैसे बचना है। उसने वारदात को अंजाम देने के लिए दो प्लान बनाए थे।

प्लान A – मुकुल ने वारदात के लिए रातभर सामान इकट्ठा कर गैरेज में रखा। तड़के 3 बजे सामान लेकर राजकुमार के घर पहुंचा। तब तक गैस कटर, पॉलिथीन, ग्लब्ज, चाकू सभी कुछ एक जगह रख चुका था। मुकुल को पता था कि हत्या के बाद दिन में राजकुमार के घर से भागना मुमकिन नहीं है।
प्लान B – मुकुल सिंह को पता था कि राजकुमार पीछे वाले दरवाजे पर ताला लगाकर रखते हैं। वहां से अगर भागना पड़े, तो बिना आवाज ताला काटने के लिए मिनी गैस कटर भी रखा था।

कितने क्रिमिनल माइंडेड है
पिता की डेड बॉडी को किचन में और भाई की डेड बॉडी को फ्रिज में रखा। दूसरे दिन दोनों एक साथ कॉलोनी से बाहर निकले। मदन महल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक से अंदर गए दूसरी तरफ से बाहर निकाल कर आएसबीटी बस स्टैंड पहुंच गए और बस में बैठ गए। बस के रवाना होने की थोड़ी देर बाद दवाई लेने के बहाने जबलपुर के आधारताल इलाके में उतर गए और फिर दूसरी बस से कटनी चले गए फिर कटनी से ट्रेन पड़कर पुणे महाराष्ट्र चले गए। इस प्रकार पुलिस को कंफ्यूज किया। यदि पुलिस रेलवे स्टेशन के बाद आईएसबीटी का CCTV रिकॉर्ड चेक नहीं करती तो वह हमेशा यही सोचती रहती की ट्रेन में बैठकर रवाना हुए हैं। इसी प्रकार भारत के कई इलाकों में घूमते रहे। मोबाइल फोन USE नहीं करते थे। अक्सर भीड़ भाड़ वाले इलाकों में रहते थे। अयोध्या भी गए थे। उत्तराखंड के हरिद्वार में भी एक आश्रम में रह रहे थे। पहचान लिए गए तो भाग गए थे।

हत्या क्यों की, वैसे ही भाग जाते
लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम है। जबकि लड़के की उम्र 21 वर्ष है। पिता राजकुमार विश्वकर्मा का मानना था कि मुकुल सिंह उनकी लड़की को झूठे प्यार में फंसा उसका शारीरिक शोषण कर रहा है। इसलिए उन्होंने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी थी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 और पोक्सो एक्ट में मुकदमा लिख मुकुल सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। जमानत को हाईकोर्ट में बहस में लड़की ने बयान दिया कि वह अपनी मर्जी से मुकुल सिंह के साथ जाकर फिजिकल रिलेशन बनाए। मुकुल सिंह के वकील ने कोर्ट में साबित किया कि लड़की 16 वर्ष से अधिक आयु की और मेच्योर है। इसी आधार पर मुकुल सिंह को जमानत मिल गई थी। मुकुल सिंह ने जेल में ही राजकुमार विश्वकर्मा की हत्या का प्लान बना लिया था।। तनिष्क की उम्र मात्र 8 साल थी। उसे अपने साथ नहीं ले जा सकते थे इसलिए उसे भी मार डाला। लड़की शुरू से आखरी तक अपने पिता के खिलाफ और अपने बॉयफ्रेंड मुकुल सिंह के साथ रही।

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